
Navratri Colour: भारत में सभी त्योहार हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। इसमें नवरात्रि को भारत के सबसे रंगीन और ऊर्जा से भरपूर त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दौरान पूरे नौ दिनों तक माँ दुर्गा और उनके नौ शक्तिशाली स्वरूपों की उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन का एक खास रंग होता है। यह विशेष रंग माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का प्रतीक हैं। यह रंग आपकी सोच और पर्सनैलिटी पर भी प्रभाव डालते हैं। आपको बता दें कि आपके पसंदीदा रंग आपकी पर्सनैलिटी, और रिश्तों के प्रति नजरिए को भी दर्शाते हैं। नवरात्रि के 9 रंग देवी के कुछ विशेष गुणों से जुड़े होते हैं। तो आइए जानते हैं, इन नौ रंगों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव होता है।
नवरात्रि के ये 9 रंग हमारी सोच, स्वभाव और रिश्तों पर गहरा असर डालते हैं। इन रंगों का चुनाव आपको सिर्फ उत्सव का आनंद नहीं देता, बल्कि आपकी पर्सनैलिटी और रिश्तों की गहराइयों को भी उजागर करता है। चलिए जानते हैं कि कौन-सा रंग आपके स्वभाव के राज़ खोलता है और आपके रिश्तों पर कैसे असर डालता है।
नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित होता है। इस दिन सफेद रंग धारण करना पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग भरोसेमंद और सच्चे होते हैं। रिश्तों में यह रंग ईमानदारी और वफादारी का आधार देता है, जिससे विश्वास और समझ मजबूत होती है।
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दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। लाल रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है और इसे पहनने से आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। लाल रंग शक्ति, जुनून और साहस का प्रतीक है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग आत्मविश्वासी और जोशीले होते हैं। रिश्तों में यह रंग रोमांस और जोश को बढ़ाता है और अपने प्यार को खुलकर व्यक्त करने की ताकत देता है।
तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। रॉयल ब्लू रंग शांति और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है, जो जीवन में स्थिरता और संतुलन लाता है। रॉयल ब्लू शांति, स्थिरता और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। इस रंग से जुड़े लोग भावनात्मक रूप से गहरे और संतुलित होते हैं। रिश्तों में यह रंग भरोसा और सुरक्षित माहौल बनाता है, जिससे आपसी बातचीत और समझ बेहतर होती है।
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चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है। पीला रंग खुशहाली और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन जीवन में रोशनी और उमंग भर देता है। पीला रंग खुशी, आशावाद और स्पष्टता का प्रतीक है। इसे पसंद करने वाले लोग हमेशा सकारात्मक रहते हैं और दूसरों को प्रेरित करते हैं। रिश्तों में यह रंग नई शुरुआत और उत्साह लाता है, जो बंधन को और मजबूत बनाता है।
पाँचवें दिन माँ स्कंदमाता की उपासना होती है। हरा रंग विकास और सामंजस्य का प्रतीक है, जो रिश्तों और जीवन दोनों में संतुलन लाता है। हरा रंग विकास, सामंजस्य और उपचार का प्रतीक है। यह रंग अपनाने वाले लोग दूसरों को शांति और स्थिरता का अहसास कराते हैं। रिश्तों में यह रंग सहारा और संतुलन लाता है, जिससे आपसी तालमेल और भी गहरा होता है।
छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा होती है। धूसर रंग दृढ़ता और धैर्य का प्रतीक है, जो जीवन में चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है। ग्रे रंग संतुलन, रहस्य और धैर्य का प्रतीक है। इस रंग से जुड़े लोग मुश्किल हालात में भी शांत बने रहते हैं। रिश्तों में यह रंग गहराई और स्थिरता लाता है, जिससे संबंध मजबूत और परिपक्व बनते हैं।
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सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना की जाती है। नारंगी रंग उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है, जो जीवन में जोश और नई उमंग भरता है। नारंगी रंग उत्साह, गर्मजोशी और सकारात्मकता का प्रतीक है। जिन लोगों को यह रंग पसंद होता है, वे जीवन में ऊर्जा और रोमांच भर देते हैं। रिश्तों में यह रंग ताज़गी और उत्साह बनाए रखता है, जिससे रिश्ते हमेशा जीवंत बने रहते हैं।
आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा होती है। मोरपंखी हरा रंग करुणा और नवीनीकरण का प्रतीक है, जो जीवन और रिश्तों को नई शुरुआत देता है। यह रंग अनोखेपन, करुणा और नवीनीकरण का प्रतीक है। इसे पसंद करने वाले लोग हमेशा नई शुरुआत और माफी की ताकत रखते हैं। रिश्तों में यह रंग पुराने ग़िले-शिकवे मिटाकर नई ताजगी और प्यार का अनुभव कराता है।
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नवरात्रि का अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। गुलाबी रंग प्रेम और सौम्यता का प्रतीक है, जो रिश्तों में मिठास और अपनापन लाता है। गुलाबी रंग को पसंद करने वाले लोग स्वभाव से बेहद कोमल, दयालु और संवेदनशील होते हैं। इनकी पर्सनैलिटी में अपनापन और सादगी साफ झलकती है। ये लोग रिश्तों में प्यार, देखभाल और मधुरता बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। दूसरों की भावनाओं को समझने और सम्मान देने की खूबी इनके स्वभाव को खास बना देती है।
नवरात्रि के ये नौ रंग केवल परंपरा या सजावट का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि ये हमारी पर्सनैलिटी और रिश्तों की गहराई को भी दर्शाते हैं। हर रंग माँ दुर्गा के एक विशेष स्वरूप से जुड़ा है और जीवन में अलग-अलग ऊर्जा लेकर आता है। चाहे बात उत्साह और सकारात्मकता की हो, शांति और स्थिरता की हो या प्रेम और करुणा की, हर दिन का रंग आपको अपने भीतर झांकने और रिश्तों को और मजबूत बनाने का अवसर देता है।
इस नवरात्रि, जब आप देवी की उपासना के साथ-साथ उनके रंग भी अपनाएँगे, तो यह न सिर्फ आपके उत्सव को और खास बनाएगा बल्कि आपके रिश्तों में नई रोशनी और ताजगी भी भरेगा। रंगों की इस आध्यात्मिक यात्रा को महसूस कीजिए और नवरात्रि के इन नौ दिनों को आत्मिक और सामाजिक जुड़ाव का उत्सव बना दीजिए।
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