मांगलिक दोष

मांगलिक दोष

जैसा कि आप आप सब जानते है ज्योतिष में ऐसे कई दोष होते है जो आपके जीवन के अलग अलग क्षणों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि विवाह में रुकावट का सबसे बड़ा दोष मांगलिक दोष होता है। आम धरणा है कि जिसकी कुंडली में मांगलिक दोष है वह केवल मांगलिक दोष वाले इंसान से ही शादी कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र में इसके लिए कई उपाय बताएं गए है जिनके बारें में आप इस लेख में आसान रूप से जानेंगे।

मांगलिक दोष क्या होता है?

मांगलिक दोष (Manglik Dosh) कुंडली में तब बनता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथमचतुर्थसप्तमअष्टम, या द्वादश भाव में स्थित होता है। हालांकि मंगल ग्रह को वैदिक ज्योतिष में सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। जो आपकी ऊर्जा, साहस, और अग्रेसिव नेस को दिखाता है। जब यह ग्रह इन भावों या घरों में स्थित होता है, तो यह आप के जीवन में कलह, और असंतोष का कारण बन सकता है। यह दोष खास रूप से वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है, जैसा कि आपको पता है हर दोष खास रुकावट के साथ- साथ लेकिन स्वास्थ्य, धन, और संतान सुख पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।

कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण

कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, और द्वादश भावों में मंगल की उपस्थिति मांगलिक दोष का निर्माण करती है। इन भावों का एस्ट्रोलॉजर द्वारा विश्लेषण कर यह समझा जा सकता है कि कैसे यह दोष आप के जीवन पर असर डाल रहा है।

प्रथम भाव में मंगल: यह पहला भाव आपकी पर्सनैलिटी और माइंडसेट को दर्शाता है। अगर मंगल यहां बैठा है, तो आप अग्रेसिव हो सकते हैं, जिससे आपकी मैरिड लाइफ में काफी परेशानी देखने को मिल सकती हैं।

चतुर्थ भाव में मंगल: यह भाव घर, प्रॉपर्टी और आपके मेंटल पीस से सम्बंधित है। अगर मंगल इस जगह पर हो, तो घर में रोज़-रोज़ की लड़ाइयाँ, प्रॉपर्टी के झमेले और माइंड में टेंशन बनी सकती है।

सप्तम भाव में मंगल: यह सप्तम भाव मैरिज और पार्टनरशिप का है। यहाँ पर मंगल की प्रेजेंस से मैरिड लाइफ में डिस्सैटिस्फैक्शन, रोज़-रोज़ की लड़ाई, और तलाक जैसे सिचुएशन्स बन सकती हैं।

अष्टम भाव में मंगल: यह भाव आपकी लाइफ के सीक्रेट्स, लॉन्ग लाइफ और अनफॉर्चुनेट इवेंट्स को दिखाता है। यहाँ पर मंगल की प्रेजेंस से लाइफ में अचानक फेलियर्स देखने को मिल सकते हैं।

द्वादश भाव में मंगल: यह द्वादश भाव खर्चे, फॉरेन ट्रैवल्स, और हेल्थ इश्यूज़ से जुड़ा है। अगर आपकी कुंडली में मंगल इस भाव में हो, तो आपको ओवरस्पेंडिंग, हेल्थ प्रॉब्लम्स और माइंड में स्ट्रेस जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

कुंडली में मांगलिक दोष (Manglik Dosh in Kundli)

कुंडली में मांगलिक दोष का पता लगाने के लिए कुंडली के अलग-अलग घरों का अध्ययन किया जाता है। जब मंगल ग्रह आपकी कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, या द्वादश भाव में होता है, तो उस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष की उपस्थिति मानी जाती है। इस दोष की उपस्थिति से वैवाहिक जीवन में असंतोष की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, मांगलिक दोष की उपस्थिति में विवाह से पहले उचित उपाय और पूजा विधियों का पालन करना आवश्यक होता है। इसलिए एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर से सम्पर्क करें।

मांगलिक होने के लक्षण (Manglik Hone Ke Lakshan)

मांगलिक दोष कुंडली में होने पर आप के जीवन में कुछ विशेष लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मांगलिक होने के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

1. वैवाहिक जीवन में परेशानी: मांगलिक दोष से जिन लोगों की कुंडली में नकारात्मक असर पड़ता है, इससे आपकी शादीशुदा लाइफ में अक्सर तकरार और बहस का चांस ज़्यादा हो सकता है। यह दोष आपके पार्टनर के साथ बॉन्डिंग में गड़बड़ी और असंतोष की वजह बन सकता है।

2. धन की हानि: मांगलिक दोष के कारण आपको धन की हानि के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का सामना करना भी पड़ सकता है।

3. संतान सुख में रुकावट: मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में संतान सुख में भी बाधा आ सकती है।

मांगलिक दोष निवारण पूजा विधि (Manglik Dosh Nivaran Puja Vidhi)

मांगलिक दोष की शांति के लिए विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है, जिसे मांगलिक दोष निवारण पूजा कहते हैं। इस पूजा विधि का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करना और व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि लाना होता है। इस पूजा विधि के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:

1. मंगल यंत्र की स्थापना: इस पूजा में सबसे पहले मंगल यंत्र की स्थापना की जाती है और उसकी पूजा की जाती है।

2. विशेष मंत्रों का जाप: मांगलिक दोष पूजा के दौरान विशेष मंगल मंत्रों का जाप किया जाता है, जो मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करते हैं।

3. दक्षिणा और दान: इस पूजा के बाद दक्षिणा और दान देने का भी प्रावधान है, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

4. हनुमानजी की आराधना: मंगल दोष की शांति के लिए हनुमानजी की आराधना भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हनुमानजी की पूजा से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

मांगलिक दोष में विवाह (Manglik Dosh Mein Vivaah)

मांगलिक दोष के कारण कई बार विवाह संबंधी निर्णयों में विलंब या कठिनाई आती है। मांगलिक दोष की उपस्थिति में विवाह करने से पहले कुंडली मिलान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि दोनों पक्षों की कुंडली में मंगल दोष हो, तो यह दोष निरस्त हो जाता है, और विवाह संपन्न किया जा सकता है।

मांगलिक दोष के कारण विवाह में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

1. कुंडली मिलान: विवाह से पहले कुंडली मिलान कराना अत्यंत आवश्यक है। अगर दोनों पक्षों की कुंडली में मांगलिक दोष हो, तो इसका प्रभाव निरस्त हो जाता है और विवाह में कोई बाधा नहीं होती है।

2. मंगल शांति यज्ञ: विवाह से पहले मंगल शांति यज्ञ कराना मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। यह यज्ञ मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है।

3. व्रत और उपवास: मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति मंगलवार का व्रत रख सकता है और हनुमानजी की पूजा कर सकता है। यह उपाय भी मंगल दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।

4. संतान प्राप्ति के उपाय: मांगलिक दोष के प्रभाव से संतान प्राप्ति में समस्या हो सकती है। ऐसे में विशेष मंत्रों और पूजा विधियों का पालन करना लाभकारी होता है।

मांगलिक दोष की काट (Manglik Dosh Ki Kaat)

मांगलिक दोष से बचाव और इसे कम करने के लिए विभिन्न उपाय और विधियाँ प्रचलित हैं। सबसे सामान्य उपायों में मांगलिक दोष की शांति के लिए विशेष पूजा-पाठ और हवन किया जाता है। इसके अलावा, मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति के लिए विशिष्ट मंत्रों का जाप और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करना भी आवश्यक माना जाता है। इनमें से कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

1. मंगल ग्रह की पूजा: मंगल दोष की शांति के लिए मंगल ग्रह की पूजा एक प्रभावी उपाय है। यह पूजा मंगलवार को की जाती है और इसमें हनुमानजी की आराधना भी शामिल होती है।

2. गायत्री मंत्र का जाप: नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से भी मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है। यह मंत्र मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

3. विशेष यज्ञ: मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष यज्ञों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि मंगल यज्ञ। इन यज्ञों में मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।

4. कुंभ विवाह: कुछ मामलों में, मांगलिक दोष की शांति के लिए कुंभ विवाह या तुलसी विवाह का भी प्रावधान है। इस उपाय के तहत मांगलिक व्यक्ति का पहले एक वृक्ष, मूर्ति, या तुलसी के पौधे से विवाह कराया जाता है, जिसके बाद वास्तविक विवाह किया जाता है।

मंगल दोष के उपाय (Mangal Dosh Ke Upay)

मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय प्रचलित हैं, जो व्यक्ति की कुंडली के अनुसार चुने जाते हैं। ये उपाय व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने और जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:

1. मंगल यंत्र स्थापना: मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और उसकी नियमित पूजा करनी चाहिए। यह यंत्र मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

2. मंगल ग्रह का रत्न धारण: मंगल ग्रह का रत्न (लाल मूंगा) धारण करना भी एक प्रभावी उपाय है। यह रत्न मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।

3. हनुमान चालीसा का पाठ: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना भी मंगल दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। यह पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

4. तुलसी विवाह: मांगलिक दोष की शांति के लिए तुलसी विवाह का आयोजन किया जा सकता है। इस उपाय से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और विवाह जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण होता है।

मांगलिक दोष में विवाह के उपाय (Manglik Dosh Mein Vivaah Ke Upay)

मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति के लिए विवाह में कुछ विशेष उपायों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं का निवारण किया जा सके। इन उपायों में कुंडली मिलान, विशेष पूजा, और व्रत-उपवास शामिल होते हैं। मांगलिक दोष में विवाह के कुछ सामान्य उपाय निम्नलिखित हैं:

1. कुंडली मिलान: विवाह से पहले कुंडली मिलान कराना अत्यंत आवश्यक होता है। यदि दोनों पक्षों की कुंडली में मंगल दोष हो, तो यह दोष निरस्त हो जाता है और विवाह सफलतापूर्वक संपन्न होता है।

2. विशेष मंगल पूजा: विवाह से पहले मंगल दोष की शांति के लिए विशेष पूजा कराना आवश्यक होता है। इस पूजा में मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप और यज्ञ का आयोजन किया जाता है।

3. कुंभ विवाह: मांगलिक दोष की शांति के लिए कुंभ विवाह का आयोजन भी किया जा सकता है, जिसमें मांगलिक व्यक्ति का पहले एक वृक्ष, मूर्ति, या तुलसी के पौधे से विवाह कराया जाता है।

4. विशेष व्रत और उपवास: मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति को मंगलवार का व्रत रखना चाहिए और हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। इससे मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

मांगलिक दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जिसका व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, मांगलिक दोष की शांति के लिए विभिन्न उपाय और पूजा विधियाँ प्रचलित हैं, जो इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होती हैं। इसलिए, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष पाया जाता है, तो उसे उचित उपायों का पालन करना चाहिए, ताकि उसका जीवन सुखमय और संतुलित बना रहे।

मांगलिक दोष (Manglik Dosh) FAQs

मांगलिक दोष क्या होता है और इसका क्या महत्व है?

मांगलिक दोष भारतीय ज्योतिष में एक विशेष दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, या द्वादश भाव में स्थित होता है। इसका मुख्य प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर पड़ता है, जिससे वैवाहिक जीवन में कलह और असंतोष की संभावना बढ़ जाती है।

क्या मांगलिक दोष हमेशा नकारात्मक होता है?

मांगलिक दोष का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है, खासकर वैवाहिक जीवन पर। लेकिन इसे पूरी तरह से नकारात्मक नहीं माना जाता, क्योंकि उचित उपाय और पूजा विधियों के माध्यम से इस दोष के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। कभी-कभी, यह दोष व्यक्ति की ऊर्जा और साहस को भी बढ़ाता है।

मांगलिक दोष की शांति के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

मांगलिक दोष की शांति के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि मंगल यंत्र की स्थापना, मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप, हनुमानजी की पूजा, मंगल शांति यज्ञ, और कुंभ विवाह का आयोजन। ये उपाय व्यक्ति के जीवन से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं।

अगर दोनों पक्ष मांगलिक हैं, तो क्या विवाह करना सुरक्षित है?

हां, यदि दोनों पक्ष मांगलिक हैं, तो मांगलिक दोष का प्रभाव निरस्त हो जाता है। ऐसी स्थिति में, दोनों की कुंडली में यह दोष एक-दूसरे को संतुलित कर देता है, और विवाह बिना किसी बड़े अशुभ प्रभाव के सफलतापूर्वक संपन्न हो सकता है।

मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक जीवन में कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं?

मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक जीवन में संघर्ष, कलह, और असंतोष की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, यह दोष स्वास्थ्य समस्याओं, धन हानि, और संतान सुख में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।

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