International Yoga Day 2022: योग से होने वाले फायदों की वजह से आज दुनियाभर में योग प्रसिद्ध हो गया है और ये लोगों के शरीर को लचीला बनाता हैं। वर्ष 2022 में कब है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और क्या है इस योग दिवस की थीम? जानने के लिए पढ़ें।
आज के समय में इंसान की सबसे बड़ी और पहली जरुरत बन गया है अपने आपको फिट रखना। इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में लोग कामकाज में इतने व्यस्त हो गए है कि कही न कही उन्होंने अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि मोटापा, शुगर, बीपी और हृदय रोग जैसी गंभीर बिमारियों ने उन्हें घेर लिया है, ऐसे में लोगों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक करने का काम किया है योग ने इसलिए प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाया जाता है।
योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफ़ी अच्छा साबित होता है। योग के महत्व में वृद्धि और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अर्थात इंटरनेशनल योग दिवस को दुनियाभर में मनाया जाता है। हर साल की तरह 2022 में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा।
प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए एक विशेष थीम रखी जाती है। हर साल की तरह 2022 में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 8 वें संस्करण की थीम “योग फॉर ह्यूमैनिटी” यानि “मानवता के लिए योग” रखी गई है। दुनियाभर में योग दिवस को इसी थीम पर मनाया जाएगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत को योग गुरु के नाम से जाना जाता है इसलिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विशेष थीम को चुना गया है।
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योग से भारत का रिश्ता बहुत पुराना है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस की शुरुआत 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा के बाद से हुई थी। इसके बाद से ही दुनियाभर में साल 2015 में 21 जून को योग दिवस मनाया गया और ये सिलसिला अभी तक निरंतर चला आ रहा है।
योग का ध्यान के साथ एक विशेष संयोजन होता है, साथ ही योग को बौद्ध धर्म में भी ध्यान के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। आज के दौर में योग मात्र ध्यान के लिए ही नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ एवं लचीला बनाए रखने के लिए लोकप्रिय है। शारीरिक लाभ के अलावा ये लोगों को मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
महर्षि पतंजलि द्वारा योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया गया था जिन्हें योग दर्शन के प्रमुख स्तंभ माना गया है। इन सूत्रों के पाठन को भाष्य के नाम से जाना जाता है। पतंजलि ही पहले तथा एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने योग को धर्म, आस्था और अंधविश्वास के दायरे से बाहर निकलकर एक सुव्यवस्थित रूप प्रदान किया था। महर्षि पतंजलि ने ही अष्टांग योग की महिमा को बताया था जो स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी