पूरे भारतवर्ष में मां दुर्गा की पूजा का पर्व साल में 4 बार मनाया जाता है परंतु प्रमुख तौर पर देश में चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि का अंत रामनवमी के साथ होता है और शारदीय नवरात्रि का अंत विजयदशमी यानि दशहरा के साथ होता है। नवरात्रि के दौरान देवी का पूजन नवदुर्गा यानि देवी के 9 स्वरूपों के रूप में किया जाता है। नवरात्रि की विधिपूर्वक पूजन-विधि करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकमनाएं पूर्ण करती हैं।
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इस बार शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है और 25 अक्टूबर को नवरात्री का समापन होगा। नवरात्रि में सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि आप अपने सामर्थ्य के अनुसार 1 दिन, 2 दिन, 5 दिन या पूरे 9 दिन तक उपवास रख सकते हैं। इसलिए संकल्प लेते समय व्रतधारी उसी तरह का संकल्प ले, जिस प्रकार आपको व्रत करना है। नवरात्रि के प्रथम दिन घरों में भक्तगण माता की चौकी, अखंड ज्योति और कलश स्थापना करते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, इस साल 17 अक्टूबर 2020 को प्रतिपदा तिथि के दिन चौकी स्थापना शुभ मुहुर्त वैसे तो सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा, लेकिन 11 बजकर 43 से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक विशेष मुहुर्त होगा। इसके अलावा शाम को चौघड़िया के अनुसार सूर्यास्त के बाद भी माता की चौकी स्थापित की जा सकेगी।
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