इन दिनों पूरे देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। चारों तरफ गणपति पंडाल और "गणपति बप्पा मोरैया" से वातावरण गुंजायमान है। इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 31 अगस्त से शुरू होकर 09 सितंबर को समाप्त होगा। इसका मतलब है कि 9 सितंबर को गणेश विसर्जन किया जाएगा। 9 सितंबर को "गणपति बप्पा मोरैया अगली बरस तू जल्दी आ" के साथ सभी गणपति भक्त भगवान विघ्नहर्ता का विसर्जन करेंगे।
लेख में दी गई गणपति विसर्जन की पूजन विधि सामान्य है। यदि आप कुंडली या ग्रह के अनुसार विधिपूर्वक विसर्जन करना चाहते हैं तो आप अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से परामर्श कर सकते हैं।
वहीं गणेशोत्सव के 10 दिन के पर्व में कुछ लोग गणपति की स्थापना 1.5 दिन के लिए, 3 दिन के लिए, 5 दिन के लिए, 7 दिन के लिए, 9 दिन के लिए और 11 दिन के लिए करते हैं और उसके बाद विधि विधान से विघ्नहर्ता का जल में विसर्जन कर देते हैं और उनसे अगली बरस दोबारा आने की कामना भी करते हैं।
इस बार 9 सितंबर 2022 यानि अनंत चतुर्दर्शी के दिन गणपति विसर्जन का शुभ पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषीयों के अनुसार गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त है।
अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन: 9 सितम्बर 2022, शुक्रवार
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - प्रातः 06:03 से 10:44 तक
अपराह्न मुहूर्त (चर) - सायं 05:00 से 06:34 तक
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 12:18 से 01:52 तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात्रि 09:26 से 10:52 तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - रात्रि 12:18 से प्रातः 04:37 तक 10 सितम्बर 2022
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - 8 सितम्बर 2022 को रात्रि 09:02 से
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 9 सितम्बर 2022 को सायं 06:07 तक
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गणेश चतुर्थी में भगवान गणेश के विसर्जन का अपना ही एक अलग महत्व है। इस विसर्जन में एक संदेश छिपा होता है। मान्यता है कि देवी-देवताओं की मूर्तियों का जल में विसर्जन करने से उनका अंश मूर्ति से निकलकर अपने लोक पहुंच जाता है यानी परम ब्रह्म में लीन हो जाता है। साथ ही गणपति को विसर्जित करने का एक सार यह भी है कि जिंदगी नश्वर है जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है। प्रकृति रूपी ब्रह्म से जीवन मिला है और एक दिन उसे परम ब्रह्म रूपी प्रकृति में ही मिल जाना है।
गणेश चतुर्थी के दिन घर या पंडालों में गणपति की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है और 10वें दिन विघ्नहर्ता का विधि पूर्वक विसर्जन किया जाता है। अब आपके मन में सवाल होगा कि हम उन्हें विदाई कैसे देते हैं? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि शुभ फल पाने के लिए श्रीगणेश का विसर्जन विधिपूर्वक कैसे करें...
अगर आप इको फ्रेंडली गणपति को स्थापित करते हैं और उनका विधि पूर्वक विसर्जन करते हैं तो गणपति पूर्णतया पानी में विलीन हो जाते हैं और आपको पूरा पुण्य मिलता है।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी