Grah Gochar 2025: गोचर का अर्थ है ग्रहों का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश। ज्योतिष शास्त्र में, गोचर का अध्ययन यह बताने के लिए किया जाता है कि ग्रहों की चाल हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है। यह वह समय होता है जब एक ग्रह अपनी वर्तमान स्थिति से किसी अन्य राशि में प्रवेश करता है। ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न ग्रहों का गोचर आपके व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
ग्रहों का गोचर (Grah gochar) आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य, धन, करियर, रिश्ते, और मानसिक स्थिति। उदाहरण के लिए, शनि का गोचर अक्सर गंभीरता, संघर्ष और अनुशासन की आवश्यकता को दर्शाता है, जबकि बृहस्पति का गोचर सौभाग्य, ज्ञान और वृद्धि का संकेत देता है।
हेल्थ: सभी गोचर का स्वास्थ्य पर प्रभाव देखा जा सकता है, जैसे कि मंगल का गोचर ऊर्जा में वृद्धि और शारीरिक समस्याओं की संभावना बढ़ा सकता है।
धन: बृहस्पति का गोचर आर्थिक समृद्धि ला सकता है, जबकि राहु और केतु का गोचर अनिश्चितताओं और जोखिमों को बढ़ा सकता है।
करियर: सूर्य और शनि का गोचर करियर में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, जैसे प्रमोशन या नौकरी में बदलाव।
रिश्ते: शुक्र और मंगल का गोचर प्रेम और रिश्तों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिससे रिश्तों में सुधार या तनाव उत्पन्न हो सकता है।
साल 2025 में होने वाले सभी मुख्य ग्रह गोचर की तिथियों और समय के बारें में जाननें के लिए इस लेख को पढ़ें:
गुरु गोचर (बृहस्पति गोचर) ज्ञान, शिक्षा, धन, आध्यात्मिकता,और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में जाना जाता हैं। बृहस्पति का गोचर किसी भी व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
गुरु के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव:
बृहस्पति लगभग 12 साल में एक बार राशि चक्र की पूरी परिक्रमा करता है, यानी वह हर राशि में लगभग एक साल बिताता है। बृहस्पति का गोचर (guru gochar) हर साल किसी एक राशि में होता है।
बृहस्पति गोचर 2025 की तिथि (guru gochar 2025 dates)
साल 2025 में बृहस्पति 3 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी पंचांग में बताया गया है कि बृहस्पति 14 मई को मिथुन राशि में, 18 को कर्क राशि में और 05 दिसंबर को मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
बृहस्पति गोचर की सूची (guru gochar list)
मिथुन राशि: 14 मई 2025, बुधवार को रात 11:20 बजे।
कर्क राशि: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को रात 09:39 बजे।
मिथुन राशि: 05 दिसम्बर 2025, शुक्रवार को दोपहर 03:38 बजे।
शनि को न्याय का देवता माना जाता है और यह कर्मफल दाता भी होते हैं। शनि का गोचर आपके जीवन में जरूरी बदलाव ला सकता है, जो आपके लंबे समय के प्रयासों और कर्मों पर आधारित हो सकते हैं।
शनि के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव
शनि लगभग 29.5 साल में एक बार राशि चक्र की पूरी परिक्रमा करता है, यानी वह हर राशि में लगभग ढाई साल बिताता है। शनि का गोचर ढाई साल तक किसी एक राशि में होता है और उस राशि के अनुसार ही उसके प्रभाव होते हैं।
शनि गोचर 2025 की तिथि (Shani gochar 2025 dates)
साल 2025 में शनि 1 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी पंचांग में निर्हित है कि शनि 29 मार्च को मीन राशि में गोचर करेंगे।
