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हिंदु धर्म में अपने देवी देवताओं को से प्रार्थना करने और उनसे इच्छाएं व्यक्त करने के लिए पूजा की परंपरा है। यह भगवान में श्रद्धा और आस्था को भी दिखाता है। पूजा अलग अलग दिन वार त्यौहारों पर अलग अलग तरह की पूजाओं का आयोजन किया जाता है। हिंदु धर्म मान्यताओं के अनुसार पूजा में दीपक जलाया जाता है। दीपक जलाना हर प्रकार की पूजा में आवश्यक माना जाता है। आईए जानते हैं की दीपक के क्या क्या महत्व हो सकते हैं।
घर में दीपक जलाने से घर का अंधकार दूर होता है, हिंदु धर्म मान्यताओं के हिसाब से अंधकार को नकारात्मक तत्व के रुप में माना जाता है। और दीपक नकारात्मक उर्जा को नष्ट करके सकारात्मक उर्जा का विकास करता है।
सकारात्माक उर्जा का प्रतीक
दीपक का कार्य प्रकाश फैलाना होता है, प्रकाश को सकारात्मक उर्जा के प्रतीक माना गया है। वह उर्जा जो सभी प्रकार के कष्टो दुखो और परेशानियों का अंत करती है। इस से हमारी श्रद्धा ही नही बल्कि मानसिक संतुष्टी भी मिलती है। प्रकाश से संबंधित शास्त्रों में एक पंक्ति उल्लेखनीय है – असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमया। मृत्योर्मामृतं गमय॥ ॐ शांति शांति शांति इन पंक्तियों का भाव ही अंधेरे से उजाले में जाना है। इंसान नकारात्मकता से सकारात्मकता की तरफ जाता है। मतलब सभी दोषो को त्याग कर शुभ कार्यों की तरफ अपना रुख करता है।
विषाणुओं का नाश करता है
दीपक प्रवज्जलन से निकलने वाले तत्व घर में हानिकारक विषाणुओं का नाश करता है और वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। जब घर में शुद्ध सरसों के तेल या घी का दीपक जलाया जाता है तो उसके धुएं से घर के माहौल में सात्विक्ता आती है।
बिमारियों को दूर करता है
सुबह शाम घर में घी या सरसों का दीपक जलाने से घर परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है। खासकर दीपक के साथ अगर एक लोंग लगा दी जाए तो उसका असर दोगुना हो सकता है।
कैसा दीपक जलाना है शुभ
ज्यादातर दो पदार्थों के दीपक हम पूजा कार्यों में जलाते हैं उनमें घी और तेल का दीपक शामिल होता है। तेल से जले दीपक का प्रभाव उसके बुझने से आधे घंटे तक रहता है जबकि घी के दिए का प्रभाव उसके बुझने के बाद करीब चार घंटे तक रहता है। यह बात शास्त्रो में भी बताई गई है उनके अनुसार गाय के दूध से बने घी के दीपक सबसे ज्यादा लाभदायक होता है। घी में चर्मरोग दूर करने के सारे गुण होते हैं, इसलिए घी का दीपक जलाना सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है।
जिस दीपक को प्रवज्जलिक कर रहे हैं ध्यान रहे की वह कहीं से भी टूटा फूटा ना हो, क्योंकि धार्मिक अनुष्टानों में खंडित वस्तु शुभ नही मानी जाती।
दीपक की बाती इस प्रकार से व्यवस्थित की होनी चाहिए की वह पूजा के बीच में ना बुझे, बल्कि पूजा खत्म होने तक चलता रहे, इसके लिए दीपक के उचित स्थान का चयन करें।
दीपक में घी या तेल उपयुक्त मात्रा में होने चाहिए ताकी ये लंबे समय तक प्रज्जवलित रह सकें।
शास्त्रों के अनुसार घी को तेल से ज्यादा लाभदायक माना गया है इसलिए पूजा में घी का दीपक ही जलाए।
पूजा में एक दीपक से दूसरा दीपक जलाना भी शुभ नही माना जाता।