Hindu Temple in Chennai: भारत के महानगरों में शुमार चेन्नई (Chennai) को हम उसके धार्मिक सांस्कृतिक, विरासत और समृद्ध इतिहास के लिए जानते हैं। चेन्नई में हर वर्ष लाखों सैलानी आते हैं और यहां की सांस्कृतिक विरासत व धार्मिक स्थलों को देख वे आश्चर्यचकित रह जाते हैं। इन सैलानियों में देसी से विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। दक्षिण भारत हमेशा से अपने वास्तु व कला के लिए जाना जाता रहा है। ऐसे में चेन्नई में कई मंदिर (Famous Hindu Temples in Chennai) है, तो वास्तु व कला के अनूठे उदाहरण बनकर लोगों का ध्यान अपने ओर आकर्षित करते रहे हैं।
द्रविड़ियन वस्तु शैली (Dravidian Architecture) पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ऐसे में इस वास्तु शैली से बने ये मंदिर (Hindu Temple in Chennai) मनमोहक व अनुपम छटा बिखेरते हैं। इन मंदिरों का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही ऐतिहासिक भी, यदि आप चेन्नई घूमने के लिए जाते हैं, तो आपको इन मंदिरों में अवश्य जाना चाहिए। यहां जाने के बाद ही आप अपनी चेन्नई यात्रा को पूरा मान सकेंगे।
आइये जानते हैं चेन्नई के 7 प्रमुख मंदिर व धार्मिक स्थलों (7 Hindu Temples in Chennai) के बारे में -
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान शिव व देवी पार्वती को समर्पित है। मयलापुर को चेन्नई का वाणिज्य केंद्र माना जाता है। कपालेश्वर मंदिर (Kapaleeswarar Temple in Hindi) को चेन्नई के सबसे प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है। द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर की स्थापना 7वीं सदी में हुई थी और इसके संस्थापक पल्लव वंश द्वारा की गई थी। परंतु पुर्तगाली हमलावरों ने इस कपालीश्वर मंदिर को नष्ट कर दिया था। आगे चलकर 16वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण दोबारा विजयनगर के शासकों के करवाया। कपालेश्वर मंदिर (Kapaleeswarar Temple) में स्थापित मूर्ति को स्थानीय भाषा में कर्पगम बल कहा जाता है।
चेन्नाकेसवा पेरुमल मंदिर (Chennakesava Perumal Temple) चेन्नई के प्राचीन मंदिर में गिना जाता है। यह मंदिर चेन्नई के जॉर्ज टाउन इलाके में स्थित है। चेन्नाकेसवा पेरुमल मंदिर (Chennakesava Perumal Temple In Hindi) का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया। यह मंदिर हिंदू धर्म में पालनकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार चेन्नाकेसवा पेरुमल को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि चेन्नई शहर का नाम इस मंदिर के ऊपर रखा गया है।
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चेन्नई के त्रिपलीकेन में स्थित है, पार्थसारथी मंदिर (Arulmigu Sri Parthasarathyswamy Temple) का निर्माण 8वीं सदी में पल्लवों शासकों ने कराया था। यह मंदिर प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है। पार्थसारथी मंदिर (Parthasarathy Temple in Hindi) भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का उल्लेख अलवर संतों के प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। मंदिर परिसर में भगवान नरसिंह, भगवान राम और वराह के मंदिर हैं। पार्थसारथी मंदिर प्रसिद्ध 108 वैष्णव मंदिरों में से एक दिव्य मंदिर है।
भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मारुंडेश्वर मंदिर (Marundeeswarar Temple In Hindi) चेन्नई के करीब तिरुवानमियूर में स्थित है। इस मंदिर में महादेव को औषधि देव के रूप में पूजा जाता है। मारुंडेश्वर मंदिर के परिसर में भगवान शिव के अलावा भगवान गणेश, देवी पार्वती और शिव के विभिन्न रूपों के मंदिर हैं। यह मंदिर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए आश्रय स्थल के रूप में कार्य करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान मारुंडेश्वर ने ही ऋषि अगस्त्य को औषधि व जड़ी-बूटियों और वनस्पति के बारे में बताया था, जिसके बाद मंदिर का नाम मारुंडेश्वर मंदिर (Marundeeswarar Temple) पड़ा।
भगवान शिव को समर्पित लोकप्रिय एकम्बरेश्वर मंदिर (Ekambareswarar Temple) चेन्नई से 71 किमी दूर कांचीपुरम में स्थित है। अलंगानाथ पिल्लई द्वारा इस मंदिर का निर्माण सन 1680 में किया गया था। यह मंदिर पृथ्वी लिंगम की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धालु मंदिर में 108 दिये जलाते हैं। मान्यता है कि एकम्बरेश्वर मंदिर (Ekambareswarar Temple in Hindi) में जो भक्त सच्चे मन 108 दिये जलाता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भगवान मुरुगन को समर्पित है श्री वडापलानी अंदावर मंदिर (Vadapalani Andavar Temple) चेन्नई के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस मंदिर को वडापलानी मुरुगन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर को भगवान मुरुगन के परम भक्त अन्न स्वामी नायक द्वारा सन 1890 में निर्मित कराया गया था। मंदिर परिसर के अंदर आप भगवान मुरुगन के साथ भगवान शिव, मां काली, भैरव आदि कई देवी- देवताओं की मूर्तियां देख सकते हैं। श्री वाडापलानी अंदावर मंदिर को विवाह और अन्य धार्मिक समारोहों के लिए विशेष स्थान माना जाता है।
चेन्नई के इलियट में स्थित अष्टलक्ष्मी मंदिर (Ashtalakshmi Temple) देवी लक्ष्मी के सभी आठ स्वरूपों को प्रदर्शित करता है। यह चेन्नई के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। मंदिर का निर्माण हिंदू मंदिर शैली में किया गया है। मंदिर का निर्माण सन 1976 में कांची मठेश्वर स्वामी चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती जी की इच्छा पर किया गया था। अष्टलक्ष्मी मंदिर (Ashtalakshmi Temple in Hindi) का निर्माण इस तरह किया गया है कि जो भी इस मंदिर में प्रवेश करता है वह बिना गर्भगृह में दाखिल हुए देवी महालक्ष्मी के सभी स्वरूपों का दर्शन कर सकता है। मंदिर परिसर में भगवान गणेश, हनुमान, धन्वंतरि की मूर्तियां स्थापित हैं।
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हमें आशा है कि यहां दी गई जानकारी आपके लिए लाभप्रद साबित होगी। जब भी आप चेन्नई की यात्रा पर होंगे तो इन मंदिरों को अपने दर्शनीय स्थलों में जरूर शामिल करेंगे। यहां की महिमा व वास्तुकला का आनंद उठाएंगे।
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