
Shani Dev Ki Puja Kaise Kare: क्या आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है? क्या आप शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं? शनि देव को न्याय और कर्मफल दाता माना जाता है, जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर सही विधि से शनि देव की पूजा की जाए और उन्हें तेल अर्पित किया जाए, तो जीवन की परेशानियां कम हो सकती हैं। लेकिन शनि देव की पूजा कैसे करें (Shani dev ki puja kaise kare)? तेल चढ़ाने की सही विधि क्या है? और इसके क्या लाभ होते हैं? इस लेख में हम इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानेंगे।
शास्त्रों के अनुसार, शनिवार को शनि देव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शनिदेव को तेल चढ़ाने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, यह भी मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से (shani dev ki puja kaise karen) करता है, उसे शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा करने का सही समय (Shani dev ki puja kis samay karni chahie)
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद पूजा करना उत्तम माना जाता है।
शनि जयंती और अमावस्या के दिन की गई पूजा विशेष फल देती है।
सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शनिदेव की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
काले तिल, सरसों का तेल और नीले फूल अर्पित करें।
पीपल के वृक्ष के नीचे दीप जलाकर शनि मंत्रों का जाप करें।
शनिदेव को तेल चढ़ाते समय नीचे दिया गया मंत्र जाप करें:
"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
तेल चढ़ाने के बाद "शनि चालीसा" या "शनि स्तोत्र" का पाठ करें।
शनिदेव को तेल चढ़ाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
लोहे के पात्र से ही तेल अर्पित करें।
सरसों या काले तिल का तेल ही चढ़ाएं।
तेल चढ़ाते समय शनि देव की आंखों में न देखें, बल्कि चरणों की ओर ध्यान दें।
चमड़े की वस्तुएं पहनकर पूजा न करें।
किसी को अपशब्द न कहें या किसी का अपमान न करें।
शनि देव की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है:
सरसों या काले तिल का तेल
लोहे का दीपक
नीले रंग का पुष्प
काले तिल
काले वस्त्र
गुड़ और काले चने
शनि चालीसा या शनि मंत्रों की पुस्तक
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शनिवार को शनि देव की पूजा विशेष फलदायी होती है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उसके नीचे दीप जलाएं।
शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल चढ़ाएं।
"ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और तेल का दान करें।
शनि देव की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि आती है।
करियर और बिजनेस में उन्नति होती है।
मानसिक शांति प्राप्त होती है।
रोगों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शनि देव की पूजा करने से कर्मों का दंड कम हो सकता है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
नौकरी में प्रमोशन और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
मानसिक तनाव और भय दूर होता है।
शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
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यदि कोई व्यक्ति सपने में शनि देव की पूजा करता है, तो यह शुभ संकेत माना जाता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि शनिदेव की कृपा आप पर बनी हुई है और आपके जीवन में जल्द ही सकारात्मक परिवर्तन आने वाले हैं।
पूजा के दौरान अपवित्रता नहीं होनी चाहिए।
चमड़े की वस्तुएं पहनकर पूजा न करें।
पूजा करते समय मन में नकारात्मक विचार न रखें।
बिना स्नान किए पूजा न करें।
शनि देव की पूजा सही विधि से करने पर व्यक्ति को जीवन में कई लाभ मिलते हैं। शनिदेव को तेल अर्पित करने से साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। (shani dev ki puja kab karni chahie) इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए और पूजा के नियमों का पालन करना चाहिए। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर शनिवार को उनकी पूजा करें और गरीबों की सेवा करें।
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