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‘सुंदरकांड’ ‘श्री रामचरित मानस’ का पंचम सोपान है। रामचरित मानस महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित ‘रामायण’ पर आधारित महाकाव्य है। महर्षि वाल्मिकी ने रामायण संस्कृत में लिखी थी जिससे आम आदमी तक सीधे उसकी पंहुच नहीं थी लेकिन तुलसीदास ने तत्कालीन आम बोलचाल की भाषा अवधी में इसकी रचना कर रामायण को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। लोगों की ज़बान पर मानस चढ़ने का एक कारण यह भी था कि आम बोलचाल की भाषा में होने के साथ-साथ इसमें गेयता है, एक लय है, एक गति है। वैसे तो रामचरित मानस में तुलसीदास ने प्रभु श्री राम के जीवन चरित का वर्णन किया है और पूरे मानस के नायक मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम ही हैं। लेकिन सुंदरकांड में रामदूत, पवनपुत्र हनुमान का यशोगान किया गया है। इसलिये सुंदरकांड के नायक श्री हनुमान हैं।