शनि गोचर की सूची (Shani gochar list)
मीन राशि: 29 मार्च 2025, शनिवार को रात 11:01 बजे।
मंगल (Mangal) ऊर्जा, साहस, इच्छाशक्ति, और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है। मंगल का गोचर आप के जीवन के करियर, स्वास्थ्य, और व्यक्तिगत रिश्तों से जुड़ा हो सकता है।
मंगल के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव
मंगल लगभग 1.5 साल में राशि चक्र की पूरी परिक्रमा करता है, यानी वह हर राशि में लगभग 45 दिनों तक रहता है। मंगल का गोचर (Mangal gochar) हर डेढ़ साल में एक राशि से दूसरी राशि में होता है।
मंगल गोचर 2025 की तिथि (mangal gochar 2025 dates)
साल 2025 में मंगल 7 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी के पंचांग के अनुसार, मंगल 21 जनवरी को मिथुन राशि में, 3 अप्रैल को कर्क राशि में, 7 जून को सिंह राशि में, 28 जुलाई को कन्या राशि में, 13 सितंबर को तुला राशि में, 27 अक्टूबर को वृश्चिक राशि में और 7 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे।
मंगल गोचर की सूची (Mangal gochar list)
मिथुन राशि: 21 जनवरी 2025, मंगलवार को सुबह 09:37 बजे।
कर्क राशि: 3 अप्रैल 2025, बृहस्पतिवार को रात 01:56 बजे।
सिंह राशि: 7 जून 2025, शनिवार को रात 02:28 बजे।
कन्या राशि: 28 जुलाई 2025, सोमवार को रात 08:11 बजे।
तुला राशि: 13 सितम्बर 2025, शनिवार को रात 09:34 बजे।
वृश्चिक राशि: 27 अक्टूबर 2025, सोमवार को दोपहर 03:53 बजे।
धनु राशि: 7 दिसम्बर 2025, रविवार को रात 08:27 बजे।
राहु (Rahu) एक छाया ग्रह है और यह भौतिक सुख, अप्रत्याशित घटनाएँ, छल-कपट, और मानसिक भ्रम का प्रतीक होता है। राहु का गोचर (Rahu gochar) आपकी मानसिक स्थिति, करियर और व्यक्तिगत रिश्तों पर असर डाल सकता है।
राहु के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव
राहु लगभग 18.5 साल में एक बार राशि चक्र की पूरी परिक्रमा करता है, यानी वह हर राशि में लगभग 18 महीने तक रहता है। राहु का गोचर हर डेढ़ साल में एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।
राहु गोचर 2025 की तिथि (Rahu gochar 2025 dates)
साल 2025 में राहु 1 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी पंचांग के अनुसार है कि राहु 18 मई को कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
राहु गोचर की सूची (Rahu gochar list)
राहु का कुम्भ में गोचर: 18 मई 2025, रविवार को शाम 04:30 बजे।
केतु, राहु के विपरीत छाया ग्रह है और यह आध्यात्मिकता, त्याग, मुक्ति और अनजाने डर का प्रतीक है। केतु का गोचर (Ketu gochar) आपकी आध्यात्मिक उन्नति, करियर और मानसिक स्थिति में बदलाव ला सकता है।
केतु के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव
केतु भी राहु के समान ही लगभग 18.5 साल में एक बार राशि चक्र की पूरी परिक्रमा करता है, यानी वह हर राशि में लगभग 18 महीने तक रहता है। केतु का गोचर हर डेढ़ साल में एक राशि से दूसरी राशि में होता है।
केतु गोचर 2025 की तिथि (Ketu gochar 2025 dates)
साल 2025 में केतु 1 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी पंचांग के अनुसार है कि केतु 18 मई को सिंह राशि में गोचर करेंगे।
केतु गोचर की सूची (Ketu gochar list)
केतु का सिंह राशि में गोचर: 18 मई 2025, रविवार को शाम 04:30 बजे।
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शुक्र, प्रेम, सौंदर्य, कला, विवाह, धन, और सामाजिक रिश्तों का कारक ग्रह होता है। शुक्र का गोचर व्यक्ति के जीवन में प्रेम संबंधों, वित्तीय स्थिति, कला और सौंदर्य प्रशांति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
शुक्र के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव
शुक्र ग्रह एक वर्ष में लगभग 23 दिन 20 घंटे में एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तित होता है। इस अवधि में, शुक्र अपने प्रभाव को उस राशि के अनुसार व्यक्ति पर दिखाता है। इसके गोचर के दौरान व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता, संतोष, और सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है।
शुक्र गोचर 2025 की तिथि (Shukra gochar 2025 dates)
साल 2025 में शुक्र 10 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी के कैलेंडर के अनुसार, शुक्र 28 जनवरी को मीन राशि में, 31 मई को मेष राशि में, 29 जून को वृषभ राशि में, 26 जुलाई को मिथुन राशि में, 21 अगस्त को कर्क राशि में, 15 सितंबर को सिंह राशि में, 9 अक्टूबर को कन्या राशि में, 2 नवंबर को तुला राशि में, 26 नवंबर को वृश्चिक राशि में और 20 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे।
शुक्र गोचर की सूची (Shukra gochar list)
मीन राशि: 28 जनवरी 2025, मंगलवार को सुबह 07:12 बजे।
मेष राशि: 31 मई 2025, शनिवार को सुबह 11:42 बजे।
वृषभ राशि: 29 जून 2025, रविवार को दोपहर 02:17 बजे।
मिथुन राशि: 26 जुलाई 2025, शनिवार को सुबह 09:02 बजे।
कर्क राशि: 21 अगस्त 2025, बृहस्पतिवार को रात 01:25 बजे।
सिंह राशि: 15 सितम्बर 2025, सोमवार को रात 12:23 बजे।
कन्या राशि: 9 अक्टूबर 2025, बृहस्पतिवार को सुबह 10:55 बजे।
तुला राशि: 2 नवम्बर 2025, रविवार को दोपहर 01:21 बजे।
वृश्चिक राशि: 26 नवम्बर 2025, बुधवार को सुबह 11:27 बजे।
धनु राशि: 20 दिसम्बर 2025, शनिवार को सुबह 07:50 बजे।
सूर्य का गोचर (Surya Gochar) भी वैदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण होता है। यह ग्रह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालता है, विशेषकर व्यक्ति के अध्यात्मिक और व्यावसायिक स्थिति पर। सूर्य का गोचर लगभग एक महीने में एक राशि से दूसरी राशि में होता है। इस अवधि में, यह ग्रह विभिन्न गुणों और प्रभावों को अपनी प्रकाश के तरह चमकाता है।
सूर्य के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव:
सूर्य का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में प्रत्येक महीने में होता है। इसलिए, सूर्य का पूरा राशि चक्र सम्पूर्ण 12 महीने में पूरा हो जाता है।
सूर्य गोचर 2025 की तिथि (Shurya gochar 2025 dates)
साल 2025 में सूर्य 12 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी के कैलेंडर के अनुसार, सूर्य 14 जनवरी को मकर राशि में, 12 फरवरी को कुंभ राशि में, 14 मार्च को मीन राशि में, 14 अप्रैल को मेष राशि में, 15 मई को वृषभ राशि में, 15 जून को मिथुन राशि में, 16 जुलाई को कर्क राशि में, 17 अगस्त को सिंह राशि में, 17 सितंबर को कन्या राशि में, 17 अक्टूबर को तुला राशि में, 16 नवंबर को वृश्चिक राशि में और 16 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य गोचर की सूची (Shurya gochar list)
मकर राशि: 14 जनवरी 2025, मंगलवार को सुबह 09:03 बजे।
कुम्भ राशि: 12 फरवरी 2025, बुधवार को रात 10:03 बजे।
मीन राशि: 14 मार्च 2025, शुक्रवार को शाम 06:58 बजे।
मेष राशि: 14 अप्रैल 2025, सोमवार को रात 03:30 बजे।
वृषभ राशि: 15 मई 2025, बृहस्पतिवार को रात 12:20 बजे।
