चंद्र ग्रहण के समय रखें इन बातों का ध्यान नहीं पड़ेगा बुरा असर

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चंद्र ग्रहण के समय रखें इन बातों का ध्यान नहीं पड़ेगा बुरा असर

विज्ञान के मुताबिक जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती हुई पृथ्वी एक सीध में अपने उपग्रह चंद्रमा तथा सूर्य के मध्य आ जाती है, तो चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें रुक जाती हैं, जिससे पृथ्वी की प्रच्छाया उस पर पड़ने लगती है, इससे चंद्रमा दिखाई नहीं देता है, इसी खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

 

चंद्र ग्रहण की ज्योतिष व वैज्ञानिक मान्यता

ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक चंद्र ग्रहण 2021 (chandra grahan 2021) का शुभ – अशुभ प्रभाव राशियों के हिसाब से जातकों पर अलग- अलग पड़ता है जिनका असर मानवीय जीवन पर भी पड़ता है। इन बुरे प्रभावों से बचने के लिए मंत्र हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति के जीवन पर असर कम पड़ता है, वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्र ग्रहण का किसी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता और ये बस कहने की बाते हैं। वैज्ञानिक हमेशा से इस तथ्य को नकारते रहे हैं।

 

चंद्र ग्रहण से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत देवताओं को मिला लेकिन असुरों ने उसे छीन लिया। अमृत को वापस लाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर असुरों से अमृत ले आते हैं, जब वह उस अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगते हैं तो राहु नामक असुर अपने माया से देव रूप धारण कर देवताओं के बीच जाकर अमृत पीने बैठ जाता है। जैसे ही वो अमृत पीकर हटता है, सूर्यदेव और चंद्रदेव को भनक लग जाती है कि यह असुर है, तुरंत भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर देते हैं। वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं, उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम से अमर हो गए। तब से ऐसी मान्यता है कि इसी घटना के कारण सूर्य और चंद्रमा राहु को ग्रहण लगता है, इसी वजह से उनकी चमक कुछ देर के लिए चली जाती है।

 

चंद्र ग्रहण का मानव जीवन पर असर

ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूरे 108 दिनों तक रहता है। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान कुछ सावधानी बरती जाए। चंद्र ग्रहण का असर तो प्रत्येक राशि के व्यक्ती पर पड़ता ही है, लेकिन गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्‍चे पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है। इसलिये गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय सावधान रहने की सलाह दी जाती है। 

 

चंद्र ग्रहण के दौरान वैदिक मंत्र उच्चारण

चंद्र ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय दिए गए हैं। इनमें से एक है ग्रहण के दौरान मंत्र उच्चारण करना। हिंदू वैदिक शास्त्र में चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए मंत्र उल्लेखित हैं। इन मंत्रों का जाप चंद्र ग्रहण के दौरान किया जाए तो ग्रहण के असर से निश्चित तौर पर बचा जा सकता है। चंद्र ग्रहण (chandra grahan) के समय वैदिक मंत्र 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:' या 'ॐ सों सोमाय नम:' का जाप करना शुभ है, माना जाता है कि इस वैदिक मंत्र का जाप जितनी श्रद्धा से किया जाए यह उतना ही फलदायी है।

 

चन्द्रग्रहण: क्या करें, क्या ना करें

  • चंद्र ग्रहण हो या सूर्यग्रहण एक सवाल हमेशा सामने आता है कि ग्रहण के दिन क्या करें क्या न करें। तो इस बारे में आपको सलाह दी जाती है कि चन्द्र ग्रहण के दिन बुजूर्ग, रोगी एवं बच्चों को छोड़कर घर के बाकि सदस्य भोजन न करें।
  • चंद्र ग्रहण के समय विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को भवन से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिला के कमरे में गाय के गोबर से स्वास्तिक बना दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण वाले दिन कोई भी नुकीली चीज का प्रयोग करना वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दिन सुई -धागे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 
  • किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें।
  • अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और अपने आराध्य देव का ध्यान लगायें।
  • जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।
  • जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिये चंद्र ग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें।
  • आटा, चावल, चीनी, श्वेत वस्त्र, साबुत उड़द की दाल, सतनज, काला तिल, काला वस्त्र आदि किसी गरीब जरुरतमंद को दान करें।
  • ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिये इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।

 

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