सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रीति-रिवाज़ों, परंपराओं के तहत मनाये जाने वाले उत्सवों को त्यौहार कहा जाता है। भागदौड़ और व्यस्तताओं भरी जीवनशैली में खुशी मनाने के समय होते हैं ये त्यौहार। इसलिये प्रत्येक त्यौहार की कुछ खासियत होती हैं और उसे मनाने के तरीके भी खास होते हैं। पंडितजी का कहना है कि खरीददारी, उपहारों का लेन-देन आदि तो त्यौहारों पर चलता ही है लेकिन एक और चीज़ है जिसके बिना त्यौहार, त्यौहार ही नहीं लगता। वह है त्यौहार के अवसर पर घरों में बनाये जाने वाले विशेष प्रकार के व्यंजन। ये व्यंजन क्षेत्र विशेष की संस्कृति के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। भारत में तो इस समय त्यौहारों का सीज़न पीक पर है और दिवाली इन सब त्यौहारों में खास। तो आइये जानते हैं दिवाली पर बनाये जाने वाले विशेष व्यंजनों के बारे में।
दिवाली की खास बात है कि इसके मौके पर परिवार के जो सदस्य दूर रहते हैं इस त्यौहार पर वे सभी एक साथ होने की कोशिश करते हैं। इसलिये घर में रौनक लग जाती है। ऐसे में लंबे समय के बाद इकट्ठे हुए परिवार के लिये रसोई में कुछ अलग खुशबू न उठें तो मजा नहीं आता। लेकिन अब बात आती है कि क्या बनाया जाये। इसका सीधा सा समाधान है कि कुछ तो पारंपरिक पकवान बनाये जांये जो अक्सर इस त्यौहार का हिस्सा होते हैं, साथ ही सदस्यों की पसंद अनुसार कुछ विशेष व्यंजन भी ट्राई कर सकते हैं। आमतौर पर दिवाली के अवसर पर जो व्यंजन बनाये जाते हैं वे निम्न हैं।
अनरसे –
यह चावल से बनने वाला एक मीठा पकवान होता है जो कि महाराष्ट्र की पारंपरिक मिठाई है। लेकिन वर्तमान में यह लगभग देश के हर हिस्से में लोकप्रिय होता जा रहा है। इसे मावा-चावल के साथ मिलाकर मावा अनरसे भी बनाया जा सकता है।
हलवा –
हलवा भी पारंपरिक व्यंजनों में से एक है जो अमूमन हर त्यौहार पर तो बनाया ही जाता है साथ ही अन्य मांगलिक उत्सवों पर भी बनाया जाता है। यहां तक की घर में किसी मेहमान के आने पर भी देहाती इलाकों में विशेषकर स्वीट डिश के तौर पर पेश किया जाता रहा है। वर्तमान में हलवा कई किस्म का बनाया जाता है। सूजी के अलावा, सर्दियों में गाजर, बेसन का हलवा ज्यादा बनता है। तो वहीं मूंगदाल का हलवा सदाबहार है। दिवाली के अवसर पर मूंगदाल का हलवा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से बनाने का चलन है।
खीर –
दूध और चावल से बनने वाली यह स्वीट डिश बहुत खास होती है। दीपावली अमावस्या के दिन होती है और ग्रामीण इलाकों में अमावस्या को दूध बेचना शुभ नहीं माना जाता इसलिये प्राचीन समय से ही दूध का उपयोग करने की परंपरा है। इसलिये इस दिन दूध से खीर बनाई जाती है। खीर में केसर, काजू, किशमिश, बादाम, इलायची आदि मिलाकर इसका जायका और भी बढ़ जाता है। हालांकि वर्तमान में खीर त्यौहार विशेष से निकलकर एक आम स्वीट डिश के रूप में भी लोकप्रिय होती जा रही है। लेकिन त्यौहार के अवसर पर इसका खास महत्व होता है। हलवा, खीर और पूरी ऐसे व्यंजन हैं जिनका भोग देवी-देवताओं को भी लगाया जाता है।
केसरिया श्री खंड –
इसे भी कई क्षेत्रों में दिवाली के अवसर पर बनाया जाता है। यह दही, शक्कर, केसर के मिश्रण से बनने वाली एक खास स्वीट डिश है जो कि बनाने में भी काफी आसान होती है।
पूरी-सब्जी –
पूरी सब्जी भी त्यौहारों पर बनाया जाने वाला विशेष पकवान है। आजकल पूरियां बनाने में भी नई-नई चीज़ों का इस्तेमाल होने लगा है तो वहीं पूरी के लिये सब्जी में तरीदार और सूखी दोनों तरह की सब्जियां बनाई जा सकती हैं। कद्दू की खट्टी-मीठी सब्जी, छोले, दमआलू, आलू जीरा आदि अपनी पसंद अनुसार बना सकते हैं।
वर्तमान में चूंकि रेस्टोरेंट कल्चर ज्यादा विकसित होती जा रही है और घर पर मेहनत करने की बजाय पूरे परिवार के साथ बाहर लंच या डिनर पर जाने को तरजीह दी जाती है। लेकिन यदि आप घर पर ही रेस्टोरेंट जैसा खाना पकाएं तो आपका त्यौहार और भी हेल्दी तरीके से मन सकता है। इसके लिये आप घर पर मलाई ग्रेवी, पनीर मक्खनी, मटर-पनीर, नूर जहानी कोफ्ता, मिक्सदाल तड़का, झट-पट आलू दम, दाल मक्खनी, काजू मशरूम मसाला, जयपुरी पुलाव, मशरूम मंचूरियन, अनानास रायता, बालूशाही, लड्डू, पेड़े, बर्फी, जलेबी, गूझिया, कांजी आदि व्यंजन भी बना सकते हैं।
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