ज्योतिष में शुभ और अशुभ समय का एक नाम है जिसे मुहूर्त कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि किसी शुभ मुहूर्त में किसी कार्य की सफलता की संभावना अधिकतम होती है। अगर आप सही मुहूर्त में कार्य करते हैं तो यह आपको भाग्य के अनुसार अधिकतम परिणाम देगा। यदि कारण है कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त पर विचार किया जाता है। वहीं विवाह को एक नए जीवन की शुरुआत माना जाता है। विवाह में मुहूर्त का काफी महत्व है क्योंकि यह अधिकतम अनुकूलता और अच्छे जीवन के लिए विवाह के शुभ समय और तिथि की भविष्यवाणी करता है। हिंदू धर्म में शादी का मतलब दो परिवारों और दो व्यक्तियों का मिलन होता है। इसलिए विवाह के लिए कुंडली मिलान से लेकर सात फेरों तक हर रस्म को करने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त निकालवाया जाता है। तो चलिए इस लेख में हम आपको साल 2021 में पड़ने वाले विवाह के दिन और मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं। क्या आप भी जानना चाहते हैं आपके भावी जीवनसाथी की कुंडली से आपकी कुंडली के कितने गुण मिलते हैं? जानने के लिये परामर्श करें एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का चयन कई खगोलीय कारणों पर निर्भर है। दो सबसे महत्वपूर्ण कारक बृहस्पति और शुक्र और हरिशायण(Harishayana) के समय हैं। विवाह की मनाही तब होती है जब बृहस्पति और शुक्र दहन करते हैं और दहन के 3 दिन पहले और 3 दिन बाद तक अनुमेय होते हैं। इसी प्रकार, शादियां हरिशायण की अवधि के दौरान, 11 वीं आषाढ़ शुक्ल से कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तक की जा सकती हैं।
जब सूर्य धनु और मीन राशि में होता है तो विवाह भी खारमास में नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर, जब सूर्य कर्क राशि में होता है, तो सिंह और कन्या राशि वालों का विवाह होता है।
सभी निश्चित नक्षत्र उत्तर फागुनी, उत्तर आषाढ़, उत्तर भाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, अनुराधा, मूल, स्वाति, माघ, और हस्त अच्छे हैं।
तिथियां
2,3,5,7,10,11 और 13 सर्वश्रेष्ठ हैं। ये चंद्र तिथियों हैं।
योग
लाभकारी योग को चुना जाना चाहिए, यदि लाभकारी योग उपलब्ध नहीं है, तो शादी नहीं करनी चाहिए।
करण
निश्चित कर्ण शकुनी, चतुष्पद, नाग और किस्तुघनहैं। उन्हें नाशकारी होने से बचना चाहिए। भद्रा और विष्टि करण से भी बचना चाहिए क्योंकि वे अनिष्टकारी हैं।
शादी के लिए सही समय की भविष्यवाणी करने से पहले, लग्न तालिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुछ बुरे ग्रहों से पीड़ित है। लग्न को सामान्य, निश्चित और दोहरे संकेतों के तहत वर्गीकृत किया गया है। पंडित जी दूल्हा और दुल्हन की जन्मपत्री में 10 वें घर की जांच करेंगे ताकि पता लगाया जा सके कि ग्रह गोचर का कोई दुष्प्रभाव है या नहीं। इसके अलावा शादी के लग्न स्वामी को छठें या आठवें घर में नहीं रखा जाना चाहिए। ग्रहों को ऐसे घरों में रखा जाना चाहिए जहां उन्हें अधिकतम विश्व बल मिले।
होरा
अनुकूल मुहूर्त की अनुपस्थिति में, होरा चक्र को शादी की रस्मों में से किसी एक को आयोजित करने के लिए आदर्श समय माना जाता है।
कर्णछेदन संस्कार मुहूर्त 2021। अन्नप्राशन संस्कार मुहूर्त 2021। विद्यारंभ मुहूर्त 2021 । गृहप्रवेश मुहूर्त 2021 । जनेऊ मुहूर्त 2021
जनवरी 2021
जनवरी का महीना नए साल की शुरुआत लाता है। यह धीरे-धीरे बसंत की शुरुआत को भी चिह्नित करता है और जनवरी की वसंत हवा में सोंधी सी ठंड और गर्मी के बीच सही संतुलन होता है, इसलिए यह शादी करने के लिए एक आदर्श महीना माना जाता है। तो चलिए जान लेते हैं जनवरी 2021 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं।
18 जनवरी 2021,
फरवरी 2021
मार्च 2021
अप्रैल 2021
यदि आप गर्मी में शादी करने की सोच रहे हैं तो अप्रैल का महीना सबसे अच्छा रहेगा। तो चलिए जान लेते हैं अप्रैल 2020 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं।
22 अप्रैल 2021, गुरुवार, मुहूर्त - शाम 05 बजकर 02 मिनट से 23 अप्रैल सुबह 05 बजकर 48 मिनट तक, नक्षत्र - मघा, तिथि - दशमी, एकादशी
24 अप्रैल 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 22 मिनट से अपराह्न 11 बजकर 43 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी, तिथि - द्वादशी
25 अप्रैल 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 08 बजकर 15 मिनट से 26 अप्रैल मध्यरात्रि 01 बजकर 55 मिनट तक, नक्षत्र - हस्त, तिथि- त्रयोदशी
26 अप्रैल 2021, सोमवार, मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 06 मिनट से 27 अप्रैल सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - पूर्णिमा
27 अप्रैल 2021, मंगलवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 44 मिनट से रात्रि 08 बजकर 03 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - पूर्णिमा , प्रतिपदा
28 अप्रैल 2021, बुधवार, मुहूर्त - शाम 05 बजकर 13 मिनट से 29 अप्रैल सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक, नक्षत्र - अनुराधा, तिथि- द्वितीया, तृतीया
29 अप्रैल 2021, गुरुवार , मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 42 मिनट से अपराह्न 11 बजकर 49 मिनट तक, नक्षत्र - अनुराधा, तिथि - तृतीया
30 अप्रैल 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 01 मई सुबह 05 बजकर 40 मिनट तक, नक्षत्र - मूल, तिथि - चतुर्थी, पंचमी
मई 2021
01 मई 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 40 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक, नक्षत्र - मूल, तिथि - पंचमी
02 मई 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 08 बजकर 40 मिनट से सुबह 02 बजकर 50 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा, तिथि - षष्ठी
07 मई 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - शाम 07 बजकर 31 मिनट से 08 मई सुबह 05 बजकर 35 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद, तिथि - द्वादशी
08 मई 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 35 मिनट से सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, रेवती, तिथि - द्वादशी, त्रयोदशी
09 मई 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 34 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक, नक्षत्र - रेवती, तिथि - त्रयोदशी
13 मई 2021, गुरुवार, मुहूर्त - मध्य रात्रि 12 बजकर 51 मिनट से 14 मई सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक, नक्षत्र - रोहिणी, तिथि - द्वितीया
14 मई 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 31 मिनट से 15 मई सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक, नक्षत्र - मृगशिरा, तिथि - तृतीया
21 मई 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से 22 मई सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी, तिथि - दशमी
22 मई 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से शाम 08 बजकर 03 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी, हस्त, तिथि - दशमी, एकादशी
23 मई 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक, नक्षत्र - हस्त, तिथि - द्वादशी
24 मई 2021, सोमवार, मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 14 मिनट से 25 मई सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - त्रयोदशी, चतुर्दशी
26 मई 2021, बुधवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 36 मिनट से 27 मई मध्यरात्रि 01 बजकर 16 मिनट तक, नक्षत्र - अनुराधा, तिथि - पूर्णिमा, प्रतिपदा
28 मई 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से शाम 08 बजकर 01 मिनट तक, नक्षत्र - मूल, तिथि - द्वितीया, तृतीया
29 मई 2021, शनिवार, मुहूर्त - शाम 6 बजकर 04 मिनट से 30 मई सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा, तिथि - चतुर्थी, पंचमी
30 मई 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से शाम 04 बजकर 42 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा, तिथि - पंचमी
जून 2021
03 जून 2021, गुरुवार, मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 04 जून सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, तिथि - नवमी, दशमी
04 जून 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, तिथि - दशमी
05 जून 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से शाम 04 बजकर 48 मिनट तक, नक्षत्र - रेवती, तिथि - एकादशी
16 जून 2021, बुधवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात्रि 10 बजकर 15 मिनट तक, नक्षत्र - मघा, तिथि - षष्ठी
19 जून 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात्रि 08 बजकर 29 मिनट तक, नक्षत्र - हस्त , तिथि - नवमी, दशमी
