संकट के दौर में मदद करेगा ओम मंत्र

Fri, Apr 17, 2020
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Fri, Apr 17, 2020
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
संकट के दौर में मदद करेगा ओम मंत्र

आज पूरी दुनिया में जो जानलेवा संकट छाया हुआ है उससे पूरा विश्व परेशान है। आधे से ज्यादा देशों में लॉकडाउन तक हो गया है, लेकिन जानलेवा महामारी के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। वहीं दुनियाभर के मेडिकल साइंटिस्ट इस महामारी का इलाज ढूंढ रहे हैं लेकिन अभी तक तलाश जारी है। ऐसे में अभी तक तो कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई है लेकिन इस संकट की घड़ी में हमें धैर्य और साहस बनाकर रखना होगा। ऐसे में सभी को ओम मंत्र का उच्चारण करना आवश्यक है। ओम सारे ब्रह्मांड का सार है, इसे प्रथम ध्वनि कहा जाता है। ओम मंत्र का जाप करने से तनाव, अशांति और अवसाद से राहत मिलती है। 

 

एस्ट्रोयोगी  पर देश के जाने माने एस्ट्रोलॉजर्स से लें गाइडेंस। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें।

 

ओम क्या है?

उपनिषदों में ओम को अलग-अलग तरह से बताया गया है। ओम शब्द संस्कृत के तीन अक्षरों अ उ और म से बना है। ओम ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। ओंकार की ध्वनि को दुनिया के समस्त मंत्रों का सार कहा गया है। इसके उच्चारण मात्र से ही शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  ओम का योग साधना में भी बहुत अधिक महत्व है। यह नाभि, हृदय और आज्ञा चक्र को जगाता है। 

 

ओम का महत्व

ओम मंत्र करने से शरीर के तीन भागों में कंपन शुरू हो जाता है। जब आप अ का उच्चारण करते हैं तो पेट के करीब कंपन होता है, उ का उच्चारण करने पर मध्य भाग में यानि छाती के करीब कंपन होता है और म का उच्चारण करने से मस्तिष्क में कंपन होता है। पौराणिक काल में ऋषि मुनी ओम मंत्र को मोक्ष प्राप्ति का साधन मानते थे। 

 

ओम मंत्र के लाभ

  • ओम मंत्र के उच्चारण से पैदा हुए कंपन्न से वातावरण शुद्ध होता है। शोध से पता चला है कि अगर आप ओम का उच्च स्वर में लगातार 11 बार जाप करते हैं तो आसपास के सूक्ष्म कीटाणु और जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

  • ओम मंत्र का उच्चारण करने से हमारा श्वसन तंत्र मजबूत हो जाता है। साथ ही शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। 

  • ओम का जाप करने से मानसिक तनाव और अवसाद से निजात मिलती है। आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

  • इसका नियमित जाप करने से फेफड़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा शारीरिक दर्द, शरीर में कंपन और श्वसन प्रक्रिया में आने वाले परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। 

 

कैसे करें ओम का जाप

  • ओम मंत्र का उच्चारण करने के लिए सबसे पहले साफ-सुथरा और शांत वातावरण चुनें। 

  • फिर सुखासन, पद्मासन में बैठ जाएं। बैठते वक्त मेरुदंड सीधा रखें और गर्दन सीधी रखें।

  • अब आंखें बंद कर लें और दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली और अंगूठे को आपस में मिलाएं और ज्ञान मुद्रा बनाकर दोनों घुटने में रखें। 

  • इसके बाद ओम मंत्र का जाप करें। 

  • ओम का जाप करते वक्त अ उ म तीनों का उच्चारण बराबर समय पर करें। 

  • यदि आप अपने आसपास के वातावरण में एक सुरक्षा कवच बनाना चाहते हैं तो ओम का उच्चारण तीव्र स्वर में करें ताकि नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो और आसपास के जीवाणु और कीटाणु भी नष्ट हो जाएं। 

  • ऊँ का उच्चारण आप 5,7,10,21 बार कर सकते हैं। 

 

संबंधित लेख 

नाम के अनुसार जानिए अपना राशि नक्षत्र । नमस्ते कल्चर नहीं बीमारियों को भी रखता है दूर

article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Pooja Performance
article tag
Hindu Astrology
Spirituality
Vedic astrology
Pooja Performance
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!