Ganesh Ji Sund Disha: गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए? जानिए शुभ-अशुभ संकेत

Fri, May 23, 2025
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Fri, May 23, 2025
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
Ganesh Ji Sund Disha: गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए? जानिए शुभ-अशुभ संकेत

Ganesh Ji Sund Disha: भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ काम या पूजा की शुरुआत सबसे पहले गणपति बाप्पा की आराधना से होती है। ऐसा विश्वास है कि भगवान श्री गणेश की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और सफलता के द्वार खुलते हैं। यही कारण है कि अधिकतर लोग अपने घर के मंदिर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की मूर्ति में सूंड किस दिशा में मुड़ी होनी चाहिए, यह भी बहुत मायने रखता है? आमतौर पर लोग बाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति ही घर में रखते हैं, लेकिन कुछ मूर्तियों में सूंड दक्षिण दिशा यानी दाईं ओर मुड़ी होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि किस दिशा में सूंड होना शुभ होता है और किसमें अशुभ संकेत मिलते हैं? आइए जानते हैं गणेश जी की सूंड दिशा के महत्व के बारे में।

एस्ट्रोयोगी ऐप पर एस्ट्रोलॉजर्स से कंसल्ट करना एकदम आसान है। अभी ऐप डाउनलोड करें और एक सरल और सहज अनुभव का आनंद लें।

ऐसी मूर्ति होती है बेहद शुभ

जब भी आप अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाईं ओर यानी बाएं हाथ की तरफ मुड़ी हो। मान्यता है कि इस प्रकार की मूर्ति से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। यह इड़ा नाड़ी से जुड़ी होती है जो चंद्रमा से प्रभावित होती है और शांति, स्थिरता, समृद्धि, रचनात्मकता और सुख-संपत्ति प्रदान करती है। ऐसी मूर्ति घर के वातावरण को सौम्य और शुभ बनाए रखती है। अगर आप चाहें तो सीधी सूंड यानी सामने की ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति भी रख सकते हैं, जो रिद्धि-सिद्धि और मानसिक संतुलन में सहायक मानी जाती है।

किस तरफ होनी चाहिए सूंड?

गणेश जी की मूर्तियों में सूंड तीन दिशाओं में मुड़ी हुई मिलती है—बाईं ओर, दाईं ओर और सामने की ओर।

  • बाईं ओर सूंड: यह सबसे सामान्य और शुभ मानी जाती है। यह इड़ा नाड़ी का प्रतीक है और चंद्रमा से जुड़ी होती है। ऐसे स्वरूप की पूजा से शिक्षा, विवाह, संतान सुख, धन, व्यापार और पारिवारिक जीवन में सफलता मिलती है।

  • दाहिनी ओर सूंड: इसे पिंगला स्वर कहा जाता है और यह सूर्य से प्रभावित होता है। यह स्वरूप अधिक उग्र और शक्तिशाली होता है। इसकी पूजा बहुत विधिपूर्वक करनी चाहिए। सामान्यतः इसे मंदिरों में रखा जाता है क्योंकि घर में इसकी पूजा में गलती हो जाए तो दुष्परिणाम हो सकते हैं।

  • सीधी सूंड: इसे सुषुम्ना स्वर का प्रतीक माना गया है। यह मोक्ष, समाधि, कुंडलिनी जागरण और आत्मज्ञान का प्रतीक होता है। संत और तपस्वी इस स्वरूप की पूजा करते हैं।

यह भी पढ़ें: नई गाड़ी में किस भगवान की मूर्ति रखें? जानें सही मूर्ति, दिशा और वास्तु नियम

बाईं सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता

अगर गणेश जी की सूंड बाईं ओर हो तो यह सौम्यता और चंद्रमा से जुड़ी शीतलता का प्रतीक है। इड़ा नाड़ी का संबंध मानसिक शांति, स्थायित्व और गृह सुख से होता है। जब आप बाईं नाक से सांस लेते हैं, तो माना जाता है कि इड़ा नाड़ी सक्रिय है, जो दिन को शांतिपूर्ण बनाती है। ऐसी मूर्ति घर में रखने से सुख-शांति, संतुलन और सकारात्मकता बनी रहती है।

दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता

जब गणेश जी की मूर्ति की सूंड दाईं ओर होती है, तो इसे 'दक्षिणावर्ती' मूर्ति कहा जाता है। यह पिंगला नाड़ी का प्रतिनिधित्व करती है, जो सूर्य की ऊर्जा से प्रेरित होती है। दाहिने स्वर के जागरण का मतलब है कि व्यक्ति आज ऊर्जावान रहेगा। यह मूर्ति शक्ति, विजय, संकट निवारण और उग्र साधना के लिए उपयुक्त मानी जाती है। लेकिन ध्यान रखें कि इस मूर्ति की पूजा विशेष नियमों के तहत ही करनी चाहिए, वरना इसके विपरीत परिणाम हो सकते हैं। यही कारण है कि सिद्धि विनायक मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में ही इस स्वरूप की पूजा होती है।

यह भी पढ़ें: साल 2025 में विवाह के लिए शुभ मांगलिक मुहूर्त

अगर आप अपने घर में गणेश जी की मूर्ति रखना चाहते हैं, तो बाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति सबसे उत्तम मानी जाती है। यह शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करती है। यदि आप साधना या विशेष कार्यों के लिए मूर्ति स्थापित कर रहे हैं तो एस्ट्रोलॉजर से सलाह लेकर दाहिनी या सीधी सूंड वाली मूर्ति का चयन करें। गणेश जी की सूंड की दिशा केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि ऊर्जा और भावनाओं का संचार भी है। इसीलिए मूर्ति का चयन सोच-समझकर करें और विधिवत पूजा करें, ताकि भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहे।

अगर आप अपनी कुंडली के आधार पर किसी महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए शुभ समय जानना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहली कॉल होगी बिलकुल फ्री।

article tag
Spirituality
Vedic astrology
article tag
Spirituality
Vedic astrology
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!