20 जून 2021, रविवार, मुहूर्त - रात्रि 09 बजे से लेकर 21 जून सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - एकादशी
22 जून 2021, मंगलवार, मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से 23 जून सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक, नक्षत्र - अनुराधा, तिथि - त्रयोदशी
23 जून 2021, बुधवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 11 बजकर 48 मिनट तक, नक्षत्र - अनुराधा, तिथि - त्रयोदशी, चतुर्दशी
24 जून 2021, गुरुवार, मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 25 जून सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक, नक्षत्र - मूल , तिथि - पूर्णिमा, प्रतिपदा
जुलाई 2021
01 जुलाई 2021, गुरुवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 02 जुलाई सुबह 05 बजकर 27 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, रेवती, तिथि - सप्तमी, अष्टमी
02 जुलाई 2021, शुक्रवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से सुबह 10 बजकर 54 मिनट तक, नक्षत्र - रेवती, तिथि - अष्टमी
07 जुलाई 2021, बुधवार, मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 36 मिनट से 08 जुलाई सुबह 03 बजकर 20 मिनट तक, नक्षत्र - रोहिणी, मृगशिरा, तिथि- त्रयोदशी
13 जुलाई 2021, मंगलवार, मुहूर्त - सुबह 09 बजकर 21 मिनट से दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक, नक्षत्र - मघा, तिथि - चतुर्थी
15 जुलाई 2021, गुरुवार, मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 33 मिनट से अपराह्न 11 बजकर 44 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तरा फाल्गुनी, तिथि - पंचमी, षष्ठी
20 जुलाई से 14 नवंबर तक हिंदू पंचांग के मुताबिक चातुर्मास लग रहा है। ऐसे में मान्यता है कि भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवता निद्रावस्था चले जाते हैं। इसलिए इस समय शादी या कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
नवंबर 2021
15 नवंबर 2021, सोमवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 44 मिनट से 16 नवंबर सुबह 06 बजकर 44 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, रेवती, तिथि - द्वादशी
16 नवंबर 2021, मंगलवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 44 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक, नक्षत्र - रेवती, तिथि - द्वादशी, त्रयोदशी
20 नवंबर 2021, शनिवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 21 नवंबर सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक, नक्षत्र - रोहिणी, तिथि - प्रतिपदा, द्वितीया
21 नवंबर 2021, रविवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 22 नवंबर सुबह 06 बजकर 49 मिनट तक, नक्षत्र - मृगशिरा, तिथि - द्वितीया, तृतीया
28 नवंबर 2021, रविवार, मुहूर्त - रात्रि 10 बजकर 06 मिनट से 29 नवंबर सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी, तिथि - नवमी, दशमी
29 नवंबर 2021, सोमवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 55 मिनट से शाम 04 बजकर 57 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी, तिथि - दशमी
30 नवंबर 2021, मंगलवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 56 मिनट से शाम 08 बजकर 34 मिनट तक, नक्षत्र - हस्त, तिथि - एकादशी
दिसंबर 2021
01 दिसंबर 2021, बुधवार , मुहूर्त - शाम 06 बजकर 47 मिनट से 02 दिसंबर सुबह 06 बजकर 57 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - द्वादशी, त्रयोदशी
02 दिसंबर 2021, गुरुवार, मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 57 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक, नक्षत्र - स्वाती, तिथि - त्रयोदशी
06 दिसंबर 2021, सोमवार, मुहूर्त - मध्यरात्रि 02 बजकर 19 मिनट से सुबह 07 बजकर 01 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा, तिथि - चतुर्थी
07 दिसंबर 2021, मंगलवार, मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा, तिथि - चतुर्थी
11 दिसंबर 2021, शनिवार, मुहूर्त - रात्रि 10 बजकर 32 मिनट से 12 दिसंबर सुबह 06 बजकर 04 मिनट तक, नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद, तिथि - नवमी
13 दिसंबर 2021, सोमवार, मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शाम 07 बजकर 34 मिनट तक, नक्षत्र - रेवती, तिथि - दशमी