Maa Laxmi ke 108 Naam: 108 नामों का जाप कैसे करें? जानिए सही विधि और लाभ

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Maa Laxmi ke 108 Naam: 108 नामों का जाप कैसे करें? जानिए सही विधि और लाभ

Maa laxmi ke 108 naam: क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों लक्ष्मी जी को केवल धन की देवी नहीं, बल्कि संपूर्ण समृद्धि का प्रतीक माना जाता है? क्यों उनके हर नाम के जप से मन को शांति और घर में खुशहाली का अनुभव होता है? भारतीय परंपरा में देवी लक्ष्मी के नामों का उच्चारण केवल भक्ति नहीं, बल्कि एक साधना माना गया है। हर नाम में एक खास शक्ति, एक भाव और एक आशीर्वाद छिपा होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ माता लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करता है, उसके जीवन से दरिद्रता, भय और दुख स्वतः दूर हो जाते हैं।

यह नाम सिर्फ आराधना का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि देवी की ऊर्जा और कृपा से जुड़ने का माध्यम हैं। आइए जानते हैं श्री लक्ष्मी देवी के 108 नामों का अर्थ और उनके भीतर छिपे आध्यात्मिक रहस्य, जो जीवन में सौभाग्य, वैभव और शांति लाते हैं।

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मां लक्ष्मी के 108 नाम और उनके अर्थ (Maa Laxmi ke 108 Naam)

  1. प्रकृति – संपूर्ण सृष्टि की जननी।

  2. विकृति – जो सृष्टि के विविध रूपों में प्रकट होती हैं।

  3. विद्या – ज्ञान और बुद्धिमत्ता की देवी।

  4. सर्वभूतहितप्रदा – जो सभी प्राणियों के कल्याण का वर देती हैं।

  5. श्रद्धा – जिस पर सबकी आस्था और भक्ति टिकी है।

  6. विभूति – ऐश्वर्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री।

  7. सुरभि – सुगंध का स्रोत, जो वातावरण को पवित्र करती हैं।

  8. परमात्मिका – जो हर जीव में परमात्मा के रूप में विद्यमान हैं।

  9. वाची – मधुर और अमृतमयी वाणी देने वाली देवी।

  10. पद्मालया – जो कमल पर विराजमान रहती हैं।

  11. पद्मा – कमल के समान कोमल और पवित्र।

  12. शुचि – पवित्रता की मूर्ति।

  13. स्वाहा – शुभ और मंगलमय रूप।

  14. स्वधा – जो अशुभता और नकारात्मकता का नाश करती हैं।

  15. सुधा – अमृत देने वाली देवी।

  16. धन्या – जो अपने भक्तों को पुण्य और सौभाग्य देती हैं।

  17. हिरण्मयी – जो स्वर्ण के समान दीप्तिमान हैं।

  18. लक्ष्मी – धन, सौभाग्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी।

  19. नित्यपुष्टा – जो सदा शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती हैं।

  20. विभा – जिनका मुखमंडल तेजस्वी है।

  21. अदिति – सूर्य के समान चमकने वाली देवी।

  22. दीत्या – जो हर प्रार्थना का उत्तर देती हैं।

  23. दीप्ता – प्रकाश की तरह जगमगाने वाली।

  24. वसुधा – पृथ्वी की देवी, जो सभी को जीवन देती हैं।

  25. वसुधारिणी – जो पृथ्वी की रक्षा करती हैं।

  26. कमला – कमल के समान सुगंधमयी।

  27. कांता – भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी।

  28. कामाक्षी – आकर्षक और करुणामयी नेत्रों वाली।

  29. कमलसम्भवा – जो कमल से उत्पन्न हुई हैं।

  30. अनुग्रहप्रदा – जो कृपा और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

