Famous 10 Temple in Bangalore: बैंगलोर हमेशा से देश ओर दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन सिर्फ आईटी हब होना इसका मुख्य कारण नहीं है, बल्कि बैंगलोर हिन्दुओं की आस्था का केंद्र भी है। आइये जानते है हिन्दुओं के 10 प्रमुख मंदिर, जानने के लिए पढ़ें।
बैंगलोर का नाम सुनते ही वहां की चकाचौंध, स्वादिष्ट खाना, रहन-सहन और आईटी पार्क के दृश्य हमारी आंखों के सामने घूमने लगते हैं। कर्नाटक की राजधानी है बेंगलुरु या बेंगलुरु जो भारत के आईटी हब के नाम से प्रसिद्ध है। इस शहर में 70% से अधिक हिंदू आबादी रहती है इसलिए बैंगलोर में देश के सबसे अद्भुत एवं शानदार मंदिर हैं। पश्चिमी गंगा, चोल और होयसल के राजाओं द्वारा शासित होने के कारण बैंगलोर का एक समृद्ध इतिहास रहा है जो हमेशा से यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप भी बैंगलोर घूमने की योजना बना रहे है, तो यहां के इन प्रसिद्ध मंदिरों को देखना न भूलें।
चोक्कनाथ स्वामी मंदिर (Chokkanathaswamy Temple) बैंगलोर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जिसका निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। यह बैंगलोर के डोम्लुर में स्थित है और चोल के शासनकाल के दौरान श्री हरि विष्णु के पूजन के लिए बनवाया गया था। इस मंदिर के स्तंभों पर आप तमिल में खूबसूरती से निर्मित किये गए शिलालेख, स्थानीय नृत्य और अन्य स्थानीय परंपराओं को दर्शाते हुए मूर्तियों को देख सकते हैं। इसके अंतर्गत शालिग्राम पत्थर से बनाई गई देवताओं की छवियां भी हैं जो सिर्फ नेपाल में पाई जाती हैं। इस मंदिर के विष्णु जी के दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से 11:00 बजे और शाम को 5:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक है।
बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) का निर्माण 1997 में हुआ था जो हिंदू देवी-देवताओं में राधा और कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी सुंदरता रात में ओर बढ़ जाती है। इस्कॉन मंदिर में दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 4:15 बजे से सुबह के 5:00 बजे और शाम को 4:00 बजे से रात के 8:30 बजे तक है।
शिवोहम शिव मंदिर (Shivoham Shiva Temple) बैंगलोर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की सबसे प्रमुख विशेषता सफेद संगमरमर से बनाई गई भगवान शिव की 65 फीट की मूर्ति है, इसके अलावा मंदिर में 32 फीट ऊंची गणेश मूर्ति और 25 फीट ऊंचा शिवलिंग भी है। इस मंदिर का निर्माण साल 1995 में हुआ था। यह शिव मंदिर एयरपोर्ट रोड पर स्थित होने के कारण यात्रियों को आकर्षित करता है। ये मंदिर भक्तों के लिए 24 घंटे खुला रहता है।
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कोटे वेंकटरमण स्वामी मंदिर (Kote Venkataramana Swamy Temple) मैसूर के शासक चिक्का देव राजा द्वारा 17 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में निर्मित किए गया था। इस मंदिर में आपको मनोहर विजयनगर और द्रविड़ शैली की वास्तुकला देखने को मिलती है। यह मंदिर टीपू सुल्तान के समर पैलेस के निकट बसवनगुडी में स्थित है। इस मंदिर के प्रमुख देवता भगवान वेंकटेश्वर हैं जिनके दर्शन और पूजन के लिए भक्त आते है।
श्री सोमेश्वर मंदिर (Someshwara Temple) बेंगलुरु के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है जिसे चोल राजवंश द्वारा निर्मित और बाद में विजयनगर साम्राज्य द्वारा पुनर्निर्मित किए गया था। यह मंदिर 1200 वर्षों से अधिक पुराना है जो पूर्वी बेंगलुरु के उल्सूर में स्थित है। बेंगलुरु का यह प्रसिद्ध मंदिर राज्य की ऐतिहासिक विरासत और स्तंभों पर अनूठी नक्काशी के कारण वास्तुशिल्प का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। इस मंदिर के द्वार भक्तों के लिए सुबह 6 बजे से 12 बजे और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहते हैं।
श्री शंखमुख मंदिर (Sri Shanmukha Temple) में भगवान शंखमुख के छः मुखों को सुंदरता से स्थापित किया गया है। इसके ऊपर, क्रिस्टल का एक विशाल गुंबद बना हुआ है, जो दिन में हीरे की तरह चमकता है। इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर मोर की मूर्तियां स्थापित है जो भगवान शनमुगा के वाहन माने जाते है। इस मंदिर का नजारा किसी का भी मन मोह लेता है।
बुल मंदिर (Bull Temple) को बैंगलोर का गौरव कहा जाता है जो भगवान शिव के वाहन नंदी बैल को समर्पित हैं। इस मंदिर में नंदी बैल की लगभग 4.6 किलोमीटर लंबी मूर्ति स्थापित है जिसे एक ही पत्थर से तराशा गया है। भगवान शिव से जुड़ें त्यौहारों पर आने के लिए सबसे शानदार जगह है। नंदी मंदिर बैंगलोर के बगले चट्टान नामक एक पार्क में स्थित है और इसे डोड्डा बसवन्ना गुड़ी भी कहते है। यहाँ हर साल काफ़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं।
बैल मंदिर के पास ही स्थित है डोड्डा गणेश मंदिर (Dodda Ganesha Temple) जो बेंगलुरु में महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में श्रीगणेश की 18 फीट ऊंची विशाल मूर्ति स्थापित है जिसे विशेष अवसरों पर मक्खन से स्नान कराया जाता है। इस मंदिर में भक्तों की हमेशा भीड़ लगी रहती हैं। डोड्डा गणेश मंदिर शहर के मध्य में स्थित है, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर में भक्तों के दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे और शाम को 5:30 बजे से रात 9 बजे तक है।
बैंगलोर के सबसे महत्वपूर्ण एवं विख्यात मंदिरों में से एक है गंगादेश्वर मंदिर (Gangadhareshwara Temple) जो अखंड स्तंभों और अग्नि की अनूठी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें अग्नि देवता का रूप माना जाता है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक अद्भुत आकर्षण का केंद्र है। गंगादेश्वर मंदिर को गव्य पुरम गुफा मंदिर भी कहते है जो समृद्ध भारतीय वास्तुकला को दर्शाता है। गंगादेश्वर मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में केम्पे गौड़ा 1 नामक शासक द्वारा किए गया था, जो आधुनिक बैंगलोर के संस्थापक भी थे।
धर्मराज मंदिर को भारतीय संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों का प्रतिबिंब माना गया है ओर इस मंदिर की वास्तुकला बेहद शानदार हैं। इस मंदिर में रंगों का संयोजन और उपयोग की जाने वाली अनेक प्रकार की छवियां ऐसी हैं जो इस स्थान के बारे में आपको अधिक जानने के लिए प्रेरित करेगी। यह मंदिर बैंगलोर के प्राचीन मंदिरों में से एक है जो पांडवों को समर्पित है, यही इस मंदिर को काफी दुर्लभ बनाता है।
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