हर व्यक्ति अपनी किस्मत चमकाने और अपने जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाता है। जातक कुंडली दिखाने और हस्त रेखाओं के अध्ययन की मदद लेकर ज्योतिषियों द्वारा सुझाए कई उपाय अपनाते हैं। इन्हीं उपायों में से एक सबसे ज्यादा प्रचलित उपाय है व्यक्ति के जन्म पर आधार पर शुभ रत्न यानी बर्थस्टोन धारण करना। बर्थस्टोन किसी भी जातक के जन्म के महीने का प्रतिनिधित्व करते हैं। अलग-अलग रत्नों को लोग महीने के आधार पर गहनों में शामिल करके धारण करते हैं। महीनों के साथ रत्न को निश्चित करने की यह प्रथा 1800 के दशक की यानि कुछ 2000 साल पहले की है। माना जाता है कि अगर व्यक्ति महीने के हिसाब से शुभ रत्न धारण कर ले तो उसको पहले से अधिक शुभ फल मिलेंगे।
नवंबर में पैदा हुए लोगों का बर्थस्टोन
हर महीने की तरह नवंबर महीने में पैदा हुए लोगों भी कुछ खास व्यक्तित्व और किस्मत के साथ पैदा होते हैं। इसी तरह के इनके लिए निर्धारित रत्न भी विशेष होता है। इस महीने में पैदा होनेवाले लोगों की राशि वृश्चिक होती है, जिसका स्वामी मंगल होता है। इस राशि के जातकों के लिए सिट्राइन और टोपाज़ (पुखराज) दो बर्थस्टोन होते हैं।
कैसे दिखते हैं दोनों रत्न
सिट्राइन- अलग-अलग क्वार्ट्ज में से सिट्राइन इसकी एक पीले रंग की दुर्लभ किस्म है। यह काफी बड़ा रत्न होता है। हालांकि, प्राकृति में ये पारदर्शी से रंगीन वैरायटी में भी मिल सकते हैं।
पुखराज- पुखराज भी एक पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न होता है। इसकी गुणवत्ता आकार, रंग और शुद्धता के आधार पर तय की जाती है। पुखराज लगभग हर रंग के पाए जाते हैं। हालांकि, जातक अपनी राशि के अनुसार पुखराज के रंग चुनते हैं।
नवंबर बर्थस्टोन के फायदे
सिट्राइन- यह रत्न जातक को उसके प्रयासों में सफलता दिलाने में मदद करता है। अगर इसे धारण करने वाला व्यक्ति सामाजिक है तो इसकी प्रभावशीलता और बढ़ जाती है। इस रत्न को धारण करने से लोगों के साथ संबंध बनाने में तो लाभ मिलता ही है। साथ ही, ये वित्तीय मुद्दों को हल करने में मददगार है। वहीं, ऐसा माना जाता है कि व्यापारियों को इसके उपयोग का लाभ तभी मिलता है, जब इसकी अंगूठी छोटी उंगली में पहनी जाए। सर्जन, जौहरी, मूर्तिकार, स्टंटमैन आदि सिट्राइन धारण कर मदद लेते हैं।
पुखराज- माना जाता है कि पुखराज धारण करनेवालों के मान सम्मान और धन संपत्ति में काफी वृद्धि होती है। इसको धारण करनेवाले छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में काफी सफलता मिलती है। इस रत्न को पहननेवाले की धार्मिकता और सामाजिक कार्य में रुचि होती है। कई जातक विवाह में आ रही बाधाओं और व्यापार में हो रहे नुकसान से बचने के लिए पीला पुखराज धारण करते हैं। ऐसे लोग जो धार्मिक या आध्यात्मिक काम में लगे हुए हैं, यानी आध्यात्मिक परामर्शदाता, चिकित्सक, याजक वे पुखराज से लाभ लेते हैं। इसके साथ ही,जो लोग कानूनी पेशे में लगे हैं उनके लिए भी पुखराज काफी उपयोगी है।
इन रत्नों के चिकित्सीय गुण
सिट्राइन- सिट्राइन को ढालकर इसके गहने पहनने हाई ब्लड प्रेशर और नर्वस सिस्टम सही के कामकाज को सामान्य करता है। इसको धारण करनेवाले की मानसिक उदासी को सुधार के लिए यह रत्न विशेष रूप से प्रभावी है। इसके अलावा, किसी व्यक्ति के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट और अन्य कई बीमारियों को ठीक करने में भी यह रत्न काफी उपयोगी है। इसके अलावा यह रत्न संक्रमण से जुड़ी बीमारियों को हराने में मदद करता है।
पुखराज- ऐसा माना जाता है कि पुखराज धारण करने से सीने की दर्द, श्वास, गला आदि रोगों से परेशानी से छुटकारा मिलता है। इसके साथ-साथ यह रत्न अल्सर, गठिया, दस्त, नपुंसकता, टीबी, हृदय, घुटना और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों से भी राहत पाने के लिए काफी उपयोगी माना जाता है। पेट की बीमारियों, कमजोर पाचन तंत्र और पीलिया के मामले में भी यह रत्न बहुत मदद कर सकता है।