कैलाश मानसरोवर – कब और कैसें करें मानसरोवर यात्रा

Mon, Jun 26, 2017
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Mon, Jun 26, 2017
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
कैलाश मानसरोवर – कब और कैसें करें मानसरोवर यात्रा

भारत धार्मिक विविधताओं का देश है। यहां लगभग सभी धर्मों के अनुयायी मिलते हैं, सभी धर्मों के धार्मिक तीर्थ स्थल भी यहां खूब हैं। लेकिन हिंदू धर्म के मानने वाले यहां बहुतायत में हैं। हिंदूओं में अनेक देवी-देवाओं की पूजा की जाती है। कोई विष्णु का भक्त है तो कोई यहां शिवजी। किसी को राम प्यारें हैं तो किसी के श्याम सहारे हैं। इसी तरह विभिन्न देवी-देवताओं के पौराणिक किस्से हैं कहानियां हैं और उन किस्से कहानियों की गवाही देते हैं धार्मिक तीर्थ स्थल। सप्त पुरी, चार धाम, 12 ज्योतिर्लिंग, देवी शक्तिपीठ आदि। लेकिन कुछ धार्मिक स्थल ऐसे हैं जहां कि यात्रा बहुत ही दुर्गम और भगवद् कृपा से ही संभव व सफल हो सकती है। इन्हीं यात्राओं में सर्वोपरी है कैलाश मानसरोवर की यात्रा। कैलाश भगवान भोलेनाथ, शिवशंकर का निवास माना जाता है। कैलाश मानसरोवर से अनेक रहस्य भी जुड़े हैं। तो आइये जानते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा व यहां के रहस्यों के बारे में।

कैलाश मानसरोवर

कैलाश मानसरोवर में कैलाश पर्वत का नाम है। कैलाश पर्वत पर ही भगवान शिव साधना में लीन रहते हैं इसलिये उन्हें कैलाशपति भी कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में जिस मेरू पर्वत का जिक्र आता है वह कैलाश पर्वत ही बताया जाता है। इसके लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर ही पुराणों में वर्णित क्षीरसागर के होने की मान्यता है जिसे अब मानसरोवर झील कहा जाता है। इतना ही नहीं कैलाश मानसरोवर को पूरी दुनिया का केंद्र माना जाता है। वर्तमान में कैलाश मानसरोवर हिंदू धर्म के अनुयायी शिवभक्तों के लिये तो आस्था का एक बड़ा केंद्र है ही साथ ही यह जैन, बौद्ध आदि धर्मानुयियों के लिये भी भिन्न कारणों से विशेष मायने रखता है। हालांकि समुद्र तल से बहुत अधिक (22068 फुट) ऊंचाई और दुष्कर मार्ग होने की वजह से यहां पंहुचना सबके बस की बात नहीं है फिर भी हर साल शिव की कृपा से सैंकड़ों लोग मन के सरोवर में डूबकी लगाने और शिव की शरण में जाने के लिये पंहुच ही जाते हैं।

कब और कैसे करें मानसरोवर यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से सितंबर माह के बीच आयोजित की जाती है। उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा और सिक्किम के नाथु-ला दर्रा दो भिन्न मार्गों से विदेश मंत्रालय द्वारा इस यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस यात्रा पर जाने के लिये यात्रि का स्वास्थ्य तो बेहतर होना ही चाहिये साथ ही यात्री अपना खर्च स्वयं वहन करने में सक्षम होना चाहिये एवं उसके पश्चात भारतीय पासपोर्ट भी होना चाहिये।

मानसरोवर यात्रा की तैयारी

मानसरोवर यात्रा जून से सितंबर के बीच आयोजित होती है लेकिन यात्रियों को इसकी तैयारी पहले से ही करनी होती है। इसका कारण यह है कि कैलाश मानसरोवर का रास्ता दुर्गम तो है ही साथ ही इसे खर्चीला भी माना जाता है। यात्रा के लिये समुचित व्यवस्थाओं एवं बेहतर स्वास्थ्य के लिये अपनी तैयारियां यात्रा से बहुत पहले शुरु कर देनी चाहिये। चूंकि यात्रा के दौरान बहुत ही लंबी और ऊंचाई की चढाई करनी होती है इसलिये आपको प्रात:काल लंबी दूरी की सैर शुरु करनी चाहिये ताकि आपको यात्रा के दौरान चलने में परेशानी न हो।

कैलाश मानसरोवर चूंकि बहुत ऊंचाई पर स्थित है इसलिये यहां तापमान ऑक्सीजन चढ़ाई चढ़ने के साथ-साथ कम होने लगते हैं। इसलिये यात्रियों को अपने साथ ऑक्सीज़न सिलेंडर तक लेकर चलने पड़ने हैं। 1962 में हुए चीन युद्ध के पश्चात नाथुला मार्ग बंद होने से यात्रियों को लगभग 75 किलोमीटर का सफर पैदल मार्ग से पहाड़ियों की चढ़ाई करते हुए तय करना पड़ता था लेकिन अब सरकार के प्रयासों से यह मार्ग पुन: खुल चुका है जिससे यह दूर 10-15 किलोमीटर ही रह गई है। कैलाश मानसरोवर के रास्ते को दुनिया के दुर्गम रास्तों में से एक माना जाता है।

इस यात्रा के लिये आपके पास कम से कम ढ़ाई-तीन लाख रूपये बजट होना चाहिये। यात्रा का खर्च भले अधिक लगता हो लेकिन जैसे-जैसे आप कैलाशपति सदाशिव के निवास की ओर बढ़ेंगें आपको एक अनमोल आनंद की अनुभूति होगी। 

भगवान शिव की कृपा पाने के सरल ज्योतिषीय उपाय जानने के लिये परामर्श करें एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से। ज्योतिषी से बात करने के लिये क्लिक करें।

यह भी पढ़ें

शिव मंदिर – भारत के प्रसिद्ध शिवालय   |   सावन शिवरात्रि   |   सावन - शिव की पूजा का माह   |   अमरनाथ यात्रा - बाबा बर्फानी की कहानी

पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर   |   यहाँ भगवान शिव को झाड़ू भेंट करने से, खत्म होते हैं त्वचा रोग   |   

विज्ञान भी है यहाँ फेल, दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है यह शिवलिंग   |   चमत्कारी शिवलिंग, हर साल 6 से 8 इंच बढ़ रही है इसकी लम्बाई 

भगवान शिव और नागों की पूजा का दिन है नाग पंचमी

article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Spiritual Retreats and Travel
article tag
Hindu Astrology
Vedic astrology
Spiritual Retreats and Travel
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!