Husband Wife Relationship: पति-पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत खूबसूरत होता है। इस रिश्ते की डोर प्यार, विश्वास और सम्मान से बंधी होती है। इसमें से कोई भी चीज़ अगर रिश्ते में नहीं रहती है तो रिश्ता डगमगाने लगता है। अक्सर कई कारणों से पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़े या अनबन हो जाती है। बहुत प्रयासों के बाद भी लोग इस मतभेद को कम नहीं कर पाते। इससे न सिर्फ कपल के बीच दूरियां आती हैं बल्कि घर का माहौल भी खराब होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, कुंडली में मौजूद ग्रहो की दशा पति-पत्नी के रिश्ते को भी प्रभावित करती है।
वैवाहिक रिश्ते को मजबूत बनाने और उसमें प्यार भरने के लिए ग्रहों का आशीर्वाद बहुत जरूरी होता है। अगर कुंडली में ग्रहों की दशा अच्छी नहीं है तो कई बार आपसी झगड़े तलाक और अलगाव का कारण भी बन जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि पति-पत्नी के बीच झगड़े का ग्रह दशा से क्या संबंध है। इसके साथ ही आपको यहां पति-पत्नी के बीच कलह को दूर करने के कुछ प्रभावी उपाय भी बताए जाएंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शुक्र और बृहस्पति वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि शनि, सूर्य, मंगल, राहु और केतु के प्रभाव से चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे उनके बीच के मुद्दे और भी जटिल हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा, बुध और बृहस्पति का वैवाहिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, संभावित रूप से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करता है।
पति-पत्नी के बीच मनमुटाव कई कारणों से हो सकता है। यदि सप्तमेश 6 वें, 8 वें या 12 वें घर में स्थित है, या पांचवें भाव में है, तो यह पति-पत्नी के बीच में खटास पैदा कर सकता है। इसके अलावा, यदि कुंडली का सप्तम भाव शनि, मंगल, सूर्य, राहु या केतु जैसे अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो, तो इससे भी कलह हो सकती है। इसके अलावा, यदि आपके जीवनसाथी की कुंडली में वृश्चिक लग्न है, तो असहमति की संभावना अधिक होती है।
यह भी पढ़ें: कब है बुद्ध पूर्णिमा 2024? जानें तिथि और समय
भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले माना जाता है। अगर आप वैवाहिक जीवन में बाधाओं या मुसीबतों का सामना कर रहे हैं तो उसके लिए, अपने पूजा स्थान में भगवान गणेश की चांदी की मूर्ति रखना मददगार साबित हो सकता है। इससे समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। यह संघर्षों को सुलझाने में मदद कर सकता है और पति और पत्नी के बीच प्रेम और सद्भाव में वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।
ऐसा माना जाता है कि यदि बृहस्पति का प्रभाव अनुकूल नहीं है, तो यह विवाह और वैवाहिक जीवन में अलग-अलग तरह की मुश्किलों को जन्म दे सकता है। नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए साबुत हल्दी की गांठें लें और उन्हें पीले या हल्दी के रंग के धागे से बांध लें। उस गांठ को अपने हाथ में पकड़ें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। फिर इस माला को किसी मंदिर में भगवान विष्णु को अर्पित करें। ऐसी मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में सुख और प्रेम बना रहता है।
यदि किसी पत्नी को अपने पति से प्रतिकूल व्यवहार का सामना करना पड़ता है, और मनचाहा प्यार नहीं मिलता है तो उसे अपने सिंदूर बॉक्स में गोमती चक्र रखना चाहिए। हर दिन स्नान के बाद अपनी इच्छाओं का ध्यान देते हुए इस डिब्बे से सिंदूर लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय पति की भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे उनके रिश्ते में प्यार और सम्मान बढ़ जाता है।
पति-पत्नी के बीच रिश्ते को मजबूत करने के लिए, घर में हर रविवार और गुरुवार को गुड़ में थोड़ी मात्रा में घी मिलाकर गोबर के उपले पर रखकर जलाएं। यह उपाय घर में वातावरण को शुद्ध करता है, सकारात्मकता लाता है और पति और पत्नी के बीच चल रहे संघर्षों को हल करने में मदद करता है।
अच्छी सुगंध मन को शांत और खुश करती है। इसलिए अपने बैडरूम में कोई ऐसी वस्तु रखें जो पूरे कमरे को सुगंधित कर दे। ताकि जब भी आप प्रवेश करें तो शांतिपूर्ण माहौल आपके मन को प्रसन्न कर दे। मन की शांति के लिए हल्की खुशबू वाली वस्तुओं का चयन करें। तेज़ सुगंध चिड़चिड़ापन पैदा कर सकती है, इसलिए हल्की सुगंध ही सबसे अच्छा विकल्प है।
यदि पति-पत्नी के बीच कलह है, तो बेडरूम में सफेद पक्षियों की तस्वीर रखने से मदद मिल सकती है। इसके लिए आप हंसों का जोड़ा और सफेद कबूतरों की तस्वीर लगा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह वैवाहिक रिश्ते को बेहतर बनाता है और कपल्स के बीच प्रेम को बढ़ाता है। यह सलाह दी जाती है कि कमरे में एक पक्षी वाली तस्वीरें न रखें।
यह भी पढ़ें: तिराहे पर बना है आपका घर तो हो सकते हैं, ये बड़े नुकसान! जानें आसान उपाय
पति-पत्नी के बीच आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद किसी मंदिर में जाकर इस मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
ओम् नम: संभवाय च मयो भवाय च नम:
शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च।।
सुबह उठकर स्नान करने के बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके किसी शांत स्थान पर बैठ जाएं। उस दिशा में अपने सामने माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर रखें। इसके बाद सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा के साथ इस मंत्र का 21 बार जाप करें।
अक्ष्यौ नौ मधुसंकाशे अनीकं नौ समंजनम्।
अंत: कृणुष्व मां ह्रदि मन इन्नौ सहासति।।
वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए और प्रेम में वृद्धि के लिए सुबह स्नान करने के बाद देवी दुर्गा की पूजा करें। मूर्ती के सामने फूल चढ़ाएं, दीप जलाएं और अगरबत्ती लगाएं। फिर यहां दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।
धां धीं धूं धूर्जटे! पत्नी वां वीं वूं वाग्धीश्वरि।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि! शांत शीं शूं शुभं कुरू।।