आज का यह लेख उन लोगों के लिए भी खास है जो प्रेम के सागर में गोते लगा रहे हैं या लगाने की सोच रहे हैं। इस लेख में दिए गए उपायों को अपना कर आप अपने सच्चे प्यार को पाने में सफल हो सकते हैं। कहते हैं कि सच्चा प्यार हर किसी के भाग्य में नहीं होता। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं की हम अपने सच्चे प्यार को भाग्य के भरोसे छोड़ दें। जब प्यार किया है तो इसे हमेशा के लिए अपना बनाने किए कुछ उपाय करने में हर्ज ही क्या है। जिन उपायों से आप अपने प्रिय व प्रेयसी को जीवन भर के लिए अपना सकते हैं तो उसे अपनाने आपको में कैसी झिझक? तो आइए जानते हैं, ज्योतिष के अनुसार सच्चे प्यार पाने के क्या हैं उपाय?
आपके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा हो और अचानक से आपके साथी के साथ आपका मन मुटाव हो जाए। यह अनबन इतनी बढ़ जाए कि आपका साथी रूठ कर आपसे दूर हो चला जाए। ऐसे में आप अपने साथी को कैसे मानाएं यह भी सवाल आपके मन उठता है। क्योंकि एक बार जब कोई प्यार के इस खूबसूरत एहसास को पा लेता है तो इसे खोने का दर्द वह सहन नहीं कर पाता है। लेकिन ये बिगाड़ होता कैसे है? ज्योतिषियों का इस विषय पर कहना है कि यह सब आपके द्वारा लिए गए कुछ फैसलों के साथ ही कुंडली में प्रेम के कारक ग्रह का सही स्थिति में ना होना या कमजोर होना भी प्रेम वियोग का कारण बनता है।
ज्योतिषाचार्यों की माने तो प्रेम के कारक ग्रह का व्यक्ति की कुंडली में सही जगह पर मजबूत स्थिति में होना प्रेम के लिए आवश्यक है। अन्यथा यह आपके प्यार को आपसे दूर करने का कारण बन जाता है। इसके अलावा प्रेम के भाव में किसी शुभ ग्रह का होना भी प्रेम को बढ़ाने का काम करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम भाव में यदि प्रेम के कारक ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो यह प्रेम को प्रबल करते हैं। जिससे व्यक्ति अपने सच्चे प्यार को पाने में कामयाब होता है। जीवन भर आपका साथी आपके साथ रहता है। क्या है आपका प्रेम का कारक ग्रह बलवान? जानने के लिए बात करें, देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से।
ज्योतिष के मुताबिक प्रेम का कारक ग्रह ही किसी व्यक्ति के जीवन में प्रेम का संचार करता है। इसका सही स्थिति में होना जरूरी है। साथ ही मजबूत होना भी उतना ही आवश्यक है। नहीं तो इससे आपको कोई लाभ नहीं होगा। प्यार के कारक ग्रह शुक्र को माना गया है। शुक्र ही आपके संबंध में प्रेम को बढ़ाने का कार्य करते हैं यानी की कुंडली में शुक्र का प्रबल होना ही आपके प्रेम की गाड़ी को गति देगा।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का पंचम भाव प्रेम से संबंधित होता है। इसे ही प्रेम का भाव कहा जाता है। इस भाव में अगर प्रेम के कारक ग्रह शुक्र प्रबल होकर विराजमान हो जाएं तो आपके जीवन में प्रेम की कमी नहीं होगी। परंतु इस घर पर किसी क्रूर ग्रह की दृष्टि पड़े या इसमें कोई पाप ग्रह आ जाए तो यह आपके जीवन से प्रेम को समाप्त करने का काम करता है। इसी के चलते साथी के साथ आपका मनमुटाव होता है जो अंत में आप दोनों को अलग कर देगा।
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अब बात करते हैं सच्चे प्यार को पाने के उपायों के बारे में, ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे प्रभावी उपाय दिए गए हैं जिन्हें करने से निश्चित ही आपका सच्चा प्यार आपको मिलेगा। तो आइए जानते ये उपाय क्या हैं?
पहला और सबसे प्रभावी उपाय है शुक्र को कुंडली में प्रबल बनाना। क्योंकि आपको तो पता ही है कि शुक्र ही वह ग्रह है जो आपके जीवन में प्रेम रस भर सकता है। इसलिए इसका उपाय करना आवश्यक है। शुक्र को मजबूत करने के लिए आप अपनी कुंडली का आकलन करवा कर ज्योतिषाचार्यों से प्रभावी उपाय पा सकते हैं।
कुंडली में प्रेम का भाव पंचम भाव को माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में इस भाव के साथ इसके स्वामी का मजबूत होना भी आपकी प्यार की नैया को पार लगाने में सहायता करता है। जिसके लिए आप एस्ट्रोयोगी पर योग्य ज्योतिष से सलाह ले सकते हैं।
कुंडली में पंचम भाव ठीक हैं परंतु सप्तम भाव अशांत व सप्तमेश उग्र हैं तो यह भी आपके प्रेम में बाधा डालने का काम करेंगे। इसलिए आपको इन्हें भी शांत करने की आवश्यकता है। जिसके लिए आप ज्योतिषाचार्यों से उपाय प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो यह भी आपके सच्चे प्रेम के लिए घातक है। इसलिए आपको ज्योतिषाचार्यों से कुंडली दिखाकर दोष शांति के लिए उपाय अपनाना चाहिए।
ज्योतिष में हर ग्रह के लिए रत्न निर्धारित किया गया है जिसे धारण करने से ग्रह शक्तिशाली बनता है। शुक्र के लिए हीरा है जिसे धारण करने से आप अपने शुक्र को मजबूत कर सकते हैं। लेकिन आपको एक बार अपनी कुंडली ज्योतिषाचार्य को दिखा कर ही रत्न धारण करना चाहिए। अपने मन से कोई भी रत्न न धारण करें। अन्यथा लाभ के बजाय आपको भारी नुकसान हो सकता है।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी