सूर्य की महादशा वैदिक ज्योतिष में बहुत ही मायने रखता है। सूर्य की महादशा से जातक की दिशा व दशा दोनों ही बदल जाती है। ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। जैसा की पता है कि सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इस लेख में हम आपको वैदिक ज्योतिष में सूर्य की महादशा क्या महत्व है? सूर्य की महादशा में अन्य ग्रहें की अंतर्दशा की प्रकार व क्या परिणाम हमारे लिए दे सकती है। इसके बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, जो आपको इन ग्रहों प्रवृत्ति समझने में सहायता करेंगे। आपकी कुंडली में कौन सा दोष है इसे जानने के लिये आप एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से परामर्श कर सकते हैं। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें।
सूर्य एक शक्तिशाली, प्रगतिशील और गतिशील ग्रह है। जिसे सैर मंडल में सभी ग्रहों के बीच सर्वोच्च माना जाता है। इसकी चमक आशावाद, अधिकार, प्रफुल्लता और शक्ति को प्रदर्शित करती है। तो वहीं इसकी गर्मी आक्रामकता और अहंकार को। यह सभी ग्रहों में से जीवन दाता है। ज्योतिष के मुताबिक सूर्य महादशा के तहत लोग अक्सर समर्थन और सरकार व सरकार में प्रतिष्ठित लोगों के समर्थन के कारण एक अच्छी सामाजिक प्रतिष्ठा का आनंद लेते हैं। इस तरह के जातक खुद भी एक आधिकारिक स्थिति का आनंद लेते हैं, लेकिन परिवार से कुछ समस्याओं का सामना भी कर सकते हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की महादशा अच्छे स्थिति व समय पर चलती है वे पर्याप्त धन प्राप्त करते हैं और आय के कई स्रोतों का निर्माण करते हैं। विशेष रूप से हथियार, आग, राज्य, संपत्ति और चिकित्सा से संबंधित व्यापार व कार्यक्षेत्र से जुड़े जातक। सूर्य महादशा व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से भी प्रेरित करती है और अक्सर तीर्थयात्रा का योग बनाती है। इसके अलावा, यह चोरी, दुश्मनी, अधिकार, स्वास्थ्य समस्याओं और आग की बार-बार आशंकाओं के कारण चिंतित और बेचैन करता है। लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर इन उलटफेर के बावजूद, ऐसे व्यक्ति का जीवन अच्छा होता है।
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यहां हम आपको सूर्य की महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा में जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके लिए काफी लाभप्रद होगा। तो आइये जानते है सूर्य की महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा क्या परिणाम दे सकती है।
सूर्य की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा का फल
सूर्य-यदि कुण्डली में सूर्य कारक हो, उच्च राशि का हो तथा पाप प्रभाव से रहित हो तो अपनी दशा-अन्तर्दशा में शुभ फल देता है । जातक के धन-घान्य की वृद्धि होती है, उसे पदोन्नति का अवसर निर्माता है। जातक के मन में अशान्ति उत्पन्न होती है तथा उसके चित को परिताप पहुंचता है ।
सूर्य की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में यदि चंद्रमा की अंतर्दशा चल रही हो तो जातक को काफी धन लाभ होता है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। वैदिक ज्योतिक ज्योतिष में सूर्य को पिता कारक माना जाता है। एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर का कहना है कि पिता के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसके साथ ही इसे आत्मा से भी जोड़ा जाता है। तो वहीं चंद्रमा को मन से जोड़ा जाता है। ऐसे में सूर्य की महादशा में चंद्रमा का अंतर्दशा का चलने से जातक को माता- पिता का पूरा सहयोग मिलता है। इसके साथ ही जातक अपने करियर में आगे बढ़ता है। उसे प्रमोशन मिलती है।
सूर्य की महादशा में मंगल की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में मंगल की अंतर्दशा के चलने पर मंगल व्यक्ति को खूब पराक्रमी बनाता है। मन की शांति प्रदान करता है। काम व कार्यक्षेत्र में उन्नति योग होता है जिससे कि व्यक्ति के अंदर एक अद्भुत क्षमता उत्पन्न होती है। आप अपने काम में आगे बढ़ते हैं। आप हर कार्य को करने में सक्षम होते हैं। आपके व्यापार के लिए के लिए भी यह समय बहुत अच्छा कहा जा सकता है।
सूर्य की महादशा में बुध की अंतर्दशा का फल
ज्योतिषाचार्य की माने तो सूर्य की महादशा में बुध की अंतर्दशा का चलना बहुत ही अच्छा माना गया है विशेष करके इस समय पर प्रमोशन के योग बहुत अच्छी तरीके से बनते दिखाई देते हैं। अगर व्यक्ति व्यापार कर रहा है तो व्यापार में उन्नति होती है। विदेश यात्रा के योग बनते हैं तथा किसी उच्च व्यक्ति द्वारा मान-सम्मान की प्राप्ति भी प्राप्ति होती है। इस समय पर आप एक अच्छा निर्णय ले सकते हैं क्योंकि सूर्य और बुध दोनों मिलकर आपके इसके लिए सक्षम बनाता है। बुद्धि का कारक बुध जो कि व्यक्ति को बुद्धि व ज्ञान से परिपूर्ण करता है। एक अच्छा निर्णय लेने की क्षमता आपके अंदर पैदा करता है।
सूर्य की महादशा में गुरू की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में गुरु की अंतर्दशा के चलने पर यह एक बड़ा अच्छा योग माना जाता है क्योंकि इस समय पर संतान की सुख की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि इस समय में विवाह के योग बनते हैं जो अच्छा जीवनसाथी दिलाने का कार्य करता है। बृहस्पति ज्ञान का कारक ग्रह भी है। ऐसे में आप कुछ नया सिखने व शिक्षा प्राप्त करने मन बना सकते हैं। जो जातक शिक्षक हैं उनके लिए भी समय अच्छा होता है। संतान के लिए भी यह समय बेहतरीन होता है।
सूर्य की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा के चलने पर यह समय जातक के लिए थोड़ा सा परेशानी वाला दिखाई देता है। इस समय पर विशेष करके जीवन साथी के साथ प्रेम प्रसंगों में काफी उतार-चढ़ाव का पीरियड आता है। आप दोनों के बीच में विवाद भी हो सकता है। ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि इस समय पर आपको काफी ध्यान रखना चाहिए। धन के मामले में भी कहीं भी अगर आपको इन्वेस्टमेंट करना है तो आपको उसमें काफी सोच समझकर ही करना चाहिए। क्योंकि यहां पर कुछ समस्याएं पैदा हो सकती है। धन हानि हो सकता है।
सूर्य की महादशा में शनि की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में शनि की अंतर्दशा का चलना यह समय भी जातक को काफी परेशान करने वाला योग बना सकता है। क्योंकि इस समय पर सूर्य का जो प्रभाव है सूर्य क्योंकि पिता का कारक ग्रह भी है तो पिता के स्वास्थ्य में समस्याएं या पिता के साथ विचारों में मतभेद पैदा कर सकता है। जिसके कारण आपके व पिता के संबंधों में खटास आ सकती है। ऐसे में आपको अपने पिता के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। कार्य क्षेत्र में जो भी आप से उच्च वर्ग के जो भी व्यक्ति हैं उनके साथ में भी आपका जो मतभेद है बढ़ सकता है इसमें पर आपके शत्रु आपको बहुत ज्यादा आपको परेशान कर सकते हैं।
सूर्य की महादशा में राहु की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में राहु की अंतर्दशा का चलना यह समय आपको काफी परेशान करने वाला हो सकता है। विशेष कर आपके स्वास्थ्य के लिए कुछ परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। इसके साथ ही पंडितजी का करहा है कि इस समय में जातक को मानहानि तथा कलंक का भी सामना करना पड़ सकता है। कोई छिपा दुश्मन इस समय सिर उठा सकता है। यह समय आपके ऊपर कलंक लगने वाला समय रहेगा। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा। यह समय आप में काफी डिप्रेशन पैदा कर सकता है। आप इसमें कोई भी गलत निर्णय ले सकते हैं जिससे आपको भविष्य में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको सावधानी रखनी होगी। राहु की दशा समय पर काफी व्यक्ति को परेशान करता है।
सूर्य की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल
सूर्य की महादशा में केतु की अंतर्दशा चलते पर समय आपको आपके कार्यक्षेत्र में परेशान कर सकता है और आपके शत्रु बहुत अधिक बनेंगे। जिस कारण से हो सकता है कि आपको अपनी जॉब भी छोड़नी पड़ जाए तथा अगर आप बिजनेस कर रहे हैं तो आपको बिजनेस में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जल्दबाजी में लिया गया कोई भी डिसीजन आपको बुरी तरीके से परेशान कर सकता है आपके ऊपर कर्ज का बोझ डाल सकता है। ऐसे में आपको सतर्क व धैर्य से काम लेना चाहिए। यह समय आपके लिए उचित नहीं हैं।