मिथुन राशि: 15 जून 2025, रविवार को सुबह 06:52 बजे।
कर्क राशि: 16 जुलाई 2025, बुधवार को शाम 05:40 बजे।
सिंह राशि: 17 अगस्त 2025, रविवार को रात 02:00 बजे।
कन्या राशि: 17 सितम्बर 2025, बुधवार को रात 01:54 बजे।
तुला राशि: 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को दोपहर 01:53 बजे।
वृश्चिक राशि: 16 नवम्बर 2025, रविवार को दोपहर 01:44 बजे।
धनु राशि: 16 दिसम्बर 2025, मंगलवार को सुबह 04:26 बजे।
बुध, ज्योतिष में बुद्धि, बोलचाल, विचारशक्ति, शिक्षा और यात्रा के प्रतीक माने जाते हैं। बुध का गोचर (Budh gochar 2025) व्यक्ति के मानसिक स्थिति, बोलचाल, व्यवहार और करियर में जरुरी बदलाव ला सकता है।
बुध के राशि परिवर्तन की अवधि और प्रभाव:
बुध ग्रह लगभग 12 महीने में अपनी राशि चक्र को पूरा करता है। इसका अर्थ है कि बुध हर राशि में लगभग 1 महीने तक रहता है। बुध का गोचर अलग-अलग राशियों में उसके प्रभावों को बढ़ावा देता है, जैसे कि बुद्धि में वृद्धि, स्पष्टता और विवेक का विकास।
बुध गोचर 2025 की तिथि (Budh gochar 2025 dates)
साल 2025 में बुध सूर्य की तरह 13 बार गोचर करेगा। एस्ट्रोयोगी के हिन्दू पंचांग के अनुसार, बुध 4 जनवरी को धनु राशि में, 24 जनवरी को मकर राशि में, 11 फरवरी को कुंभ राशि में, 27 फरवरी को मीन राशि में, 7 मई को मेष राशि में, 23 मई को वृषभ राशि में, 6 जून को मिथुन राशि में, 22 जून को कर्क राशि में, 30 अगस्त को सिंह राशि में, 15 सितम्बर को कन्या राशि में, 03 अक्टूबर को तुला राशि में, 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में और 23 नवम्बर को तुला राशि में गोचर करेंगे।
बुध गोचर की सूची (Budh gochar list)
धनु राशि: 4 जनवरी 2025, शनिवार को दोपहर 12:11 बजे।
मकर राशि: 24 जनवरी 2025, शुक्रवार को शाम 05:45 बजे।
कुम्भ राशि: 11 फरवरी 2025, मंगलवार को दोपहर 12:58 बजे।
मीन राशि: 27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को रात 11:46 बजे।
मेष राशि: 7 मई 2025, बुधवार को सुबह 04:13 बजे।
वृषभ राशि: 23 मई 2025, शुक्रवार को दोपहर 01:05 बजे।
मिथुन राशि: 6 जून 2025, शुक्रवार को सुबह 09:29 बजे।
कर्क राशि: 22 जून 2025, रविवार को रात 09:33 बजे।
सिंह राशि: 30 अगस्त 2025, शनिवार को शाम 04:48 बजे।
कन्या राशि: 15 सितम्बर 2025, सोमवार को सुबह 11:10 बजे।
तुला राशि: 03 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को सुबह 03:47 बजे।
वृश्चिक राशि: 24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को दोपहर 12:39 बजे।
तुला राशि: 23 नवम्बर 2025, रविवार को शाम 07:58 बजे।
वृश्चिक राशि: 06 दिसम्बर 2025, शनिवार को रात 08:52 बजे।
धनु राशि: 29 दिसम्बर 2025, सोमवार को सुबह 07:27 बजे।
गोचर के प्रभावों को कम करने और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं।
मंत्र जाप: ग्रहों के संबंधित मंत्रों का जाप करने से उनकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।
रुद्राक्ष धारण: विभिन्न ग्रहों से संबंधित रुद्राक्ष धारण करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है।
दान: ग्रहों के अनुसार दान करना, जैसे कि शनि के लिए काले तिल और बृहस्पति के लिए पीली वस्तुओं का दान करना।
रंगों का उपयोग: ग्रहों के अनुकूल रंगों का उपयोग करना, जैसे कि बृहस्पति के लिए पीला और शुक्र के लिए सफेद।
पूजा और व्रत: विशेष पूजा और व्रत करना, जैसे कि शनि के लिए शनैश्चर व्रत और बुध के लिए बुधव्रत।