Shani Ki Sade Sati: ग्रहों की दिशा और दशा आपके जीवन में शुभ-अशुभ बदलाव ला सकती है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को शांत करने और शनि की साढ़ेसाती से बचाव के लिए उपाय बताए गए हैं। एस्ट्रोयोगी के एस्ट्रोलॉजर ने बताया है कि जिनके जीवन में शनि भारी हो या फिर साढ़े साती चल रही हो, आपको अपने घर में शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय करने से इसके दोषों से मुक्ति मिल सकती है। घर में हमेशा रखें ये 5 चीजें, और शनि की साढ़े साती आपको कभी नहीं सताएगी।
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती हर व्यक्ति के जीवन में सात साल तक चलती है और इस दौरान व्यक्ति को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए शनि की साढ़ेसाती से बचाव के लिए उपाय करना अत्यंत जरूरी होता है ताकि जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।
लेकिन चिंता न करें, घर को शनि के प्रभाव से मुक्त करने के टिप्स के द्वारा आप शनि के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
शनि की साढ़े साती (Shani Ki Sade Sati) एक महत्वपूर्ण अवधि है जो व्यक्ति के जीवन में बदलाव और चुनौतियों का समय मानी जाती है। यह समय शनि ग्रह के एक राशि से अगली राशि में गोचर करने से संबंधित होता है और कुल मिलाकर सात वर्ष और छह महीने (साढ़े सात साल) तक चलता है। इसमें तीन चरण होते हैं: पहला चरण, मध्य चरण और अंतिम चरण। आइए, इस अवधि के कुछ प्रमुख लक्षणों पर चर्चा करें:
पहला चरण (ढैया):
मानसिक तनाव: इस समय में आप मानसिक तनाव और चिंता का सामना कर सकते हैं।
परिवारिक समस्याएं: परिवार में विवाद और असहमति बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और पुराने रोग उभर सकते हैं।
मध्य चरण:
वित्तीय कठिनाई: इस चरण में आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें कर्ज और वित्तीय संकट शामिल हो सकता हैं।
करियर में बाधाएं: नौकरी में स्थिरता की कमी या नौकरी खोने का डर हो सकता है।
रिश्तों में तनाव: व्यक्तिगत संबंधों में तनाव और दरार आ सकती है।
अंतिम चरण:
स्वास्थ्य सुधार: इस चरण में स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो सकता है।
वित्तीय स्थिति में सुधार: आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिल सकता है।
करियर में स्थिरता: नौकरी या व्यवसाय में स्थिरता और प्रगति के संकेत मिलने लगते हैं।
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आध्यात्मिक तरक्की: साढ़े साती के दौरान व्यक्ति का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ सकता है।
धैर्य और सहनशीलता: यह समय धैर्य और सहनशीलता की परीक्षा लेता है, जिससे व्यक्ति का व्यक्तित्व मजबूत हो सकता है।
पुराने रिश्तों का अंत: कई बार पुराने और नकारात्मक रिश्ते समाप्त हो जाते हैं, जिससे जीवन में नए और सकारात्मक बदलाव आते हैं।
साढ़े साती का मतलब है व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देना और उसके जीवन में संतुलन स्थापित करना। यह समय कठिन हो सकता है, लेकिन सही दृष्टिकोण और धैर्य से इसे पार किया जा सकता है।
यहां हम आपको 5 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप अपने घर में रखकर शनि की साढ़े साती के नकारात्मक प्रभावों से बचाव कर सकते हैं:
अपने घर के पूजा स्थान में शनिदेव की धातु या पत्थर की मूर्ति स्थापित करें। प्रतिदिन इनकी पूजा करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
पीपल का पेड़ शनिदेव का प्रिय वृक्ष माना जाता है। घर के आंगन या बालकनी में पीपल का पेड़ लगाएं और इसकी नियमित रूप से देखभाल करें।
शनिवार के दिन शनि को काले तिल का तेल चढ़ाये और फिर उसी तेल का दीपक जलाकर शनिदेव की पूजा करें। इसके बाद इन तिलों को किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।
शनिवार के दिन नारियल का तेल और सिंदूर लगाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
शनि ग्रह का रंग नीला होता है। इसलिए घर में लगाएं शनि के उपयुक्त रंग की नीले रंग की वस्तुएं, जैसे कपड़े, बर्तन, या सजावटी सामान रखें।
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इन आसान उपायों के अलावा, आप कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रख सकते हैं:
शनिवार का व्रत रखें: शनिवार के दिन सिर्फ व्रत रखें या सात्विक भोजन करें।
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें: आपके दान-पुण्य करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
गाली-गलौज और झूठ बोलने से बचें: हमेशा सत्य बोलें और अपनी वाणी मीठी रखें।
नशे से दूर रहें: शराब, सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें: स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
इन उपायों को अपनाकर आप शनि की साढ़े साती के नकारात्मक प्रभावों से बचाव कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।