नाग पंचमी 2025 पर जरूर करें ये उपाय! मिलेंगे चमत्कारी फायदे।

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नाग पंचमी 2025 पर जरूर करें ये उपाय! मिलेंगे चमत्कारी फायदे।

Nag Panchami 2025: भारतीय संस्कृति में हर त्योहार का अपना एक अलग महत्व होता है। यह त्योहार जीवन जीने के तरीके और प्रकृति के सम्मान से भी जुड़े होते हैं। ऐसा ही एक विशेष पर्व नाग पंचमी है। इस अवसर पर सभी भक्त नागों यानी सर्प देवताओं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व हर साल सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमीतिथि को मनाया जाता है। 

नाग पंचमी पूरे भारत में मनाई जाती है लेकिन इसकी परंपराएं अलग-अलग राज्यों में कुछ भिन्न हो सकती हैं। उत्तर भारत में नाग मंदिरों में जाकर दूध चढ़ाना आम परंपरा है। महाराष्ट्र में खासकर नागपुर में यह पर्व बेहद श्रद्धा से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल और असम में देवी मनसा की पूजा की जाती है, जो सर्पों की देवी मानी जाती हैं। दक्षिण भारत में महिलाएं घर की चौखट या आंगन में सर्प की आकृति बनाकर उन्हें पूजती हैं। वर्ष 2025 में यह पर्व मंगलवार, 29 जुलाई को पूरे भारत में मनाया जाएगा। आइए जानते हैं नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है और इस दिन कौन-से उपाय करने चाहिए। 

नाग पंचमी 2025 मुहूर्त (Nag panchami muhurat)

इस बार नाग पंचमी की पंचमी तिथि 28 जुलाई को रात 11:24 बजे शुरू होकर 30 जुलाई को रात 12:46 बजे तक रहेगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 29 जुलाई को सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक रहेगा। यही समय पूजा और व्रत के लिए सबसे उत्तम माना गया है।

नाग पंचमी 2025 की पूजा विधि और मंत्र  

नाग पंचमी के दिन लोग प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और घर में पूजा की तैयारी करते हैं। भक्त नाग पंचमी के दिन प्रायः उपवास रखते हैं और केवल सात्विक भोजन जैसे दूध, फल या शुद्ध शाकाहारी आहार का सेवन करते हैं। इस दिन तले-भुने और मांसाहारी पदार्थों से पूरी तरह परहेज़ किया जाता है। लोग सुबह के समय अपने घरों के दरवाजों पर हल्दी या चंदन से सर्प की आकृतियाँ बनाकर उन्हें पूजते हैं। इसके बाद पूजा से पहले नाग देवताओं की प्रतिमाओं को दूध और जल से स्नान करवाया जाता है। सर्प की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर स्थापित कर फूलों और रंगोली से सजाया जाता है। दूध, हल्दी, चावल, शहद और मिठाइयों का भोग अर्पित किया जाता है। आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए बारह दिव्य नाग देवताओं के नामों का स्मरण भी किया जाता है: अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक और पिंगल।

कुछ स्थानों पर जीवित नागों को भी दूध पिलाया जाता है, हालांकि यह परंपरा अब कम होती जा रही है। 

नाग पंचमी के जरूर करें ये मंत्र जाप 

“ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्॥”

पूजा के अंत में आरती होती है और फिर प्रसाद का वितरण किया जाता है।

नाग पंचमी 2025 का पौराणिक महत्व

नाग पंचमी से कई रोचक और प्रेरणादायक पौराणिक कहानियाँ जुड़ी हुई हैं। इन कथाओं के माध्यम से यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि करुणा, सह-अस्तित्व और प्रकृति के सम्मान की भावना को भी दर्शाता है।

महाभारत की कथा

महाभारत में बताया गया है कि राजा जनमेजय ने अपने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए 'सर्प यज्ञ' किया था, जिसमें समस्त नाग जाति को नष्ट करने की योजना थी। लेकिन ऋषि आस्तिक ने अपनी बुद्धिमत्ता से यह यज्ञ रुकवाया और नाग जाति का विनाश होने से बचाया। नाग पंचमी उसी दिन की स्मृति है जब करुणा और समझदारी ने प्रतिशोध पर विजय पाई।

श्रीकृष्ण और कालिया नाग

एक और प्रसिद्ध कथा में श्रीकृष्ण ने यमुना नदी को विषैला बना चुके कालिया नाग को पराजित किया था। यह प्रसंग अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है और विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

नाग पंचमी 2025 और ज्योतिषीय मान्यता

वेदिक ज्योतिष में सर्पों को राहु और केतु से जोड़ा जाता है। इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से काल सर्प दोष जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है। कई लोग इस दिन रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, या काल सर्प दोष निवारण पूजा कराते हैं।

नाग पंचमी 2025 के उपाय

यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि कुछ विशेष उपायों का भी होता है जो जीवन की परेशानियों से राहत दिलाने में सहायक माने जाते हैं।

  • व्रत और सात्विक भोजन: इस दिन उपवास रखा जाता है, और फल, दूध या हल्का सात्विक भोजन ही ग्रहण किया जाता है।

  • नागदेवता को दूध अर्पण: दूध, शहद, फूल, चावल, और हल्दी सर्प देवता को चढ़ाए जाते हैं।

  • दोष निवारण: काल सर्प दोष से ग्रस्त लोग इस दिन विशेष पूजा, मंत्र जाप और अभिषेक कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

  • पितृ दोष निवारण: त्र्यंबकेश्वर जैसे तीर्थस्थलों में ‘नारायण नागबली पूजा’ भी की जाती है।

  • सांप से डर या बार-बार सपने: जिन लोगों को सांपों से डर या सपनों में सांप आते हैं, वे पीपल के नीचे सर्प की मूर्ति रखकर पूजा कर सकते हैं।

  • दान-पुण्य: जरूरतमंदों और गरीबों को खाने पीने की चीजें दान करें।

नाग पंचमी 2025 पर आप अपने और अपने परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। यह त्योहार आपको याद दिलाता है कि हर जीव का इस सृष्टि में विशेष स्थान होता है। इसलिए प्रकृति के साथ सम्मानपूर्वक संबंध बनाए रखना जरूरी है। इस त्योहार को पूरी श्रद्धा के साथ मनाकर आप प्रकृति और जीवों के प्रति आभार प्रकट कर सकते हैं।

अगर आप नागपंचमी के शुभ अवसर पर कोई विशेष पूजा करवाना चाहते हैं या कोई अन्य ज्योतिषीय जानकारी पाना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषी से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहली कॉल या चैट बिलकुल मुफ्त है।

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