शनि जिन्हें कर्मफलदाता, न्यायप्रिय, दंडाधिकारी आदि अनेक नामों से जाना जाता है। जिन्हें राशिचक्र की मकर व कुंभ राशियों का स्वामी माना जाता है। जिनकी प्रत्येक गतिविधि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कई परिवर्तन लेकर आती है यदि ऐसे शनि किसी राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करें तो यह ज्योतिष के नज़रिये से एक बहुत ही महत्वपूर्ण और बड़ी घटना होती है। 26 अक्तूबर को शनि का पुन: धनु राशि में परिवर्तन हो रहा है क्योंकि इससे पहले भी शनि धनु राशि में 26 जनवरी 2017 को प्रवेश कर चुके हैं लेकिन अप्रैल में उनकी चाल बदलने व वक्र होने से वे कुछ समय के लिये वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे थे। अगस्त में उनकी चाल फिर बदली व शनि के मार्गी होने के पश्चात अब 26 अक्तूबर से वे फिर से धनु राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में शनि के इस गोचर से सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइये जानते हैं।
मेष
मेष राशि का स्वामी मंगल शनि का मित्र ग्रह है। पिछले ढ़ाई वर्षों से मेष जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही थी। इसी कारण हो सकता है इन्हें पिछले समय में अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले हों। शनि परिवर्तन के साथ ही आपको शनि की ढ़ैय्या से मुक्ति मिल जायेगी। अपने शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य, धन, ऋण आदि से संबंधित जो समस्याएं लंबे समय से आपको चिंतित कर रही हैं उनसे निजात मिलने की प्रबल संभावना है। अचानक से लाभ प्राप्ति के संयोग भी आपके लिये बन सकते हैं। अत: आपके लिये शनि का राशि परिवर्तन काफी सकारात्मक कहा जा सकता है।
वृषभ
वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है जो कि शनि का मित्र ग्रह है। वृषभ जातकों पर शनि की ढ़ैय्या शुरु होगी जो कि शारीरिक-मानसिक, धन व ऋण संबंधी दुष्चिंताओं को बढ़ाने वाली मानी जाती है। आपके बने बनाये कार्यों में भी अचानक बाधाएं आ सकती हैं। हो सकता है अत्यधिक कार्यदबाव या कार्यस्थल पर बढ़ती हुई जिम्मेदारियां आपको कार्य छोड़ने के लिये मजबूर करें। आपके लिये सलाह है कि अपने संयम को बनाये रखें व धैर्य और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करें। हर शनिवार शनिदेव का पूजन कर आप हालातों को सामान्य बना सकते हैं।
मिथुन
मिथुन राशि का स्वामी बुध है जो कि शनि का सम माना जाता है, आपकी राशि से शनि का परिवर्तन सातवां होगा। शनि की दृष्टि रहने के कारण आपको अपने से बड़े व्यक्ति के क्रोध का शिकार होना पड़ सकता है। कार्यक्षेत्र में स्थिरता आ सकती है। शारीरिक रूप से भी अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। संयम और विवेक से ही आप अपनी परेशानियों व परिस्थितियों पर काबू पा सकते हैं। आवेश में आकर जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें किसी भी प्रकार का जोख़िम उठाने से पहले अच्छे से विचार विमर्श करें। शनिदेव की पूजा करें राहत मिल सकती है।
कर्क
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है जोकि शत्रु ग्रह है। आपकी राशि से शनि का परिवर्तन छठे घर में होगा जो कि शत्रु और रोग का घर माना जाता है। लंबे समय से चले आ रहे रोग, शत्रु, व बाधाएं दूर होने के आसार हैं। शनि की दृष्टि में न आने के कारण आपके लिये शनि का परिवर्तन सुख-समृद्धि व उन्नति देने वाला रहने की संभावना है।
सिंह
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है जो कि शनि का शत्रु ग्रह है। पिछले ढ़ाई सालों से आपकी राशि पर शनि की ढ़ैय्या चल रही थी जिसके कारण हो सकता है आपका समय कठिनाइयों भरा रहा हो। लेकिन शनि के परिवर्तन के साथ ही शनि की ढ़ैय्या से भी आपको मुक्ति मिलेगी जिसके कारण शनि का परिवर्तन आपके लिये लाभप्रद कहा जा सकता है। लंबे समय से बनी हुई चिंताए, रोग व ऋण आदि से मुक्ति मिल सकती है।
