वैसे तो साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चलने वाले नवरात्र ही ज्यादा लोकप्रिय हैं जिन्हें पूरे देश में व्यापक स्तर पर मां भगवती की आराधना के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रों का समय बहुत ही भाग्यशाली बताया गया है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रकृति में इस समय हर और नये जीवन का, एक नई उम्मीद का बीज अंकुरित होने लगता है। जनमानस में भी एक नई उर्जा का संचार हो रहा होता है। लहलहाती फसलों से उम्मीदें जुड़ी होती हैं। ऐसे समय में मां भगवती की पूजा कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करना बहुत शुभ माना गया है। क्योंकि बसंत ऋतु अपने चरम पर होती है इसलिये इन्हें वासंती नवरात्र भी कहा जाता है। नवरात्र के दौरान जहां मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है वहीं चैत्र नवरात्रों के दौरान मां की पूजा के साथ-साथ अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विधान भी है जिससे ये नवरात्र विशेष हो जाते हैं।
वर्ष 2021 में चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक रहेगा। पहले दिन घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 05 बजकर 58 मिनट से सुबह 10 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। प्रतिपदा 12 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 00 पर शुरु होगी। 21 अप्रैल को अंतिम नवरात्र होगा साथ ही इस दिन प्रभु श्री राम की जयतीं यानी रामनवमी भी मनाई जायेगी।
अपने कुल देवी देवता की पूजा के साथ-साथ नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना अर्थात घट स्थापना के साथ ही नवरात्र की शुरुआत होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री तो दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, तो पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन मां कात्यायनी एवं सातवेंदिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। आठवें दिन महागौरी तो नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
13 अप्रैल, 2021 - इस दिन कलश स्थापना होगी व नवरात्र के पहले दिन होनी वाली मां शैलपुत्री की पूजा की जायेगी।
14 अप्रैल, 2021 - नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जायेगी।
15 अप्रैल, 2021 - नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जायेगी।
16 अप्रैल, 2021 - नवरात्र पर्व के चौथे दिन मां भगवती के देवी कूष्मांडा स्वरूप की उपासना की जायेगी।
17 अप्रैल, 2021 - नवरात्र के पांचवे दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जायेगी।
18 अप्रैल, 2021 - चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा जायेगी।
19 अप्रैल, 2021 - नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
20 अप्रैल, 2021 - चैत्र नवरात्र में अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। कुछ लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं इसलिये यह तिथि काफी महत्वपूर्ण है।
21 अप्रैल, 2021 - नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जायेगा। चैत्र नवरात्रि में इस दिन रामनवमी मनाई जाती है जिसमें भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और जबकि प्रस्थान नर वाहन यानि मानव कंधे पर होगा। चैत्र नवरात्रि के दिन हिंदू नववर्ष 2078 भी शुरू हो रहा है। वहीं कलश स्थापना के दिन ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक करण बव योग रहेगा। फिर दोपहर बाद 03 बजकर 16 मिनट तक विष्कुंभ योग रहेगा। इसके बाद प्रीति योग शुरू हो जाएगी और रात्रि 11 बजकर 31 मिनट तक बालव योग रहेगा।
माँ शैलपुत्री - नवरात्रि के पहले दिन की पूजा विधि | माँ ब्रह्मचारिणी- नवरात्रे के दूसरे दिन की पूजा विधि | माता चंद्रघंटा - तृतीय माता की पूजन विधि
कूष्माण्डा माता- नवरात्रे के चौथे दिन करनी होती है इनकी पूजा | स्कंदमाता- नवरात्रि में पांचवें दिन होती है इनकी पूजा
माता कात्यायनी- नवरात्रि के छठे दिन की पूजा | माता कालरात्रि - नवरात्रे के सातवें दिन होती है इनकी पूजा | माता महागौरी - अष्टमी नवरात्रे की पूजा विधि
माता सिद्धिदात्री - नवरात्रे के अंतिम दिन की पूजा