
Kuber Pooja Upaay: हिंदू धर्म में भगवान कुबेर को धन, वैभव और ऐश्वर्य का अधिपति माना गया है। उन्हें यक्षों का राजा और देवताओं का खजांची कहा जाता है। कुबेर की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है। खासतौर पर दीपावली और धनतेरस जैसे पर्वों पर लक्ष्मी माता के साथ कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन 5 आसान और प्रभावशाली तरीकों से आप कुबेर देव को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन में धन की वर्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
1. कुबेर की नियमित पूजा और मंत्र जाप
कुबेर पूजा का महत्व: कुबेर की पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि के लिए की जाती है, बल्कि यह मानसिक शांति और पारिवारिक सुख के लिए भी लाभकारी होती है। पूजा में विशेष मंत्रों का उच्चारण और सही दिशा में ध्यान केंद्रित करना आवश्यक होता है।
उपयोगी मंत्र:
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।
ॐ लक्ष्मी कुबेराय नमः।
इन मंत्रों का 108 बार जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक तंगी दूर होती है।
2. वटवृक्ष की पूजा और जल अर्पण
वटवृक्ष का महत्व: भगवान कुबेर का निवास वटवृक्ष (बरगद का पेड़) में माना जाता है। पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से वटवृक्ष पर जल अर्पित करता है, उस पर कुबेर की विशेष कृपा बनी रहती है।
क्या करें:
प्रतिदिन या विशेष रूप से गुरुवार और शुक्रवार को वटवृक्ष के नीचे दीया जलाएं।
साफ जल में चावल, लाल फूल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर वटवृक्ष की जड़ों में अर्पित करें।
मन में कुबेर देव से समृद्धि की कामना करें।
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3. वास्तु के अनुसार कुबेर की मूर्ति और दिशा
कुबेर की दिशा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुबेर की दिशा उत्तर दिशा मानी गई है। इसी दिशा में धन और वैभव का निवास होता है।
मूर्ति रखने के नियम:
कुबेर की मूर्ति या चित्र को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में रखें।
मूर्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
पूजा स्थान हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें।
पीले और सुनहरे रंग के वस्त्रों से कुबेर की सजावट करें।
इस उपाय से धन का आगमन बना रहता है और अचानक धन हानि से भी बचाव होता है।
4. क्रासुला का पौधा और धातु का कछुआ
क्रासुला पौधा (Jade Plant): क्रासुला को वास्तु में धन का प्रतीक माना गया है। यह पौधा सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करता है।
इसे घर के मुख्य द्वार के पास या उत्तर दिशा में रखें।
पौधा हरा, ताजा और बिना मुरझाए रहना चाहिए।
धातु का कछुआ: धातु का कछुआ कुबेर को प्रिय है। यह आय में स्थायित्व और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
इसे हमेशा पानी से भरे बर्तन में उत्तर दिशा में रखें।
नियमित रूप से पानी बदलते रहें और कछुए को साफ रखें।
इन दोनों वस्तुओं का उपयोग करने से घर में लक्ष्मी और कुबेर दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
5. तिजोरी और धनस्थान का वास्तु
तिजोरी की दिशा: कुबेर की कृपा प्राप्त करने के लिए घर या ऑफिस की तिजोरी की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है।
तिजोरी या लॉकर को दक्षिण दिशा की दीवार से सटाकर उत्तर दिशा की ओर खुलने दें।
तिजोरी के पास कभी भी गंदगी या बेकार सामान न रखें।
ध्यान देने योग्य बातें:
तिजोरी में लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर चांदी का सिक्का रखें।
शुक्रवार के दिन तिजोरी की सफाई करके हल्दी और केसर का टीका लगाएं।
तिजोरी में देवी लक्ष्मी और कुबेर की छोटी सी मूर्ति या चित्र भी रखें।
इन आसान उपायों से कुबेर देव को प्रसन्न किया जा सकता है और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है।
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कुबेर का परिचय: कुबेर महर्षि विश्रवा और देववर्णिनी के पुत्र तथा लंकापति रावण के सौतेले भाई थे। उन्होंने कठिन तपस्या से ब्रह्मा जी से धन का वरदान प्राप्त किया और यक्षों के राजा बनाए गए। वे भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं और कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं।
नौ निधियों के अधिपति: कुबेर को नौ निधियों – पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुंद, कुंद, नील और नंद – का स्वामी माना गया है। इसलिए वे धन और समृद्धि के सबसे बड़े देवता हैं।
धनतेरस का दिन: धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन धन की देवी और देवता दोनों की आराधना करने से साल भर आर्थिक समस्याएं नहीं आतीं।
क्या करें:
धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र की स्थापना करें।
शंख, कमल, चावल और चांदी के सिक्के से पूजन करें।
कुबेर मंत्रों का 108 बार जाप करें और घर में दीप जलाएं।
इस विधि से दीवाली पर लक्ष्मी-कुबेर की कृपा एक साथ प्राप्त होती है।
भगवान कुबेर की पूजा और उनके बताए गए उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में धन, वैभव और सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकता है। चाहे वह कुबेर मंत्रों का जाप हो, वटवृक्ष की पूजा, क्रासुला का पौधा, या वास्तु अनुसार तिजोरी की दिशा — ये सभी उपाय शास्त्रों और पौराणिक मान्यताओं पर आधारित हैं। अगर नियमित श्रद्धा और विधिपूर्वक इन उपायों को किया जाए तो निश्चित रूप से कुबेर देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में पैसों की बारिश होती है।