जानें कुंडली मिलान के वे पांच तरीके जो कुंडली मिलान को बना देंगे आसान।

Wed, Dec 14, 2022
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Wed, Dec 14, 2022
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
जानें कुंडली मिलान के वे पांच तरीके जो कुंडली मिलान को बना देंगे आसान।

भारतीय संस्कृति में कुंडली मिलान (Kundli Matchmaking) की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू संस्कृति के अनुसार, किसी भी रिश्ते के अच्छे और लंबे भविष्य के लिए मैच मेकिंग की प्रक्रिया अहम होती है। मैचमेकिंग प्रक्रिया के द्वारा कोई भी व्यक्ति एक सुखी वैवाहिक जीवन और एक आनंदमय पारिवारिक जीवन प्राप्त करने में सक्षम हो सकता है।

हम सभी अलग-अलग समय पर  पैदा हुए हैं और हम सब की एक अलग कुंडली है। इस प्रकार जब हम शादी जैसे बड़ा निर्णय लेते हैं तो कुंडलियों के मिलान पर खास ध्यान दिया जाता है। एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए दूल्हा और दुल्हन की कुंडली में ग्रहों की स्थिति की जांच की जाती है। हमारा जीवन एक लंबे सफर के समान होता है जिसमें मैरिड कपल्स हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे जीवन के हर पड़ाव पर अच्छे से एक-साथ रहेंगे, इसके लिए मैच मेकिंग के द्वारा वैवाहिक जीवन के हर पहलू पर विचार किया जाता है। 

प्राचीन समय से ही कुंडली मिलान के बाद विवाह करना हमारी परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसकी मुख्य वजह है कि शादी सिर्फ लड़का-लड़की का मेल नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच मजबूत रिश्ते की नींव मानी जाती है। विवाह लड़का और लड़की दोनों के परिवारों के रिश्ते को सही दिशा देगा। कुंडली मिलान से सिर्फ लड़का और लड़की का रिश्ता ही नहीं बल्कि संतान का भविष्य भी जुड़ा होता है। यदि पति-पत्नी के बीच प्रेम, स्नेह का बंधन मजबूत है तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाली संतान सुंदर, स्वस्थ और सभ्य होगी।

क्यों होता है कुंडली मिलान जरूरी?

वैदिक ज्योतिष की सहायता से किए जाने वाले विवाह अनुकूलता विश्लेषण को कुंडली मिलान कहा जाता है। जब एक बच्चा जन्म लेता है तो उसके जन्म के साथ ही उसके माता-पिता उसकी कुंडली बनवाने पर खास ध्यान देते हैं। यह कुंडली उस व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पड़ाव में उपयोगी सिद्ध होती है। विशेषकर जब शादी की बात आती है तो कुंडली का महत्व अधिक बढ़ जाता है। शादी का निर्णय लेते समय हर कोई एक परफेक्ट पार्टनर की तलाश करता है और जब वह पार्टनर मिल जाता है तो उसके बाद कपल्स के भविष्य को लेकर कई सवाल सामने आ जाते हैं। क्या इन लोगों का जीवन अच्छा चलेगा? क्या इनके बीच साझेदारी रहेगी? रिश्ते का भविष्य कैसा होगा? संतान प्राप्ति के कैसे योग होंगे या रिश्ता परिवार के लिए सौभाग्य लाएगा या नहीं। यह सभी सवालों का समाधान हमें कुंडली मिलान से मिल सकता है। इस प्रकार कुंडली मिलान का मूल विचार यह पहचानना है कि कौन दो लोग एक-साथ अच्छा से रहेंगे और एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे या किन दो लोगों को एक अच्छे रिश्ते को निभाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

किसी व्यक्ति को समझने में समय लगता है और यह पहचानने में इससे भी अधिक समय लगता है कि आप उस व्यक्ति के साथ खुश रहेंगे या नहीं। हालांकि कुंडली मिलान की सहायता से हम किसी भी रिश्ते में बंधने से पहले अपने पार्टनर और उस रिश्ते की संभावनाओं से जुड़ा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

ज्योतिषशास्त्र में इंसान की दशा पर उसके कर्मों का जितना प्रभाव पड़ता है उतना ही प्रभाव उसके ग्रह-नक्षत्रों का भी पड़ता है। इस कारण बचपन में ही व्यक्ति की जन्म कुंडली बनवाई जाती है। जिसके माध्यम से ज्योतिषी उन्हें उचित मार्गदर्शन और कुछ उपाय भी बताते हैं जो जीवन के प्रत्येक चरण पर उसकी सहायता करते हैं। कुंडली मिलान करते समय योग, नक्षत्र, भाव और दशा आदि जैसे काफी पहलुओं को देखा व समझा जाता है। आइए जानते हैं कि कुंडली मिलान के समय किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

कुंडली मिलान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें।

1. कुंडली के आठवें घर में सप्तम भाव के स्वामी का स्थान

कुंडली के आठवें भाव में सातवें भाव के स्वामी की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है। जब सप्तम भाव के स्वामी अष्टम भाव में बैठते हैं तो जातक को विवाह का सुख, आराम और सुख नहीं मिलता है। कई मामलों में पति की जान को खतरा भी हो सकता है। इसका कारण बहुत स्पष्ट है, सातवां भाव जीवन में अन्य चीजों के अलावा जीवनसाथी का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि आठवां भाव से जीवनसाथी की मृत्यु के संकेत देता है। हालांकि आप ज्योतिषीय मार्गदर्शन से इसका समाधान पा सकते हैं। इसलिए कुंडली मिलान करते समय सातवें भाव के स्वामी की स्थिति को कभी भी नज़रअंदाज़ न करें।

2.  कुंडली में बृहस्पति और शुक्र की स्थिति

कन्या राशि में गुरु, लग्न का कारक होते हैं। इस कारण लड़की की कुंडली के छठवें, आठवें और बारहवें भाव में बृहस्पति का स्थान विवाह के लिए अच्छा नहीं माना जाता। सभी जानते हैं कि देव गुरु बृहस्पति एक शुभ ग्रह है, अगर यह कुंडली के पहले, चौथे, पांचवें और नौवें भाव में विराजमान होते हैं तो यह विवाह के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा होता है। कुंडली मिलान करते समय हमें बृहस्पति की स्थिति को सही तरह से जांचना नहीं भूलना चाहिए।

बृहस्पति के विपरीत, शुक्र ग्रह पुरुषों की कुंडली में विवाह का संकेत देते हैं।  यदि शुक्र उच्च का हो और शुभ ग्रहों के प्रभाव में हो तो जातक सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद उठाता है। हालांकि सूर्य-शुक्र, मंगल-शुक्र और केतु-शुक्र की युति सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हानिकारक होती है। इस प्रकार कुंडली मिलान करते समय हमें शुक्र की स्थिति की जांच करना नहीं भूलना चाहिए।

3.  मांगलिक योग

यह कुंडली मिलान के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। मंगल जब कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में बैठते हैं तो मांगलिक योग बनता है। इस योग का होना सुखी वैवाहिक जीवन के लिए बुरा माना जाता है। इस प्रकार अगर आप कुंडली मिलान के दौरान एक कुंडली में मांगलिक योग की उपस्थिति देखते हैं तो कभी भी किसी को शादी की सलाह न दें।

4. कुंडली में बारहवें भाव के स्वामी सूर्य, राहु का प्रभाव

सूर्य, राहु, बारहवें भाव के स्वामी ग्रह, विभाजक ग्रह माने जाते हैं। विभाजक ग्रह अशुभ ग्रह माने जाते हैं। यदि कुंडली का सप्तम भाव इन ग्रहों के प्रभाव में हो तो जातक का वैवाहिक जीवन दुखी रहता है। इसलिए हमेशा कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति की जांच करें। कुछ मामलों में सूर्य और राहु की उपस्थिति तलाक का कारण भी बन सकती है।

5.  कुंडली में सातवें भाव पर शनि की भूमिका और प्रभाव

मंगनी करते समय हमें कुंडली में शनि की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। कुंडली में सातवें भाव में शनि का होना अच्छा नहीं माना जाता है। जब शनि सातवें भाव में होते हैं तो आपके विवाह में देर हो सकती है। यह भी देखा जाता है कि सातवें भाव पर शनि के प्रभाव से जीवनसाथी काफी मैच्योर दिखता है।

किसी भी प्रकार के ज्योतिषीय परामर्श के लिए बात करें बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से केवल एस्ट्रोयोगी पर

✍️ By: टीम एस्ट्रोयोगी 

article tag
Vedic astrology
Love
article tag
Vedic astrology
Love
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!