
Shukrawar Puja Vidhi: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की पूजा और आराधना करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माँ लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है, और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु विभिन्न उपाय करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और पारिवारिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी होता है जो धन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं या जिनका व्यवसाय और करियर में बार-बार बाधा उत्पन्न आ रही होती है।
आइए जानते हैं मां की कृपा पाने के लिए आप लोग शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की उपासना कैसे कर सकते हैं और जानें शुक्रवार व्रत विधि, नियम और महत्व के बारे में-
शुक्रवार का व्रत करने के लिए प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करना आवश्यक होता है। इसके बाद पूरे घर की सफाई करनी चाहिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है। स्नान करने के पश्चात स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र धारण करें। विशेष रूप से, क्रीम या सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग सौम्यता और शुद्धता का प्रतीक होता है। व्रत के लिए संकल्प लेना बहुत आवश्यक होता है। यह संकल्प आप सात, ग्यारह या इक्कीस शुक्रवार तक रख सकते हैं। संकल्प लेने के बाद माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए और पूरे दिन संयमित रहकर माँ लक्ष्मी का स्मरण करना चाहिए।
शुक्रवार का व्रत रखते समय दिनभर नमक का सेवन नहीं किया जाता। यह व्रत फलाहार का होता है, जिसमें फल, दूध और मीठे पदार्थों का सेवन किया जाता है। कई भक्त केवल जल या फल का सेवन करके दिन व्यतीत करते हैं। इस व्रत में मांसाहार, तामसिक भोजन और अधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
शुक्रवार का व्रत तभी सफल माना जाता है जब इसका पूजन विधिपूर्वक किया जाए। तो चलिए वैभवलक्ष्मी व्रत पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
शाम के समय स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ करें।
एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
पूजन के दौरान माँ लक्ष्मी के समक्ष एक मुट्ठी चावल रखें और उसके ऊपर ताम्बे का कलश स्थापित करें।
इस कलश में जल भरकर उसके ऊपर एक कटोरी रखें, जिसमें सोने या चाँदी का आभूषण रखा जाए। यदि आभूषण उपलब्ध न हो, तो चाँदी या तांबे का सिक्का भी रखा जा सकता है। साथ ही गुलाब का एक फूल भी इस पूजा सामग्री में शामिल करना चाहिए।
इसके बाद माँ लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करें। उन्हें हल्दी, कुंकुम, चावल, पुष्प और सुगंधित धूप अर्पित करें।
पूजा के दौरान घी का दीपक जलाएं और माँ लक्ष्मी के प्रसिद्ध मंत्रों का जाप करें। “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है। पूजन के बाद श्रीसूक्त का पाठ करें और शुक्रवार व्रत कथा का श्रवण करें।
पूजन समाप्त होने के पश्चात माँ लक्ष्मी की आरती करें। आरती के दौरान घी का दीपक जलाएं और पूरे घर में घुमाएं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
माँ लक्ष्मी को भोग लगाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। माँ लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाई अर्पित करना शुभ माना जाता है, जैसे कि खीर, रबड़ी, या मिश्री-मखाने का प्रसाद। यह माना जाता है कि सफेद रंग के मिष्ठान्न माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होते हैं और इसे अर्पित करने से वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
माँ लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस व्रत को करने से घर में आर्थिक समृद्धि बनी रहती है और दरिद्रता दूर होती है। पारिवारिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है, जिससे घर में सुख-शांति का माहौल रहता है। इस व्रत से मानसिक तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है। इसके अलावा, शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ता है। शुक्रवार का व्रत व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है। इसे करने से व्यवसाय में उन्नति होती है, और कार्यक्षेत्र में भी सफलता प्राप्त होती है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उन्हें विशेष रूप से इस व्रत का पालन करना चाहिए, क्योंकि यह शुक्र ग्रह को मजबूत करता है और उनके जीवन में सौभाग्य लाता है।
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शुक्रवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से माँ लक्ष्मी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। इस दिन श्री यंत्र की पूजा करने से घर में धन और वैभव का आगमन होता है। श्रीसूक्त का पाठ करने से आर्थिक उन्नति के मार्ग खुलते हैं और व्यापार में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, शुक्रवार को दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
इस दिन जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र, चावल, दूध, मिश्री या खांड का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि यदि इस दिन किसी को नमक दान किया जाए तो घर में दरिद्रता नहीं आती। गाय को गुड़-आटे की लोई बनाकर खिलाना भी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक अच्छा उपाय है।
इसके साथ ही, शुक्रवार के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
माँ लक्ष्मी को कमल का फूल अत्यंत प्रिय होता है। इसलिए शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी के चरणों में कमल का पुष्प अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यदि आप धन-संपत्ति में वृद्धि चाहते हैं, तो माँ लक्ष्मी को मखाने और मिश्री का भोग अर्पित करें। यह माना जाता है कि इस उपाय से माँ लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं और भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं।
शुक्रवार का व्रत और माँ लक्ष्मी की पूजा, भक्तों को न केवल आर्थिक समृद्धि प्रदान करती है, बल्कि मानसिक शांति और पारिवारिक सुख भी देती है। यदि इस व्रत को विधिपूर्वक किया जाए तो माँ लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
अगर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए कोई व्यक्तिगत ज्योतिष उपाय जानना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों से संपर्क कर सकते हैं। आपके लिए पहला कंसल्टेशन बिलकुल मुफ्त है।