ज्योतिषशास्त्र में आकाश, ग्रहों की चाल और पृथ्वी पर घटित घटनाओं के बीच सार्थक संबंधों का पता लगाकर इसका इंसान के जीवन से संबंध का पता चलता है। कई प्रसिद्ध ज्योतिषियों का मानना है कि आकाशीय पिंडों की स्थिति किसी न किसी रुप में व्यक्तियों और उनके जीवन पर सार्थक प्रभाव डालती है। ज्योतिष विद्या या अभ्यास का महत्व कई वर्षों से लेकर अब तक बढ़ता ही जा रहा है। करीब 3,000 से अधिक वर्षों से ज्योतिष अभ्यास को इंसान के सबसे विश्वसनीय मार्गदर्शक प्रणाली के रुप में देखा गया है। इंसान के जीवन से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब सिर्फ ज्योतिष विद्या से ही प्राप्त होते हैं। वहीं, ऐसी कई परेशानियां और रुकावटें भी इंसान झेलता है जिसका निवारण सिर्फ ज्योतिष विद्या में मौजूद होता है।
ऐसे में यह माना जा सकता है कि ज्योतिष हमारे लिए कितनी जरूरी है। इसलिए, इस अभ्यास का जश्न मनाने के लिए एसोसिएशन फॉर एस्ट्रोलॉजिकल नेटवर्किंग (AFAN) ने 1993 में अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस की शुरुआत की थी। तभी से हर साल यह दिन मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी 28वीं वर्षगांठ है। अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस प्रतिवर्ष उत्तरी गोलार्ध के वसंत विषुव के दौरान मनाया जाता है। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। ज्योतिषी इस दिन को नए ज्योतिष वर्ष का पहला दिन मानते हैं। कहा जाता है कि इस दिन पहली बार सूर्य उदय हुआ था जिसके प्रकाश से समस्त ग्रह-नक्षत्र और तारे चमक उठे थे। साथ ही काल गणना का आरंभ भी इस दिन से ही हुआ था। वहीं पश्चिमी राशि चक्र के अनुसार, इस दिन को पहली राशि यानी मेष राशि के पहले दिन के रुप चिन्हित किया जाता है। इस दिन से राशि चक्र की शुरुआत होती है।
कई देशों में वसंत ऋतु भी ज्योतिष के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन से वसंत की शुरुआत होती है और इस दौरान दिन और रात की अवधि एक समान होती है। वहीं, फारसियों में इस दिन को उनके नए साल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर लंबवत गिरती है और सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्ध में स्थानांतरित होता है।
हर साल अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस की कोई एक सटीक तारीख नहीं होती। यह उस दिन मनाया जाता है जब नॉर्थवर्ड इक्विनॉक्स (उत्तर की ओर विषुव) होता है। आमतौर पर, यह हर वर्ष 19-20 मार्च के बीच होता है। हालांकि कई बार यह 20 मार्च या 21 मार्च को भी पड़ता है। वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस 20 मार्च को होगा। इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल रिसर्च के पूर्व अध्यक्ष गिसेल टेरी का कहना है कि ज्योतिष वास्तव में एक वैश्विक भाषा है। उनके मुताबिक, 'हम सभी एक ही आकाश के नीचे रहते हैं। हम सितारों से कैसे संबंधित हैं, इसका हमारे पर सामान्य और विविध दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है। इन दोनों दृष्टिकोणों को इंसानों तक पहुंचाना ही अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष दिवस का उपहार है।'
दुनिया भर के ज्योतिषी और ज्योतिषीय समाज इस अवसर पर लगभग पूरे सप्ताह विशेष सार्वजनिक कार्यक्रमों की मेजबानी करते हुए इस दिन को मनाते हैं। आज के समय में बड़ी संख्या में लोग अपने दैनिक जीवन से लेकर किसी खास काम के लिए ज्योतिष रीडिंग पर भरोसा करते हैं। पश्चिमी ज्योतिषी, एक वर्ष को 12 अवधियों में विभाजित करते हैं। इन प्रत्येक अवधि में, सूर्य एक नक्षत्र क्षेत्र में होता है। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक अवधि को एक राशि चक्र निर्दिष्ट किया जाता है।
मेष (20 मार्च -19 मार्च)
वृषभ (20 अप्रैल -20 अप्रैल)
मिथुन (21 मई -20 जून)
कर्क (21 जून -22 जुलाई)
सिंह (23 जुलाई -22 अगस्त)
कन्या (23 अगस्त -22 सितंबर)
तुला (23 सितंबर -22 अक्टूबर)
वृश्चिक (23 अक्टूबर -21 नवंबर)
धनु (22 नवंबर -21 दिसंबर)
मकर (22 दिसंबर -19 जनवरी)
कुंभ (20 जनवरी से 18 फरवरी)
मीन (19 फरवरी से 20 मार्च)।
ज्योतिष किसी व्यक्ति को कई तरह से लाभ प्रदान करता है। जैसे कि वास्तव में आप कौन हैं, इसकी समझ और अंतर्दृष्टि ज्योतिषशास्त्र के मार्गदर्शन से मिलती है। वहीं, जीवन में इंसान की इच्छाएं, ताकत और लक्ष्य क्या हैं? आपके व्यक्तित्व से संकेत मिलते हैं, बुराईयां और विशेषताएं शामिल हैं, वे आपके कितने अनुकूल हैं। अपने साथी के साथ, दूसरों के बीच आपके संबंधों के बारे में या किस करियर क्षेत्र के लिए आप सबसे उपयुक्त हैं। ऐसे अनगिनत सवाल हैं जिनका जवाब ज्योतिषी के पास अवश्य होता है। जातक समय-समय पर अपने जीवन से जुड़ी इन्हीं सवालों का मार्गदर्शन लेने ज्योतिषी के पास जाते हैं।
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