  31. बुद्धि – विवेक और निर्णय शक्ति की देवी।

  32. अनघा – निष्पाप और निर्मल स्वभाव वाली।

  33. हरिवल्लभी – भगवान विष्णु की प्रियतम।

  34. अशोका – जो दुःख और शोक का नाश करती हैं।

  35. अमृता – अमरत्व और जीवन की देवी।

  36. दीपा – ज्योति और ज्ञान की प्रतीक।

  37. लोकशोकविनाशिनी – संसार के दुखों को मिटाने वाली।

  38. धर्मनिलया – धर्म की रक्षक और पालन करने वाली।

  39. करुणा – ममता और दया की मूर्ति।

  40. लोकमात्रिका – समस्त जीवों की जननी।

  41. पद्मप्रिया – जिन्हें कमल प्रिय है।

  42. पद्महस्ता – जिनके हाथों में कमल हैं।

  43. पद्माक्षी – जिनकी आंखें कमल के समान हैं।

  44. पद्मसुन्दरी – कमल जैसी सुंदर देवी।

  45. पद्मोद्भवा – कमल से उत्पन्न हुई देवी।

  46. पद्ममुखी – जिनका मुख कमल के समान है।

  47. पद्मनाभप्रिया – भगवान विष्णु (पद्मनाभ) की प्रिय।

  48. रमा – भगवान विष्णु के साथ रमण करने वाली।

  49. पद्ममालाधरा – कमल की माला धारण करने वाली।

  50. देवी – दैवी शक्ति की अधिष्ठात्री।

  51. पद्मिनी – कमल के समान कोमल।

  52. पद्मसुगन्धिनी – कमल जैसी सुगंध वाली।

  53. पुण्यगन्धा – दिव्य सुगंध से वातावरण पवित्र करने वाली।

  54. सुप्रसन्ना – सदा प्रसन्न और कृपामयी।

  55. प्रसादाभिमुखी – भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाली।

  56. प्रभा – तेजस्वी आभा वाली देवी।

  57. चंद्रवंदना – चंद्रमा जैसी शीतलता वाली।

  58. चंदा – चंद्र के समान कोमल और शांत।

  59. चन्द्रसहोदरी – चंद्रमा की बहन।

  60. चतुर्भुजा – चार भुजाओं वाली।

  61. चन्द्ररूपा – चंद्र जैसी उज्ज्वल।

  62. इंदिरा – सूर्य के समान तेज वाली देवी।

  63. इन्दुशीतला – चंद्रमा जैसी शीतल।

  64. अह्लादजननी – आनंद और प्रसन्नता देने वाली।

  65. पुष्टि – आरोग्य और पोषण की देवी।

  66. शिवा – मंगलमयी और कल्याणकारी देवी।

  67. शिवाकारी – शुभ कार्यों की प्रेरक।

  68. सत्या – सत्य और निष्ठा की मूर्ति।

  69. विमला – शुद्ध और निर्मल देवी।

  70. विश्वजननी – समस्त ब्रह्मांड की जननी।

  71. तुष्टी – जो शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं।

  72. दारिद्र्यनाशिनी – दरिद्रता और दुख दूर करने वाली।

  73. प्रीता पुष्करिणी – सुखद दृष्टि और आनंद देने वाली।

  74. शांता – शांति की अधिष्ठात्री देवी।

  75. शुक्लांबरा – श्वेत वस्त्र धारण करने वाली।

  76. भास्करी – सूर्य के समान तेजस्वी।

  77. बिल्वनिलया – बिल्व वृक्ष में निवास करने वाली।

  78. वरारोहा – जो हर इच्छा पूरी करती हैं।

  79. यशस्विनी – यश, सुख और सौभाग्य देने वाली।

  80. वसुंधरा – पृथ्वी की पुत्री, जीवनदायिनी।

  81. उदरंगा – सुंदर शरीर वाली।

  82. हरिनी – हिरण जैसी चपल और कोमल।

  83. हेमामालिनी – स्वर्ण की माला धारण करने वाली।

  84. धनधान्यकी – धन और अन्न की प्रदायिनी।

  85. सिद्धि – सफलता और सिद्धि की देवी।

  86. सौम्या – कोमल और शांत स्वभाव वाली।

  87. शुभप्रभा – शुभता और प्रकाश फैलाने वाली।

  88. नृपवेशवगाथानंदा – राजमहलों में निवास करने वाली।

  89. वरलक्ष्मी – समृद्धि और सौभाग्य देने वाली।

  90. वसुप्रदा – धन और वैभव प्रदान करने वाली।

  91. शुभा – शुभ कार्यों की प्रेरणा देने वाली।

  92. हिरण्यप्रका – स्वर्ण की प्रिय देवी।

  93. समुद्रतनया – समुद्र की पुत्री।

  94. जया – विजय की देवी।

  95. मंगला – मंगलमय कार्यों की अधिष्ठात्री।

  96. देवी – परम दैवी शक्ति।

  97. विष्णुवक्षा – जो विष्णु के हृदय में निवास करती हैं।

  98. विष्णुपत्नी – भगवान विष्णु की पत्नी।

  99. प्रसन्नाक्षी – सुंदर और प्रसन्न नेत्रों वाली।

  100. नारायणसमाश्रिता – नारायण के सान्निध्य में रहने वाली।

  101. दारिद्र्यध्वंसिनी – गरीबी और दुख को समाप्त करने वाली।

  102. लक्ष्मी – धन, सौभाग्य और समृद्धि की अधिष्ठात्री।