कन्या
कन्या राशि का स्वामी बुध है। जिसके साथ शनि का संबंध सम रहता है। आपकी राशि में शनि की ढ़ैय्या प्रवेश कर रही है जो कि चिंताजनक हो सकती है। शुरुआती कुछ समय धन हानि के योग बन सकते हैं। इस कारण आपके सुख-शांति भरे जीवन में कुछ खलल पड़ सकता है। समय के साथ-साथ उतार-चढ़ावों का सामना आपको करना पड़ सकता है। शारीरिक रूप से भी अपनी सेहत के प्रति सचेत रहें। शनि देव की पूजा आपके लिये अनिवार्य है।
तुला
तुला राशि का स्वामी शुक्र है जो कि शनि के मित्र ग्रह हैं। आपकी राशि से शनि की साढ़े साती समाप्त हो रही है। शनि का परिवर्तन होने से पिछले सात सालों में किये गये परिश्रम और संयम, धैर्य का परिचय देने के लिये कर्मफलदाता शनि अब आपको अपेक्षित परिणाम दे सकते हैं। आपके लिये शनि का राशि परिवर्तन काफी सुखद रहने के आसार हैं। व्यापार, कार्य, शिक्षा आदि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता आपके निकट रहने के आसार हैं। थोड़े से प्रयासों से आप इसे हथिया सकते हैं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है जिसके साथ शनि का मित्रवत संबंध माना जाता है। आपकी राशि से शनि की साढ़ेसाती का द्वितीय चरण समाप्त हो रहा है। आपकी राशि से ही शनि परिवर्तन कर रहे हैं जिसे ज्योतिष शास्त्र में उतर्राध दशा कहा जाता है। लंबे समय से अदालती मामलों, कार्यक्षेत्र, धन आदि में आ रही बाधाएं भी दूर होने के आसार बन सकते हैं। नये कार्यक्षेत्र, नये व्यवसाय के भी योग हैं आपके लिये शनि का परिवर्तन शुभ कहा जा सकता है।
धनु
धनु राशि के स्वामी बृहस्पति है जिनके साथ शनि का संबंध सम है। आपकी राशि में ही शनि प्रवेश कर रहे हैं। पिछले ढ़ाई सालों से चली आ रही कठिनाइयां कुछ कम हो सकती हैं। हृद्य, श्वास संबंधी रोग होने की भी संभावना हो सकती है। अपने खान-पान का खास तौर पर ध्यान रखें। आपके लिये शनि का राशि परिवर्तन मध्यम कहा जा सकता है।
मकर
मकर राशि के स्वामी स्वंय शनि है लेकिन राशि परिवर्तन के कारण मकर जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो रही है। इस कारण मकर जातकों को कार्यक्षेत्र से लेकर जीवन के विभिन्न पहलुओं में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि स्वाराशि होने के कारण इसका फल आपके लिये मध्यम मिलने के आसार हैं। यदि आप चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हैं तो आने वाले समय में आप सफलता की मिसाल कायम कर सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें खासकर सिर आदि में चोट लगने या दर्द रहने के योग बन रहे हैं। शनिदेव की पूजा अर्चना करना आपके लिये लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
कुंभ
कुंभ राशि का स्वामी भी स्वयं शनि है। आपकी राशि से शनि का परिवर्तन ग्यारहवें भाव में हो रहा है जो कि लाभ का घर माना जाता है। विदेश जाने के इच्छुक जातकों के लिये मार्ग प्रशस्त हो सकता है। आपके लिये धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। शनि का परिवर्तन आपके लिये हर क्षेत्र में लाभप्रद रहने के आसार हैं। ईमानदारी से अच्छे समय का उपयोग करें आने वाले समय में पूर्ण लाभ की प्राप्ति हो सकती है।
मीन
मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। इनके साथ शनि का मधुर संबंध माना जाता है। आपकी राशि से शनि का परिवर्तन दसवां होगा जोकि आपके कार्यक्षेत्र को दर्शाता है। कार्यक्षेत्र में सफलताएं मिलने का योग बने रहने के आसार हैं। जो जातक पिछले कुछ समय से रोजगार पाने के लिये प्रयासरत हैं उन्हें इच्छित क्षेत्र में रोजगार पाने के सुअवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपकी राशि में शनि का परिवर्तन शुभ व खुशियां प्रदान करने वाला रह सकता है।
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