शनि देव को क्रूर ग्रहों में शुमार किया जाता है लेकिन सही मायनों में एक न्यायप्रिय देव हैं जो पाप कर्म करने वालों के लिये दंडाधिकारी की भूमिका निभाते हैं। मेहनत करने वालों को शनिदेव अवश्य ही मेहनत का फल प्रदान करते हैं। लेकिन उनकी टेढ़ी दृष्टि से सभी बचना चाहते हैं क्योंकि शनि देव की टेढ़ी नज़र जिन पर पड़ती है उनकी मुसीबतों का कोई ओर छोर नहीं होता। वर्तमान में तो शनिदेव वैसे भी वक्री होकर गोचर कर रहे हैं यानि की उनकी चाल ही उलटी हो गई है जिससे विभिन्न राशियों का हिसाब-किताब बिगड़ा हुआ है। ऐसे में यह शनि देव से पीड़ित जातक यह अवश्य सोचते होंगे कि इससे बचने का भी कोई उपाय है क्या? तो अपने इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं कि शनि के प्रभाव से बचने के लिये आपके लिये सुनहरा मौका आने वाला है। जी हां 22 मई 2020 को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है जो कि शनि जयंती यानि न्यायप्रिय देव शनि के जन्मदिन के रूप में मनायी जाती है। इस दिन आप शनि दोष निवारण के अचूक ज्योतिषीय उपाय अपना सकते हैं।
सपष्टीकरण - यह उपाय प्रचलित मान्यताओं पर आधारित हैं। शनि जयंती पर शनि के वक्री प्रभाव, शनि की ढ़ैय्या या साढ़ेसाती के बारे में एस्ट्रोयोगी पर इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से गाइडेंस लें। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें और हमें +91-99990-91091 पर कॉल करें।
शनिदेव की करें पूजा – शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन तो करनी ही चाहिये लेकिन शनि जयंती का दिन तो विशेष रूप से भाग्यशाली माना जाता है। इस दिन शनिदेव आपकी पुकार जरूर सुनते हैं। लेकिन ध्यान रहें पूजा करते समय पूरा समर्पण होना चाहिये यदि आपका ध्यान इधर-उधर भटका तो शनिदेव का फटका आपको पड़ सकता है। इसलिये शनिदेव को कदापि क्रोधित न होने दें। पूजा-पाठ करने के पश्चात काला कपड़ा, काली दाल, लोहे की वस्तु आदि का दान अवश्य करें, ऐसा करने से भी शनिदेव कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं। तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काला नमक आदि के प्रयोग से शनि महाराज प्रसन्न होते हैं।
तिल के तेल से उपाय – एक कटोरी में तिलों का तेल लें उसमें अपना चेहरा देखकर इसे कटोरी सहित शनि मंदिर में रख आयें। मान्यता है कि इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
काली उड़द से उपाय – शनि जयंती से पहले दिन सवा पाव साबुत काली उड़द लें। उसे एक काले कपड़े में बांध लें और रात को सोते समय अपने पास रखें। हां सोते समय बिस्तर पर आपके अलावा कोई दूसरा न हो। शनि जयंती के दिन प्रात:काल स्नानादि के पश्चात, शनिदेव के मंदिर में जायें और वहां पर इसे रख आयें। इस उपाय को आप शनिवार के दिन भी कर सकते हैं। उसमें आपको शुक्रवार की रात इसे साथ रखकर सोना होगा।
काले सुरमे से उपाय – शनि जयंती के दिन एक शीशी में काला सुरमा लेकर उसे किसी से भी अपने ऊपर से 9 बार उतरवा लें और किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें। शनिवार के दिन भी यह टोटका आजमाया जा सकता है।
यह भी रखें सावधानी – यदि आप शनिदोष से पीड़ित हैं तो नीलम रत्न या फिर लोहे का छल्ला धारण न करें मान्यता है कि इससे शनिदेव का कुप्रभाव और भी बढ़ जाता है।
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