  103. सर्वोपद्रवनिवारिणी – सभी संकटों से मुक्ति देने वाली।

  104. नवदुर्गा – नौ रूपों में पूजित देवी।

  105. महाकाली – काल और अंधकार की विजेता।

  106. ब्रह्मा-विष्णु-शिवात्मिका – त्रिदेवों की शक्ति स्वरूपा।

  107. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना – जो तीनों कालों (भूत, वर्तमान, भविष्य) को जानती हैं।

  108. भुवनेश्वरी – समस्त ब्रह्मांड की अधीश्वरी देवी।

महालक्ष्मी जी के 108 नाम जपने का महत्व (Mahalaxmi Ji Ke 108 naam)  

महालक्ष्मी जी के 108 नामों का जप केवल पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का मार्ग है। कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से इन नामों का स्मरण करता है, तो उसके जीवन में शांति, सौभाग्य और आर्थिक स्थिरता आती है।

भक्तों का विश्वास है कि शुक्रवार या दीपावली की रात को इन नामों का पाठ करने से देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं। यह जप न केवल धन की वृद्धि करता है बल्कि मन में संतोष और कृतज्ञता की भावना भी जगाता है।

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माँ लक्ष्मी के 108 नामों का जाप कैसे करें? (How to chant maa laxmi ke 108 naam)

मां लक्ष्मी देवी के 108 नामों का जाप करना अत्यंत शुभ और पवित्र साधना मानी जाती है। यह न केवल धन प्राप्ति का मार्ग है, बल्कि जीवन में संतुलन, सुख और शांति लाने का माध्यम भी है। इसे करने का तरीका बहुत सरल है:

1. समय और वातावरण: सुबह ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय से पहले) या संध्या के समय जाप करना सबसे शुभ माना जाता है। शांत और स्वच्छ वातावरण में बैठें ताकि मन एकाग्र रहे।

2. माला का प्रयोग: 108 दानों की कमलगट्टे या स्फटिक माला का प्रयोग करें। हर दाने पर देवी लक्ष्मी के एक नाम का जप करें। इससे ऊर्जा का प्रवाह संतुलित रहता है।

3. भावना: हर नाम का अर्थ समझते हुए लक्ष्मी जी के दिव्य स्वरूप की कल्पना करें — कमल पर विराजमान, करुणामयी और तेजस्विनी माता की। भावनाओं की सच्चाई ही भक्ति को प्रभावशाली बनाती है।

4. नियमितता: प्रतिदिन जाप करना उत्तम है, लेकिन यदि संभव न हो तो शुक्रवार, पूर्णिमा या दीपावली के दिन अवश्य करें। नियमपूर्वक नामस्मरण करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

5. स्थल: अपने घर के पूजा स्थल, लक्ष्मी मंदिर या किसी शांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें। दीपक जलाएं और सुगंधित धूप से वातावरण को पवित्र करें।

माता लक्ष्मी के 108 नाम जप के लाभ (Benefits of Chanting Mata Lakshmi 108 Naam):

  • जीवन में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का वास होता है।

  • दरिद्रता, भय और नकारात्मकता दूर होती है।

  • घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

  • कर्म में निपुणता और कार्यों में सफलता मिलती है।

  • मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है।

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नियमित रूप से श्री लक्ष्मी के 108 नामों का जप करने से न केवल भौतिक सुख-संपत्ति बढ़ती है, बल्कि आत्मिक समृद्धि का भी अनुभव होता है। यह साधना व्यक्ति को भीतर से स्थिर, संतुष्ट और धन्य बना देती है।

लक्ष्मी देवी के 108 नामों में केवल धन-संपदा ही नहीं, बल्कि प्रेम, दया, शांति और ज्ञान का सार छिपा है। ये नाम हमारे जीवन को भीतर से प्रकाशित करते हैं। देवी लक्ष्मी के हर नाम में शक्ति है — जो हमें न केवल भौतिक सुख देती है बल्कि आत्मिक समृद्धि की ओर भी ले जाती है।

यदि मन से श्रद्धा और विश्वास के साथ इन नामों का जप किया जाए, तो देवी लक्ष्मी अवश्य प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख, शांति और सम्पन्नता का आशीर्वाद देती हैं।

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