सावन विनायक चतुर्थी 2024: हिन्दू धर्म में चतुर्थी तिथि का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक करने का विधान माना जाता है। सावन माह में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस साल सावन माह की विनायक चतुर्थी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है,पूजा विधि और पूजा का महत्व क्या है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 7 अगस्त को रात 01:05 से शुरू होगी और 9 अगस्त को रात 12:36 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्रास्त का समय रात 09:27 बजे होगा, इसलिए आप 8 अगस्त को चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।
सावन विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:33 से 05:17 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:43 से 03:35 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:04 से 07:26 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 12:11 से 12:54 बजे तक
चन्द्रोदय: सुबह 09:06 बजे
चंद्रास्त: रात 09:27 बजे
इस साल सावन विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है, जिसका समापन दोपहर 12:39 बजे हो रहा है। इसके बाद सिद्ध योग और रवि योग बन रहा है, जो रात 11:34 बजे तक रहेगा। इस दिन भद्रावास का भी संयोग बन रहा है, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन इस महीने में आने वाली विनायक चतुर्थी का खास महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इस दिन इनकी पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और आप की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। सावन विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से आपको सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगवान गणेश की पूजा इस दिन विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन विनायक चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठकर भगवान गणेशजी की पूजा करें।
गणेशजी की प्रतिमा को ताजे फूलों से सजाएं।
धन प्राप्ति के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
चन्द्र दर्शन के बाद पूजा की जाती है एवं व्रत कथा पढ़ी जाती है।
इसके बाद ही विनायकी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।
वैदिक शास्त्रों के अनुसार, आप विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं, तो भगवान गणेश आपको ज्ञान, बुद्धि और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण हैं जिनका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है। जिस मनुष्य के पास यह गुण होते हैं, वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनोवांछित फल प्राप्त करता है। बुद्धि के बल पर न सिर्फ धन बल्कि हर मोड़ पर सफलता मिलती है।
सावन विनायक चतुर्थी पर यह शुभ काम करें:
सूर्योदय से पहले उठें: सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
गणेशजी की प्रतिमा को सजाएं: भगवान गणेश की प्रतिमा को ताजे फूलों, चंदन और रोली से सजाएं।
गणेश स्तोत्र का पाठ करें: धन प्राप्ति और समृद्धि के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
चन्द्र दर्शन: चन्द्र दर्शन के बाद ही पूजा संपन्न करें।
व्रत कथा पढ़ें: व्रत कथा का पाठ करें और गणेशजी के आशीर्वाद की कामना करें।
भोग अर्पित करें: भगवान गणेश को मोदक या उनके प्रिय भोग अर्पित करें।
ध्यान और प्रार्थना: ध्यान और प्रार्थना के साथ भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस प्रकार, सावन विनायक चतुर्थी पर इन शुभ कामों को करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है।
इस सावन विनायक चतुर्थी पर, भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर, उनके मंत्रों का जाप करें और अपने जीवन को सुख, समृद्धि और आरोग्य से भरें।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले एस्ट्रोयोगी के एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर से सलाह लेना उचित होगा।