प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 17वें लोकसभा चुनाव में भी पूर्ण बहुमत मिला है। बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 2014 के इतिहास को दोहराने का काम किया है। इस प्रचंड बहुमत का श्रेय किसी को जाता है तो वह हैं नरेंद्र मोदी। 2019 का चुनाव मोदी बनाम अन्य के बीच हुआ। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चाहे कोई भी रहे हों लेकिन मतदाताओं ने अपना वोट मोदी को दिया है। यही कारण है कि बहुत सारी जगहों पर प्रत्याशियों से नाराजगी के बावजूद मतदाओं ने उन्हें वोट दिये। पुलवामा के शहीदों को अपना पहला वोट समर्पित करने की अपील तो कारगर हुई ही साथ ही उरी के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राईक और पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक ने भी मोदी के पक्ष में माहौल को लगभग एकतरफा कर दिया था। राजनीतिक विश्लेषक तो मोदी के नेतृत्व में भाजपा की इस सफलता को कुछ इसी नज़रिये से देखते हैं लेकिन एस्ट्रोयोगी पर ज्योतिषाचार्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी की घोषणा बहुत पहले से कर दी थी। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में ग्रहों का योग ही कुछ इस तरह का चल रहा है कि तमाम तरह के विरोधों के बावजूद उनकी तूती बोल रही है।
एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों ने प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली को देखते हुए आकलन कुछ इस प्रकार किया था,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न व वृश्चिक राशि की है। लग्न व राशि के स्वामी मंगल इनके लिए रोचक महायोग तो बना ही रहे हैं साथ ही चंद्र-मंगल योग के साथ शत्रुहंता योग भी बना रहा है। इस के चलते मोदीजी के विरोधी व शत्रु इनका बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे। रोचक महायोग के कारण व्यक्ति के अंदर निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होती है जिसका असर प्रधानमंत्री के लिए गए निर्णयों में देखा जा सकता है। चंद्र-मंगल योग से व्यक्ति देखने में साधारण दिखाई देता है लेकिन अपनी दिनचर्या के कामों में वह काफी फुर्तिला होता है, जो कि प्रधानमंत्री मोदी के दैनिक कार्यों में हमें देखने को मिलता है। साथ ही यह योग व्यक्ति को अनुशासन प्रिय बनाता है। पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली में गजकेसरी योग भी विद्यमान है जिसके कारण उनका व्यक्तित्व सिंह के समान दिखाई देता है। वर्तमान की बात करे तो प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर चंद्रमा की महादशा चल रही है जो कि भाग्य की दशा है जिससे मोदीजी का भाग्य उन्नति की ओर अग्रसर होगा। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी पर भाग्य की दशा के साथ केतु की अंतरदशा भी चलेगी जो कार्य में कुछ विघ्न उत्पन्न कर सकती है। इसके साथ ही केतु का गोचर प्रधानमंत्री की कुंडली में पराक्रम के स्थान में हुआ है जो इन्हें मंगल की तरह फल देगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे। इससे एक बार फिर मोदी सरकार के बनने के आसार नजर आ रहे हैं।”
23 तारीख भी वृश्चिक राशि वालों के लिये शुभ
23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम घोषित हुए। इस दिन ग्रहों की दशा व दिशा के अनुसार भी हमने प्रत्येक राशि के लिये राजनीतिक भविष्यवाणी की थी। नरेंद्र मोदी जी की राशि वृश्चिक है जिसके लिये हमने कहा था कि चंद्रमा वृश्चिक राशि से धन भाव व पराक्रम में रहेंगें साथ ही तिथि की शुरुआत के समय लग्न में बृहस्पति के होने से भी वृश्चिक राशि वाले राजनेताओं के लिये यह दिन भाग्य के बुलंद रहने व उन्हें मान-सम्मान दिलाने वाला रहा। कर्मभाव में बुधादित्य योग के चलते भी मोदी जी के लिये यह दिन शुभ परिणाम लेकर आने वाला रहा।
मोदी सरकार पार्ट 2 के सामने क्या रहेंगी चुनौतियां
2020 जनवरी तक प्रधानमंत्री के समक्ष अत्यधिक चुनौतियां रहने वाली हैं। क्योंकि शनि की साढ़े साती अंतिम चरण में चल रही है। वर्तमान में शनि वक्री भी चल रहे हैं यह भी इनके सामने मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। नेताओं को मंत्री पद वितरित करने में दुविधा का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन वर्तमान में ही बृहस्पति भी वक्र चल रहे हैं। कहा जाता है कि शुभ ग्रह के वक्री होने से हवा का रूख भी अपनी ओर मुड़ जाता है। दशा की बात करें तो चंद्रमा की महादशा इन पर वर्तमान में चल रही है। चंद्रमा ने ही कुंडली के अंदर नीचभंग राजयोग बनाया हुआ है। अंतरदशा में केतु चल रहे हैं जो कि वर्तमान में शुक्र के नक्षत्र में व शनि के साथ केंद्र से बाहर हैं। कहा जाता है पाप ग्रह का केंद्र से बाहर होना बाजी को अपनी तरफ पलटाने में माहिर होता है लेकिन चंद्र की महादशा में केतु का चलना चुनौतियां भी अधिक लेकर आता है। विशेषकर अक्तूबर तक का समय इनके लिये संघर्ष वाला रह सकता है। तत्पश्चात चंद्र में शुक्र की अंतर्दशा शुरु हो जाएगी जो कि केंद्र की दशा होगी। चंद्रमा इस समय त्रिकोण के होंगे यह कुंडली के अंदर केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बनाएंगें। कुछ महत्वपूर्ण फैसले देश हित के लिये इस समय मोदी जी द्वारा लिये जा सकते हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होने के आसार बनेंगें। चूंकि भारत देश की राशि कर्क है इसलिये इसका लाभ अधिक मिलने की उम्मीद कर सकते हैं। 2021 तक इसका प्रभाव रहेगा।
5 दिसंबर 2021 से मोदी जी की पत्रिका का रूचक महायोग पूर्ण अवस्था में कार्य करना शुरु कर देगा। लेकिन 2022 के लगभग मंगल में राहू के आने से यह समय इनके लिये रोग व शत्रु पक्ष द्वारा परेशानियां खड़ी करने वाला रहेगा। 2023 से मंगल में गुरु के आने से पुन: अपनी सूझ बूझ से इस संकट से परिस्थितियों से निकलने में कामयाब होंगे।
कुल मिलाकर मोदी जी का प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल भी काफी सफलतादायक रहने की उम्मीद की जा सकती है।
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