Diwali 2024: क्या आपने कभी सोचा है कि छोटी दिवाली, जिसे हम नरक चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं, क्यों इतनी महत्वपूर्ण है? यह त्योहार न केवल प्रकाश और खुशी का प्रतीक है। बल्कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और शुद्धता लाने का अवसर भी प्रदान करता है। हिंदू धर्म में त्योहारों को पूरी विधि-विधान के साथ मनाने की परंपरा है। नरक चतुर्दशी भी इस परंपरा का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन खासकर यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा है।
दिवाली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन सही तरीके से दीप जलाने से आप के सभी पाप समाप्त हो सकते हैं और अकाल मृत्यु का भय भी दूर हो सकता है। आइए, इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, ताकि आप इस दिन का अधिकतम लाभ उठा सकें।
छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी, का दिन खास रूप से भगवान शिव, श्रीकृष्ण, पवनपुत्र हनुमान, माता काली और यमराज की पूजा का दिन है। इस दिन खास रूप से पूजा करने से आप के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आ सकती है। इस दिन किए गए उपायों से न केवल ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता का संचार भी होता है।
यह भी पढ़ें: जानें दीपावली कब है?
सुबह स्नान और चंदन का तिलक: नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद, माथे पर चंदन का तिलक लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह आप को मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है।
यमराज के लिए दीप जलाना: इस दिन यमराज के नाम की दीपक अवश्य जलाएं। ऐसा करने से आप को अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है और यमराज की कृपा प्राप्त होती है।
सरसों तेल से मालिश: नरक चतुर्दशी के दिन अपने पूरे शरीर पर सरसों के तेल से मालिश करें और फिर ठंडे पानी से स्नान करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का वास बना रहता है और आप को सुख-समृद्धि मिलती है।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा खास रूप से करनी चाहिए। श्रीकृष्ण की सेवा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं।
14 दीयों की पूजा: नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीयों की जलाने की परंपरा है। इन दीयों को अलग-अलग स्थानों पर रखकर पूजा करनी चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
माता काली की पूजा: इस दिन माता काली की पूजा भी आवश्यक है। माता काली की पूजा से सभी प्रकार के भय और नकारात्मकता का नाश होता है।
यह भी पढ़ें: जानें धनतेरस कब है?
जीवों को न मारें: नरक चतुर्दशी के दिन यम देवता की पूजा का विधान है। इसलिए, इस दिन किसी भी जीव को न मारें और न ही उन्हें परेशान करें। यह नियम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवों के प्रति सहानुभूति और करुणा का प्रतीक भी है।
दक्षिण दिशा को गंदा न करें: घर की दक्षिण दिशा को साफ रखना चाहिए। यह दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, इसलिए इसे गंदा रखना अशुभ होता है।
दान करने से बचें: नरक चतुर्दशी के दिन किसी भी आप को दान करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जो आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
मांस और मदिरा का सेवन: इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से गलत है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
सोने से बचें: नरक चतुर्दशी के दिन सोने से बचना चाहिए। इस दिन सोना माता लक्ष्मी को नाराज कर सकता है और घर में दरिद्रता का वास कर सकता है।
नाखून काटने से बचें: इस दिन नाखून काटने से भी बचना चाहिए। ऐसा करना घर में कलह-क्लेश की स्थिति पैदा कर सकता है, जो परिवार में असंतोष का कारण बन सकता है।
यह भी पढ़ें: जानें भाईदूज कब है?
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, एक ऐसा दिन है जब खास पूजा और अनुष्ठान करने से आप के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। इस दिन किए गए उपाय न केवल ग्रह दोष से छुटकारा दिलाते हैं, बल्कि आप को मानसिक शांति और समृद्धि भी प्रदान करते हैं। ध्यान रहे कि इस दिन कुछ खास कार्यों से बचना भी उतना ही आवश्यक है। यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो निश्चित ही आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की वृद्धि होगी।
इस दिवाली, अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर नरक चतुर्दशी को पूरी श्रद्धा के साथ मनाएं और अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि का स्वागत करें।
दीपावली पर विशेष पूजा करवाने या अपने व्यक्तिगत सवालों के लिए, एस्ट्रोयोगी के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर से सम्पर्क करें।