Solar Eclipse 2025: नए साल का स्वागत हर कोई उम्मीदों और खुशियों से करता है, लेकिन 2025 की शुरुआत एक खगोलीय घटना के साथ होने वाली है। 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण 2025 (Solar Eclipse 2025) लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन कई अन्य देशों में इसे देखा जा सकेगा। आइए जानते हैं इस ग्रहण की खास बातें, सूतक काल, और इसके दौरान क्या करें और क्या न करें।
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आकर सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है। यह घटना वैज्ञानिक दृष्टि से ब्रह्मांडीय चमत्कार और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य ग्रहण के दौरान कई धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं जुड़ी होती हैं, जैसे मंत्र जाप, दान-पुण्य, और विशेष पूजा। यह सूर्य ग्रहण आंशिक, पूर्ण, या वलयाकार हो सकता है, जो इसकी दृश्यता और प्रभाव को निर्धारित करता है। सूर्य ग्रहण प्रकृति के रहस्यमय पहलुओं को समझने और ब्रह्मांड की अद्भुत क्रियाओं को जानने का अवसर प्रदान करता है।
तिथि: 29 मार्च 2025 (चैत्र माह, कृष्ण पक्ष अमावस्या)
सूर्य ग्रहण का समय:
शुरुआत: दोपहर 02:20 बजे
समापन: शाम 06:16 बजे
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए यहाँ सूतक काल मान्य नहीं होगा।
किन देशों में दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण 2025?
यह ग्रहण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।
शास्त्रों में कहा जाता है इस दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित है।
मंदिर के कपाट बंद रहते हैं, पूजा-अर्चना से बचें।
ग्रहण के समय पानी और अन्य चीजों का सेवन न करें।
ग्रहण के दौरान मंत्र जाप करें:
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके घर की साफ-सफाई करें।
गरीबों में अनाज, वस्त्र, और धन का दान करें।
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सूर्य ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाता है, जिससे इसे ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को शुभ कार्यों के लिए अशुभ समय कहा गया है, क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जाएं सक्रिय हो सकती हैं। इस बार ग्रहण चैत्र अमावस्या पर हो रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से दान और पुण्य के लिए विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। इस दिन किए गए धार्मिक अनुष्ठान और दान कार्य विशेष फलदायी होते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव राशियों और ग्रह स्थिति पर भी गहरा असर डालता है।
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साल 2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण होंगे:
पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21 सितंबर 2025
आपके द्वारा मंत्र जाप करने से सूर्य ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
सूर्य ग्रहण का प्रमुख मंत्र:
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।
ग्रहण के बाद स्नान और ध्यान करें।
मंदिर जाकर पूजा करें।
जरूरतमंदों को दान करें।
सूर्य ग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भले ही यह भारत में नजर न आए, लेकिन इससे जुड़ी जानकारी और उपाय आपको मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं। साल 2025 के इस पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को ध्यान में रखते हुए इसे एक यादगार घटना बनाएं।
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