Chhath Puja Fruits List: भगवान सूर्य और छठी मइया को समर्पित छठ पर्व एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह चार दिन का महापर्व है जो पूजा व व्रत के साथ-साथ प्रकृति के प्रति अपना आभार प्रकट करने का मौका देता है। इस पावन पर्व पर सभी भक्त सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। छठ व्रत अनुशासन और संयम सिखाता है। इस व्रत का पूरे विधि-विधान और नियमों के साथ संकल्प लिया जाता है। छठ पूजा में कुछ विशेष फल चढ़ाए जाते हैं, जो भोग या प्रसाद के रूप में शामिल किए जाते हैं। हर फल का अपना महत्व होता है, कुछ फल समृद्धि तो कुछ स्वास्थ्य का संकेत देते हैं। यही कारण है कि यह फल पूजा में बहुत जरूरी होती है।
तो चलिए जानें वो कौन-से 7 फल हैं जो छठ पूजा में बहुत जरूरी होते हैं।
छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले फल केवल प्रसाद का हिस्सा नहीं होते, बल्कि हर फल के पीछे एक गहरा अर्थ छिपा होता है। इन सात फलों को पूजा की थाली में शामिल करने से घर में स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं, सात पवित्र फल -
केला
छठ पूजा की थाली में केला एक अनिवार्य फल माना जाता है। इसे स्वास्थ्य, धैर्य और पवित्रता का प्रतीक कहा गया है। भगवान विष्णु को भी यह फल प्रिय है, इसलिए इसे चढ़ाने से व्रती के जीवन में संतुलन, सुख और परिवारिक एकता बनी रहती है। यह फल उर्वरता और दीर्घायु का भी प्रतीक है, जो घर-परिवार में नई ऊर्जा और सौभाग्य लाता है।
गन्ना
गन्ना छठ पूजा की सजावट और पूजा दोनों में विशेष भूमिका निभाता है। यह मीठास, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। इसे पूरे रूप में अर्घ्य के साथ रखा जाता है, जो प्रकृति की भरपूरता और जीवन की मिठास को दर्शाता है। मान्यता है कि गन्ना अर्पित करने से घर में प्रेम, एकता और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
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सुथनी
यह फल शकरकंदी की तरह दिखता है और मिटटी में उगता है। इसे छठ पूजा में जरूर रखा जाता है, क्योंकि इसे पवित्र और शुद्ध माना जाता है। पूजा में इस फल को शामिल करने से छठी मइया और भगवान सूर्य का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नारियल
नारियल को हिंदू धर्म में शुद्धता और समर्पण का प्रतीक माना गया है। यह फल देवी लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है और इसे चढ़ाने से आध्यात्मिक शुद्धता और भौतिक समृद्धि दोनों का आशीर्वाद मिलता है। छठ पूजा में व्रती सूखा और कच्चा दोनों प्रकार का नारियल अर्पित करते हैं। माना जाता है कि यह आत्मा को निर्मल बनाता है और मन को शांति प्रदान करता है।
डाब निम्बू
यह बड़ा, मोटे छिलके वाला नींबू होता है, जिसके भीतर का रंग हल्का लालपन लिए होता है। इसे छठी मइया का प्रिय फल माना जाता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होने के कारण यह ताजगी, ऊर्जा और जीवन में स्पष्टता का प्रतीक है। इसे पूजा में शामिल करने से नकारात्मकता दूर होती है और घर में शांति और सौहार्द बना रहता है।
सिंघाड़ा
सिंघाड़ा एक मौसमी फल है, जो पानी में उगता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। छठ पूजा में इसका विशेष महत्व है क्योंकि यह स्वास्थ्य, पोषण और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। व्रती इसे इस भावना से अर्पित करते हैं कि परिवार में खुशियां, सौभाग्य और सुख-शांति बनी रहे।
सुपारी
सुपारी को हर शुभ कार्य में स्थान दिया गया है। यह बल, शुभता और एकता का प्रतीक मानी जाती है। छठ पूजा में इसे अर्पित करने से घर में सौभाग्य, आत्मबल और पारिवारिक सद्भाव का वास होता है।
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छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले हर फल के पीछे एक गहरा अर्थ छिपा होता है। ये केवल पूजा की सामग्री नहीं, बल्कि श्रद्धा, शुद्धता और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक हैं। इन फलों के माध्यम से व्रती न केवल भगवान सूर्य और छठी मइया की उपासना करते हैं, बल्कि अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन को भी आमंत्रित करते हैं।
हर फल अपने भीतर पोषण और जीवन शक्ति समेटे होता है। माना जाता है कि इन फलों को चढ़ाने से न केवल शरीर में ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
इन फलों का चयन छठ पूजा की सांस्कृतिक परंपरा और लोककथाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। पीढ़ियों से यह प्रथा चली आ रही है कि वही सात फल पूजा में शामिल किए जाएं जो छठी मइया को प्रिय हैं।
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