नाग पंचमी को करते हैं भगवान शिव और नागों की पूजा

Mon, Aug 09, 2021
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Mon, Aug 09, 2021
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
नाग पंचमी को करते हैं भगवान शिव और नागों की पूजा

नाग पंचमी एक  हिन्दू पर्व है जिसमें नागों और सर्पों की पूजा की जाती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में यह पर्व पूरे देश में पूर्ण श्रद्धा से मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 में नाग पंचमी 13 अगस्त को शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

 

आज का पंचांग ➔  आज की तिथिआज का चौघड़िया  ➔ आज का राहु काल  ➔ आज का शुभ योगआज के शुभ होरा मुहूर्त  ➔ आज का नक्षत्रआज के करण

 

इस पर्व को मनाने के पीछे एक रोचक तथ्य है। श्रावण के महीने में बरसात होने के कारण अक्सर सर्प अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और दूसरा अस्थायी बसेरा ढूंढते हैं। ये कहीं मनुष्यों को हानि ना पहुंचाए, इसलिए नागपंचमी पर इनकी पूजा की जाती है और इन्हें दूध भी पिलाया जाता है।

 

नाग पंचमी 2021 तिथि व पूजा मुहूर्त

नाग पंचमी तिथि : 13 अगस्त 2021, शुक्रवार

पूजा मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 28 मिनट तक (13 अगस्त 2021)

पंचमी तिथि प्रारंभ : 12 अगस्त 2021 को दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से 

पंचमी तिथि समाप्ति : 13 अगस्त 2021 को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक 

 

इस नाग पंचमी बन रहा है ये संयोग

इस नाग पंचमी गजब का संयोग बन रहा है। क्योंकि इस दिन साध्य योग  दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगा, जो कि साधक के लिए काफी विशेष महत्व रखता है। इस योग को ज्योतिष में काफी महत्व दिया गया है। इसके बाद शुभ योग  लग जाएगा, जो कि अपने नाम से ही शुभ है। साथ ही इस तिथि में हस्त व चित्रा नक्षत्र  रहना वाला है।

 

क्या है नाग पंचमी की कहानी

यह मान्यता है कि भगवान कृष्णा ने इसी दिन गोकुलवासियों को कालिया नामक नाग के आतंक से बचाया था। कथा के अनुसार, एक दिन बालकृष्ण अपने मित्रों के साथ यमुना तट पर खेल रहे थे। तभी उनकी गेंद नदी में जा गिरी। गेंद बाहरनिकालने के प्रयास में कृष्ण नदी में जा गिरे। उसी समय कालिया ने उनपर आक्रमण कर दिया। किन्तु इस बात से अंजान कि श्री कृष्ण साधारण बालक नहीं है, कालिया ने उनसे क्षमा याचना मांगी। कृष्ण ने कालिया से पहले यह प्रतिज्ञा ली कि वह कभी भी गाँव वालों को परेशान नहीं करेगा, तत्पश्चात उन्होंने कालिया को छोड़दिया। प्रचंड नाग कालिया पर कृष्णा की विजय के बाद इस दिन को नाग पंचमी के रूप में श्रद्धा भक्ति से मनाया जाता है।

 

नाग पंचमी पर काल सर्प दोष से मिल सकती है मुक्ति। परामर्श लें इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोजर्स से। अभी बात करने के लिये यहां क्लिक करें।

 

नाग पंचमी के अवसर पर श्रद्धालु भूमि की खुदाई नहीं करते और इस दिन नागदेवता की तस्वीर या मिट्टी से बनी उनकी प्रतिमा के सामने दूध, धान, खील और दूब घास का चढ़ावा करते है और नागदेवता की पूजा करते हैं। यह भी मान्यता है कि प्रभु शिव नागों और सर्पों को स्नेह करते है और सर्पोंऔर नागों की पूजा-अर्चना करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। शिवजी के रुद्ररूप से ना केवल मनुष्य बल्कि देवी-देवता भी घबराते हैं। इसलिएकुछ श्रद्धालु भगवान शिव के आशीर्वाद हेतु जीवित कोबरा नाग की पूजा करते हैं और उन्हें दूध और अन्य पदार्थों का सेवन करते हैं।

यह पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से और विभिन्न रीतियों के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र में कुछ भक्त एकथाल में जीवित किन्तु शांतचित नाग को लेकर घर-घर जाकर भिक्षा मांगते हैं। केरल में भक्त नागदेवता के मंदिर जाकर उनकी पत्थर और धातु की प्रतिमाओं की पूजा करते हैं ताकि वे और उनके परिजन सालभर सर्पों के प्रकोप और सर्पदंशों से बच सकें। रीती-रिवाज चाहे कितने ही भिन्न क्यों ना हो, नाग पंचमी सब एक ही उद्देश्य के साथ श्रद्धा भक्ति के साथ मनाते हैं।

 

यह भी पढ़ें

सावन - शिव की पूजा का माह   |   महाशिवरात्रि - देवों के देव महादेव की आराधना पर्व   |   यहाँ भगवान शिव को झाड़ू भेंट करने से, खत्म होते हैं त्वचा रोग

भगवान शिव के मंत्र   |   शिव चालीसा   |   शिव जी की आरती

article tag
Hindu Astrology
Nag Panchami
Festival
article tag
Hindu Astrology
Nag Panchami
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!