जानें घोड़े की नाल और इससे बने छल्ले हैं कितने शुभ फलदायी

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जानें घोड़े की नाल और इससे बने छल्ले हैं कितने शुभ फलदायी

मनुष्य के जीवन में समयानुसार ग्रहों व नक्षत्रों की दिशा व दशा बदलती रहती है। जिसका असर मानव जीवन पर पड़ता है। यदि शनि ग्रह की दशा व्यक्ति पर चलती है तो इनके प्रभाव से बचने के लिए वह कई उपाय करता है। अगर आप पर शनि की महादशा चल रही है तो आपके लिए सबसे सरल उपाय है घोड़े की नाल और इससे बने छल्ले को उपयोग में लाना। घोड़े की नाल और इससे बने छल्ले की चमत्कारी गुण यह कि इसे धारण करने मात्र से शनि की साढ़े- साती और ढैय्या के प्रभाव से बचा जा सकता है। मनुष्य पर साढ़ेसाती या ढैय्या की शुरूआत होते ही अगर वह तरह-तरह के उपाय करने के बजाय घोड़े की नाल से बने छल्ले को धारण कर ले तो शनि देव के कोप से बच सकता है। लेकिन क्या आप नाल व इससे बने छल्ले के गुणों के बारे में जानते हैं। आइये हम आपको बताते है कि घोड़े की नाल और इससे बना छल्ला आपकी सभी समस्याओं को आपसे कैसे कोसों दूर करता है।

घोड़े की नाल और इससे बने छल्ले के लाभ

शनि देव के दुष्प्रभाव से बचाता है

यदि आपके घर में कोई अक्सर बीमार रहता है और उपचार कराने के बाद भी कोई लाभ नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि आपके परिवार के उस सदस्य पर शनिदेव की अशुभ दशा चल रही हो। आप एक कार्य करे अक्सर बीमार रहने वाले व्यक्ति के बेड के चारों कोने में काले घोड़े की नाल की चार कीलें बेड के चारों कोने में लगा दें। शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के काले घोड़े की नाल से बने छल्ले को शनिवार के दिन शुद्ध करके मध्यमा अंगुली में धारण करें। काले घोड़े की नाल को अपने व्यवसायिक स्थल पर लगाने से व्यापार में प्रगति होती है। साथ ही आने वाली नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। क्या आपकी कुंडली में है अंगारक दोष? जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से।

घोड़े की नाल से बनती है दैवीय कृपा

घोड़े की नाल को भवन के मुख्य द्वार पर सीधा लगाने से भवन में रहने वालों पर दैवीय कृपा बनती है। यदि घोड़े की नाल को उल्टा करके भवन के द्वार पर लगाया जाए तो भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जा भवन में प्रवेश नहीं कर पाती है। मान्यता है कि शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल की कील या छल्ला बनवाकर पीपल के वृक्ष के नीचे एक लोह की कटोरी में शुद्ध सरसों का तेल भरकर उसमें छल्ला या कील डालकर अपना चेहरा देखकर उस तेल को दान करने से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दुष्प्रभाव में कफी कमी आती है।

घोड़े की नाल से व्यवसाय में बरकत

ज्योतिष के अनुसार व्यवसाय में तरक्की के लिए घोड़े की नाल को शनिवार के दिन घर लाकर  उसका शुद्धिकरण करके व्यापारिक प्रतिष्ठान में ऐसी जगह लगाए, जहाँ से वह प्रत्येक ग्राहक को स्पष्ट दिखाई दे। नाल को इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि उसका खुला भाग ऊपर की ओर रहे। इससे शनि देव की कृपा बनती है। माना जाता है कि घोड़े की नाल को काले कपड़े में बांधकर तिजोर में रखने से धन-धान्य में बरकत होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार खिलाड़ियों को घोड़े की नाल का छल्ला अवश्य धारण करना चाहिए। यदि धारण करने में किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो उसे आप अपने पर्स में भी रख सकते हैं।

वायु दोष समाप्त के लिए

वायु दोष को समाप्त करने के लिए एक गिलास में पानी भरकर रात भर के लिए उसमें एक घोड़े की नाल डालकर रख दें और फिर सुबह उठकर इस पानी को छानकर पी लें। लगातार ऐसा करने से वायु दोष की समस्या समाप्त हो जाती है। साथ ही इससे पाचन क्रिया भी ठीक होती है, जिससे गैस व हाजमें की समस्या भी दूर हो जाती है। माना जाता है कि रविवार के दिन नाव की कील और काले घोड़े की नाल प्राप्त करके उसका कड़ा बनवा लें और इस कड़े को दाहिने हाथ में धारण करने से गैस और कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है।

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