Papamochani Ekadashi 2022: पापमोचनी एकादशी व्रत से श्री हरि को करें प्रसन्न

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Papamochani Ekadashi 2022: पापमोचनी एकादशी व्रत से श्री हरि को करें प्रसन्न

Papmochani Ekadashi 2022:  सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। एक वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है, लेकिन हर एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) कहते हैं। यह व्रत इस वर्ष 28 मार्च, सोमवार को है। इस दिन विधि- विधान से श्री हरि की पूजा की जाती है, पापमोचनी एकादशी (Ekadashi 2022) पापों से मुक्ति प्रदान करने वाली एकादशी मानी गई है। आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और व्रत पारण के समय को…

पापमोचनी एकादशी व्रत मुहूर्त:

एकादशी तिथि प्रारम्भ

27 मार्च, 2022 को शाम 06:04 बजे से

एकादशी तिथि का समापन

28 मार्च, 2022 को शाम 04:15 बजे तक

पापमोचनी एकादशी व्रत पारण का समय:

29 मार्च,2022 – सुबह 06:15 से सुबह 08:43 तक

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – दोपहर 02:38 बजे तक

पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व:

पापमोचनी एकादशी के प्रात: सिद्ध योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का सुंदर संयोग बना है। पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी व्रत। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान हरि के आशीर्वाद से कष्ट और दुख दूर होते हैं। वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस विधि से करें पूजन (Vishnu puja):

  • एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु के सामने धूप-दीप जलाएं। विष्णु जी को चंदन का तिलक लगाएं और पुष्प, प्रसाद अर्पित करें।
  • एक वेदी बनाएं और पूजा करने से पहले इस पर 7 प्रकार के अनाज जैसे उड़द दाल, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा रख कर भी पूजा कर सकते हैं।
  • वेदी के ऊपर कलश स्थापित करें और इसे आम के 5 पत्तों से सजाएं और साथ ही भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
  • श्री विष्णु भगवान को पीले फूल, मौसमी फल और तुलसी अर्पित करें, इसके बाद एकादशी कथा सुन आरती करें।
  • दूसरे दिन द्वादशी को सुबह पूजन के बाद ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराएं, दान-दक्षिणा दें, फिर स्वयं भोजन करें और व्रत का समापन करें।

एकादशी व्रत उपाय:

  • एकादशी के दिन सुबह उठकर श्री हरि का पूजन करें और उसके बाद रात्रि में विष्णु जी की प्रतिमा के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं। इसके अतिरिक्त एक और दीपक ऐसा ही प्रज्वलित करें।
  • भगवान विष्णु का पूजन कर तुलसी की माला से “ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • अगर आप कर्ज से परेशान हैं तो एकादशी तिथि को एक लोटा जल में थोड़ी सी चीनी मिश्रित करके उस जल को पीपल के वृक्ष में अर्पित करें और शाम के समय पीपल के नीचे एक घी का दीपक जला सकते हैं।
  • एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी के पौधे में गाय के घी का दीपक जलाएं और तुलसी माता का पूजन करें इसके बाद तुलसी की 11 परिक्रमा करें। तुलसी की परिक्रमा करते समय ''ऊँ वासुदेवाय नमः'' मंत्र का जप करें।
  • घर में सुख-शांति और जीवन में तरक्की के लिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए भजन-कीर्तन करें। इस दिन अगर रात जागकर विष्णु जी का ध्यान किया जाए तो हजार वर्षों तक की गई तपस्या का फल प्राप्त मिल सकता है।

विष्णु जी को इन मंत्रों से करें प्रसन्न:

पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु (Lord vishnu) को प्रसन्न करने और उनसे मनोवांछित फल पाने के लिए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

  • ॐ नमोः नारायणाय॥
  • ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
  • ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
  • मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुणध्वजः। मंगलम पुण्डरी काक्षः, मंगलाय तनो हरिः॥
  • ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
  • ॐ विष्णवे नमः:
  • ॐ हूं विष्णवे नम:
  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
  • शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी

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