क्यों माना जाता है नंबर 13 अशुभ? जानें ज्योतिषीय महत्व

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क्यों माना जाता है नंबर 13 अशुभ? जानें ज्योतिषीय महत्व

13 अंक की बात करते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। ऐसा क्या है इस अंक में? भारतीय समाज में इस अंक को अशुभता का प्रतीक माना जाता है। सनातन धर्म में तेरहवे दिन दी तेरहवी किया जाता है। ऐसा क्यों किया जाता है। कहते हैं कि महाभारत में तेरह दिनों तक कौरव की सेना आगे थी लेकिन इसके बाद महाभारत का रूख पांडवों की ओर मुड़ गया था। केवल हिंदू ही नहीं अपितु विश्व के कई धर्मों में इस अंक को अशुभ व मनहूस माना जाता है। लेकिन इससे यह मान लेना की 13 अंक केवल अशुभता का प्रतीक है तो यह मूर्खता होगी। जी हां 13 अंक को कई संप्रदाय में शुभ भी माना जाता है। जिसमें हिंदू धर्म भी शामिल है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र व अंक शास्त्र में इस अंक को विशेष महत्व दिया जाता है। जिसके बारे में हम आगे जानेंगे।

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अंक 13 क्यों माना जाता है अशुभ?

खासकर तेहर अंक को ही लेकर लोगों के मन में भय है। क्योंकि यह अविभाजिय अंक होने के साथ ही कई मिथकों से जुड़ा है। तेरह व शुक्रवार के संयोग को सबसे अशुभ माना जाता है। क्योंकि इस संयोग पर ऐसी कई घटनाएं घटी हैं जिन्होंने लोगों के मन में इस बात को स्थापित करने में अपनी अहम भूमिका निभायी कि 13 नंबर अशुभ है। सबसे पहले तेरह को अशुभ बताने का प्रमाण कोड ऑफ हम्मूराबी से मिलती है। ये कोड बेबीलोन की सभ्यता के लिए लिखे गए कानून का दस्तावेज है, चूंकि इसमें 13 नंबर पर कोई सिद्धांत उल्लेखित नहीं किया गया है, इस के चलते तेरह अंक को अशुभ माना जाने लगा। लेकिन विद्वान इस बात से असहमत हैं। इनका कहना है कि जब इस दस्तावेज का निर्माण किया गया था तब इसे क्रमबद्ध तरीके से नहीं तैयार किया गया होगा। जिसके चलते ही तेरह का अंक छूट गया होगा।

 

ज्योतिष में 13 का नंबर कितना शुभ?

इन तथ्यों के अलावा अब बात करते हैं ज्योतिष की। तेरह को ज्योतिष में कितना महत्व दिया जाता है। अंक ज्योतिष में यदि तेरह के मान को देखा जाए तो यह 4 है जिसे राहु का अंक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में राहु को परिवर्तन का कारक कहा गया है। ज्योतिषियों का कहना है कि यह अंक दो शक्तिशाली ग्रहों के योग से बना है। सूर्य व गुरू बृहस्पति। सूर्य का अंक है 1 व गुरू का अंक है 3, इसी के योग से 13 अंक का निर्माण हुआ है। जो कि आपने अंदर बहुत सी शक्ति व क्षमताओं को रखता है। क्योंकि ज्योतिष में सूर्य को ऊर्जा का प्रतीक व बृहस्पति को ज्ञान का प्रतीक व कारक माना जाता है और जब शक्ति व ज्ञान का मेल होता है तो इससे ज्यादा शक्ति व सामर्थवान दूजा कोई नहीं यानी की 13 के सामने किसी अन्य अंक कोई सानी नहीं हैं। 13 का अंक आपके लिए कितना शुभ? जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध अंक ज्योतिषी से। 

 

अंक ज्योतिष में मूलांक 13

वैदिक ज्योतिष व अंक ज्योतिष एक दूसरे जुड़े हुए। अंक ज्योतिष में भी जातक के भाग्य अंक को देखकर इसके संभावित परिणामों को बताया जाता है। जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि 1 और 3 को जोड़कर प्राप्त 4 अंक को अंक ज्योतिष में बड़ा ही प्रभावी माना गया है। इसे कर्म का प्रतीक भी बताया है यानी की कर्म के हिसाब से फल। जैसा करोगे वैसा पाओगे। अंक ज्योतिष में इसे मास्टर ऑफ नंबर कहा गया है। साथ ही इसे बदलाव का कारक अंक भी माना जाता है। सही व प्रभावी होने पर यह जातके के लिए चमत्कारी बन जाता है। परंतु खराब होने पर यह विनाश का कारक बनता है। कुल मिलाकर 13 अंक को केवल अशुभ मानना ठीक नहीं होगा।

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