हर चीज़ को करने का एक सलीका होता है। शउर होता है। जब चीज़ें करीने सजा कर एकदम व्यवस्थित रखी हों तो कितनी अच्छी लगती हैं। उससे हमारे भीतर एक सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। वास्तु हमें यही सिखाता है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि घर के निर्माण की रूप रेखा से लेकर साज-सज्जा तक में वास्तु का ध्यान रखना चाहिये। वास्तु दोष का पाया जाना नेगेटिविटी को आंमत्रित करता है। अक्सर घर में कलह का रहना, दफ्तर में तरक्की न मिलना, लाभ न पाना, कार्यों में बाधाओं का सामना करना, मन में नकारात्मक विचारों का बढ़ना कहीं न कहीं वास्तु से जुड़ा मसला भी हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं वास्तु विशेषज्ञ आचार्य आशीष गुप्ता द्वारा बताये गये कुछ आसान वास्तु उपायों (Easy Vastu Tips) के बारे में। लाइफ को खुशहाल बनाने वाले ये वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Happy Life) जीवन में सकारात्कता का संचार करते हैं। तो आइये जानते हैं ये घरेलु वास्तु उपाय।
जल है तो कल है – जल ही जीवन है, जल है तो कल है, जल को व्यर्थ न बहाएं ये मात्र किसी जल बचाओ अभियान के स्लोगन नहीं हैं बल्कि वास्तु के अनुसार भी नल से यदि व्यर्थ में जल बहता है तो शुभ नहीं माना जाता है। यह आपके लिये धन हानि का प्रतीक है, इसलिये जल व्यर्थ में बहता है तो उसे रोकिये ताकि आप भी हानि से बच सकें।
शुरु करें काम ले प्रभु का नाम – कोई भी कार्य आरंभ करने से पहले वैसे तो आप भगवान का ध्यान करते ही होंगे फिर भी अभी तक अज्ञानतावश ऐसा नहीं करते हैं तो अब से शुरु कर सकते हैं। काम शुरु करने से पहले अपने ईष्ट का ध्यान करना आपमें एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके आपको अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
ईशान कोण में हो मंदिर – मंदिर के उत्तर पूर्व अर्थात ईशान कोण या फिर पूर्व दिशा में होने से भी आपको लाभ होता है। मंदिर का मुख कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए मान्यता है कि इससे जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दक्षिणमुखी होकर करें पितरों का पूजन – अपने कुल देवताओं, पितरों का पूजन हमेशा दक्षिणमुखी होकर करना चाहिए।
मूर्ति न हो एक फीट से बड़ी – घर में आप जो मंदिर बनाते हैं और उसमें देव या देवी की जो प्रतिमा स्थापित करते हैं उसका आकार 1 फीट से बड़ा नहीं होना चाहिये। हालांकि तस्वीरें आप किसी भी आकार की रख सकते हैं।
पूर्वाभिमुख होकर करें घर में पूजा – घर में पूजा हमेशा पूर्वाभिमुख होकर करनी चाहिएं।
घी का दीपक करता है लक्ष्मी को प्रसन्न – घर के मंदिर में एक दिन में दो बार घी का दीप अवश्य जलाना चाहिये। वास्तु के अनुसार मान्यता है कि ऐसा करने से महालक्षमी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बनाए रखती हैं। और घर में स्थाई निवास बना लेती हैं।
ठाकुर जी की सेवा से मिलेगा लाभ – जिनके घर में ठाकुर जी विराजमान हैं उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार लड्डू गोपाल की सेवा करनी चाहिए।
सोने से पहले डालें मंदिर पर पर्दा – रात को सोने से पहले घर में बने मंदिर का पर्दा आवश्य डालें। यह भाव रखना चाहिये कि प्रभु शयन कर रहे हैं।
प्रभु के भोग में रखें ध्यान – पूजा करते समय भगवान को प्रसाद चढ़ाते समय ध्यान रखें जो प्रसाद आप प्रभु को अर्पित कर रहे हैं वह बासी तो नहीं है। भोजन शुद्ध होना चाहिए मीठा या नमक देखने के लिये भी चखा न गया हो। प्याज, लहसुन आदि तामसिक प्रवृति वाले पदार्थ भी भोजन में न हों। पराये घर या बाज़ार से भोजन लाकर भी भगवान को भोग नहीं लगाना चाहिए।
इस दिन न छुएं तुलसी – मान्यता है कि तुलसी दल के बिना भगवान कोई भी भोग ग्रहण नहीं करते। रविवार के दिन तुलसी को छूना वर्जित माना गया है। इसलिये रविवार के दिन तुलसी को न छूएं।
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