हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की बुलंदियों को छूना चाहता है और इसके लिए वो तमाम जतन करता है, जिनसे कामयाबी हासिल की जा सके। जीवन में कामयाब बनने के लिए व्यक्ति हर तरह के उपाय करता है। ज्योतिष विद्या से लेकर तांत्रिक विद्या तक में वो तमाम उपयोग करता है। इन सबके बीच बर्थस्टोन धारण करने में भी लोगों की आस्था आज के दौर में बहुत अधिक बढ़ गई है। अपने जन्म के महीने के अनुसार पहने जाने वाले बर्थस्टोन से व्यक्ति जरूर कामयाब और सफल होता है। आज हम आपको जुलाई महीने के बर्थस्टोन के बारे में बताएंगे। जुलाई महीने के जातकों का बर्थस्टोन रूबी (Ruby) है, जिसे हिंदी में कुरुविंद और माणिक भी कहते हैं।
माणिक (रूबी) रत्न एक तरह का खनिज पत्थर है, जो विश्व में कई स्थानों पर पाया जाता है। भारत में ये असम, बिहार, चेन्नई, मध्य प्रदेश और कश्मीर में पाया जाता है। सामान्य कुरुविंद या माणि में कोई आकर्षक रंग नहीं होता। यह साधारणतया धूसर, भूरा, नीला और काला होता है। कुरुविंद का इंजीनियरी उद्योगों में तथा अपघर्षकों और शणचक्रों के निर्माण में अधिकतर प्रयोग किया जाता है। माणिक रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह सब रत्नों का राजा माना गया है। इसे सूर्य के कमजोर व पत्रिकानुसार स्थिति जानकर इस रत्न को धारण करने का विधान है।
ज्योतिषी बताते हैं कि माणिक रत्न को जुलाई महीने के जातक तो पहन ही सकते हैं। इसके अलावा मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन, लग्न राशि के जातक भी माणिक पहन सकते हैं। जो लोग जुलाई के महीने या रविवार को पैदा हुए हैं उन्हें भी यह रत्न सूट करता है। रूबी पहनने की सलाह उन लोगों की दी जाती है, जिनका सूर्य कमजोर हो। सूर्य इंसान के आत्मबल, विश्वास, विकास को ही नहीं बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है। मूलांक के अनुसार, 1, 10, 19 और 28 तारीख को जन्म लेने वाले व्यक्ति भी माणिक धारण कर सकते हैं।
ये कहना गलत नहीं होगा कि रूबी (माणिक) रत्न सभी रत्नों में सबसे सुंदर है। ऐसे में इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति ना सिर्फ अंदर से बल्कि बाहर से भी ग्लो करता है।
रूबी को धारण करने से दिल में प्यार और करुणा की भावनाएं पैदा होती हैं।
रूबी रत्न को धारण करने से मानसिक परेशानियां जैसे तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारियां दूर होती हैं। रुबी न केवल डिप्रेशन जैसी समस्या से लड़ता है बल्कि इससे आपका गुस्सा भी शांत रहता है।
रूबी रत्न का सबसे अच्छा फायदा ये है कि ये फोकस की क्षमता को बढ़ाता है और एक करिश्माई व्यक्तित्व मिलता है।
रूबी को धारण करने से स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी होते हैं। दिल से संबंधित रोगों और लो ब्लड प्रैशर के मरीजों के लिए रूबी पहनना बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा इस रत्न को पहनने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़ी बीमारियां भी दूर होती हैं। साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी को भी इस रत्न से दूर किया जा सकता है। अपच, पीलिया, दस्त, रीढ़ की हड्डी, लो व हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी इस रत्न को पहनने से ठीक हो जाएगी।
रूबी रत्न अनार के दाने के समान होता है। गाढ़े रंग का रत्न होता है। रूबी को आंखों पर रखने से ठंडक महसूस होती है। रूबी एक पारदर्शी होना चाहिए। रूबी को सूर्य के सामने दपर्ण पर रखें और यदि दर्पण के नीचे छाया वाले भाग में किरणें दिखाई दे तो ये रत्न असली है। माणिक को गुलाब की पंखुण्यिों में रखने पर अगर वह चमकने लगे तो यह एक अच्छे रत्न की पहचान है।
माणिक को शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को सुबह 9.15 से 11.00 बजे तक धारण किया जा सकता है। माणिक को मोती के साथ पहनने से पूर्णिमा नाम का योग बनता है। माणिक को पुखराज के साथ भी पहन सकते हैं।
माणिक की कीमत वजन के हिसाब से होती है। यह करूर, बैंकॉक का भी मिलता है, लेकिन कीमत सिर्फ बर्मा की ही अधिक होती है। बाकी 100 रु. से 500 रु. कैरेट तक में मिल जाता है, लेकिन बर्मा की किमत 1000 रु. कैरेट से आगे होती है। एक कैरेट 200 मिली का होता है व पक्की रत्ति 180 मिली की होती है।