Ayodhya Diwali 2025 Date : अयोध्या की दिवाली कब है?

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Ayodhya Diwali 2025 Date : अयोध्या की दिवाली कब है?

Ayodhya Diwali 2025 Date: क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली सिर्फ दीप जलाने और मिठाइयाँ खाने का त्योहार नहीं है? क्या आप जानते हैं कि अयोध्या में दिवाली का मतलब भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी से जुड़ा है? और क्या आप 2025 में इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं? अयोध्या दिवाली 2025 इस बार 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक मनाई जाएगी, जब पूरा शहर लाखों दीपों की रौशनी में डूब जाएगा।

क्या आप उन घाटों की कल्पना कर सकते हैं जहाँ सरयू नदी किनारे दीपों की झिलमिलाहट देख हर श्रद्धालु भावविभोर हो उठता है? क्या आप सोच सकते हैं कि राम मंदिर में पहली बार दिवाली का भव्य आयोजन होगा और भक्तों की कतारें रामलला के दर्शन के लिए लंबे समय तक लगी रहेंगी?

क्या आप जानना चाहते हैं कि इस दिवाली में ज्योतिषीय दृष्टि से कौन से शुभ संयोग हैं, और कैसे यह आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है? अयोध्या की दिवाली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि अध्यात्म, संस्कृति और परंपरा का वास्तविक अनुभव है। अगर आप असली दिवाली का आनंद लेना चाहते हैं, तो अयोध्या की दिवाली 2025 आपके लिए यादगार यात्रा साबित हो सकती है।

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अयोध्या की दिवाली 2025 कब है? (Ayodhya Me Diwali Kab Hai 2025)

अयोध्या की दिवाली 2025 इस बार शनिवार 18 अक्टूबर से गुरुवार 23 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। ये छह दिन पूरे शहर को दीपों की रौशनी से जगमगाते हैं।

यह वही अवसर है जब भक्त भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद में दीपोत्सव मनाते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं, सरयू घाट पर दीपदान करते हैं और राम मंदिर में दर्शन करते हैं। अयोध्या की दिवाली का अनुभव सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि अध्यात्म और संस्कृति का वास्तविक रूप है।

अयोध्या दिवाली क्यों खास है? (Why Ayodhya Diwali Special)

पूरे भारत में दिवाली का जश्न होता है, लेकिन अयोध्या की दिवाली अपने अलग महत्व और भावनात्मक जुड़ाव के कारण अद्वितीय है।

  • पूरे शहर में लाखों दीप जलते हैं, जिससे वातावरण पूरी तरह से पवित्र और दिव्य हो जाता है।

  • रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे माहौल को भक्तिमय बना देते हैं।

  • राम मंदिर की भव्यता और दीपोत्सव का मिलाजुला अनुभव जीवनभर याद रहता है।

  • यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भगवान राम की आदर्श जीवन यात्रा और भारतीय परंपरा का प्रतीक है।

ज्योतिषीय दृष्टि से अयोध्या दिवाली (Diwali In Ayodhya 2025)

अयोध्या की दिवाली केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

  1. इस समय ग्रह शनि और बृहस्पति का शुभ संयोग है, जो स्थिरता, सुख और समृद्धि लाएगा।

  2. अलग-अलग राशियों पर इसका असर:

  3. कार्तिक अमावस्या की रात दीप जलाना अज्ञान पर ज्ञान की विजय और नकारात्मकता पर सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

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सरयू घाट पर दीपोत्सव

अयोध्या दिवाली का सबसे बड़ा आकर्षण सरयू घाट पर दीपदान है। ज्योतिषीय दृष्टि से सरयू घाट पर दीपदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। लाखों श्रद्धालु दीपोत्सव में भाग लेकर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

अयोध्या दिवाली का आध्यात्मिक महत्व (ayodhya diwali spritual value)

  • लक्ष्मी पूजन – कार्तिक अमावस्या की रात माता लक्ष्मी का स्वागत होता है।

  • गणेश पूजन – सभी शुभ कार्यों की शुरुआत गणेश पूजन से होती है।

  • कुबेर पूजन – व्यापारी वर्ग के लिए धन और समृद्धि का कारक।

  • नक्षत्र प्रभाव – चित्रा और स्वाति नक्षत्र का संयोग विशेष शुभ समय का संकेत देता है।

दिवाली 2025 के लिए ज्योतिषीय उपाय

यदि आप अयोध्या की दिवाली में शामिल हो रहे हैं तो इन उपायों से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है:

  1. राम मंदिर में दीप जलाना – घर में सुख और शांति बढ़ती है।

  2. सरयू घाट पर तिल के तेल का दीपदान – पितृदोष की शांति और मानसिक शांति मिलती है।

  3. लक्ष्मी पूजन में कमलगट्टे की माला अर्पित करना – धन और वैभव की वृद्धि।

  4. श्रीराम नाम का जाप करना – जीवन में शक्ति, आत्मविश्वास और बाधाओं से मुक्ति।

अयोध्या दिवाली 2025 की संस्कृति और विरासत

अयोध्या की दिवाली सिर्फ दीपों का उत्सव नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत अनुभव है।

  • रामलीला मंचन – कलाकार रामायण की कहानियों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं।

  • ड्रोन और लेज़र शो – आधुनिक तकनीक के माध्यम से रामायण की कथा को दर्शाया जाता है।

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम – भजन, लोकगीत और नृत्य पूरे माहौल को भक्तिमय बना देते हैं।

यह अनुभव युवाओं और बच्चों को भारतीय संस्कृति और धर्म से जोड़ता है।

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अयोध्या दिवाली 2025 क्यों न छोड़ें? 

  1. आध्यात्मिक ऊर्जा का दुर्लभ अनुभव।

  2. राम मंदिर में दिवाली का पहला भव्य आयोजन।

  3. सरयू घाट पर दीपदान की पवित्र परंपरा।

  4. भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का वैश्विक उत्सव।

  5. ज्योतिषीय दृष्टि से नए जीवनचक्र की शुरुआत का सही समय।

अयोध्या दिवाली 2025 यानी 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 का समय केवल त्योहार नहीं बल्कि एक दिव्य अनुभव है।

यह अवसर केवल दर्शन का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक यात्रा, ज्योतिषीय संयोग और संस्कृति का अद्भुत संगम है। अयोध्या की दिवाली में शामिल होना सिर्फ पर्व मनाना नहीं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, नई शुरुआत और दिव्य रोशनी लाना है।

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