
Aparajita Plant Main Door Vastu: भारतीय परंपरा में पौधों का महत्व सिर्फ सौंदर्य या छाया तक सीमित नहीं है, बल्कि इनमें आध्यात्मिक और ऊर्जा से जुड़े प्रभाव भी छिपे होते हैं। अपराजिता का पौधा ऐसे ही पौधों में गिना जाता है जो धार्मिक, औषधीय और वास्तु दृष्टि से बेहद शुभ माने जाते हैं। इसके नीले या सफेद फूल न केवल सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि देवी लक्ष्मी और भगवान शिव को भी प्रिय माने जाते हैं।
लेकिन सवाल ये है—क्या इस पौधे को घर के मुख्य द्वार पर लगाना सही होता है? क्या इससे घर की ऊर्जा प्रभावित होती है? और अगर हां, तो इसे किस दिशा में लगाना सबसे अच्छा माना जाता है?
इस लेख में हम इन्हीं सवालों के उत्तर देंगे और विस्तार से समझेंगे कि अपराजिता का पौधा कैसे आपके घर में समृद्धि और सकारात्मकता ला सकता है।
अपराजिता (Clitoria Ternatea) को संस्कृत में शंखपुष्पी भी कहा जाता है और इसे विजय, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है।
इसे नवरात्रि, गणेश चतुर्थी और दीपावली जैसे पर्वों में पूजा में भी शामिल किया जाता है।
इस पौधे की पत्तियों और फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है।
वास्तुशास्त्र में यह पौधा नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला माना जाता है।
हां, बिल्कुल। वास्तु और धार्मिक दृष्टि से अपराजिता का पौधा मुख्य द्वार पर लगाना शुभ होता है, लेकिन इसके साथ कुछ दिशात्मक और आकार से जुड़ी सावधानियां बरतनी चाहिए।
मुख्य द्वार किसी भी घर की ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। वहां कोई भी पौधा लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि वह पौधा ऊर्जा को आकर्षित करता है या रोकता है। अपराजिता का पौधा ऊर्जा को आकर्षित करता है और लक्ष्मी को आमंत्रित करने वाला माना जाता है। इसीलिए यदि आप इसे मुख्य द्वार पर लगाना चाहें, तो दिशा और देखभाल दोनों का ध्यान रखें।
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वास्तु के अनुसार, अपराजिता के पौधे के लिए सबसे शुभ दिशा होती है:
इन दिशाओं में यह पौधा न केवल सकारात्मक ऊर्जा को खींचता है बल्कि मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक समृद्धि भी लाता है। ईशान कोण विशेष रूप से आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
किस दिशा में न लगाएं:
दक्षिण-पश्चिम (Southwest)
पश्चिम-दक्षिण (WSW)
या दक्षिण दिशा
इन स्थानों पर लगाने से पौधा अपने प्रभाव को खो सकता है या विपरीत प्रभाव दे सकता है।
अगर आप मुख्य द्वार पर अपराजिता का पौधा लगाना चाहते हैं, तो ध्यान रखें:
छोटे आकार का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
ज्यादा बड़ा पौधा द्वार की ऊर्जा को ब्लॉक कर सकता है।
छोटे गमले में लगाए गए पौधे को रोज पानी देना चाहिए।
विशेष उपाय: सोमवार के दिन इस पौधे के पास देसी घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह उपाय लक्ष्मी कृपा को बनाए रखने और मानसिक शांति के लिए कारगर होता है।
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यह पौधा मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय माना गया है। मुख्य द्वार पर इसका होना लक्ष्मी के स्वागत का संकेत माना जाता है। घर में धन की आवक बनी रहती है और आर्थिक समस्याएं कम हो सकती हैं।
यह पौधा घर की सीमा पर एक रक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह बाहर से आने वाली नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश से पहले ही निष्क्रिय कर देता है।
अपराजिता के पौधे से वातावरण शुद्ध होता है। इसका सकारात्मक प्रभाव घर के सदस्यों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
इस पौधे के पास बैठना या इसे देखना मन को शांत करता है। यह विशेष रूप से विद्यार्थियों और ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
इसके नीले और सफेद फूल मुख्य द्वार की शोभा बढ़ाते हैं और घर में आने वाले हर व्यक्ति पर अच्छा प्रभाव डालते हैं।
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अपराजिता के पौधे को हर दिन जल देना जरूरी है।
सूखा और मुरझाया पौधा मुख्य द्वार पर नहीं रखना चाहिए, यह विपरीत प्रभाव दे सकता है।
इसे धार्मिक दृष्टि से शुद्ध और साफ स्थान पर ही रखें।
हर सोमवार इसे साफ करें और घी का दीपक जलाएं।
अगर फूल मुरझा जाएं, तो उन्हें तुरंत हटा दें और उन्हें विसर्जित करें।
यदि आप अपने घर में समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं तो अपराजिता का पौधा आपके लिए एक बेहद आसान और प्रभावी उपाय हो सकता है। इसे मुख्य द्वार पर सही दिशा में और सही आकार में लगाकर आप न केवल अपने घर का सौंदर्य बढ़ा सकते हैं, बल्कि आर्थिक और मानसिक शांति भी पा सकते हैं।
वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पौधा देवी लक्ष्मी को आमंत्रित करता है और राहु-केतु जैसे ग्रहों के दोष को भी शांत करता है। इसीलिए अगली बार जब आप पौधा लगाएं, तो अपराजिता को ज़रूर अपनी सूची में शामिल करें—वो भी खास तौर पर घर के प्रवेश द्वार के लिए।
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