- Home
- Election
- Politician
- Narendra modi
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी जिस लहर के साथ सत्तासीन हुए थे क्या वो लहर अभी भी बची हुई है। क्या 2014 में एक चाय वाले का प्रधानमंत्री बनना 2019 के चौकीदार को प्रधानमंत्री बना पायेगा? 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा में जन्में नरेंद्र दामोदरदास मोदी का राजनीतिक सफर काफी संघर्षों भरा रहा है। इन्हीं संघर्षों के बूते वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने और गुजरात के सीएम रहते अपनी छवि एक विकास पुरुष के रूप में बनाई। इसी का नतीजा रहा कि 16वीं लोकसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने इन्हीं के नेतृत्व में लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए अपने बूते बहुमत हासिल किया। लेकिन पिछले पांच सालों में तस्वीर वह नहीं रही है। जिन मुद्दों को लेकर मोदी सत्तासीन हुए वे नेपथ्य में चले गये और नये मुद्दे उभर कर सामने आ गये हैं। विकास के नाम पर नरेंद्र मोदी ने 2014 का चुनाव लड़ा था। नोटबंदी, जीएसटी के मिलेजुले परिणाम उभर कर आ रहे हैं। जिन राज्यों में पहले भाजपा की सरकार नहीं थी वहां भाजपा की सरकार बनी लेकिन कुछ बड़े राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जहां वह सत्तासीन थी वहां से उसके हाथ से सत्ता छीन गई। गोवा, गुजरात जैसे कुछ राज्यों में भी उसे सरकार बनाने के लिये काफी संघर्ष करना पड़ा। गौर करने वाली बात यह है कि इन सब राज्यों में नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़े गये। फिलहाल नरेंद्र मोदी के लिये रफेल भी गले की फांस बना हुआ है लेकिन भाजपा के नेताओं के अनुसार पुलगांव में हुए आतंकी हमले बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक ने काफी कुछ कवर कर लिया है। लेकिन विपक्ष के अनुसार भाजपा द्वारा देश की सेना द्वारा लिये गये एक्शन का राजनीतिकरण किया जा रहा है। ऐसे में पेंच काफी फंसे हुए नज़र आ रहे हैं। मतदाता का क्या मूड है यह सपष्ट तौर पर नहीं जाना जा सकता। लेकिन ज्योतिष इस मामले में कुछ संकेत जरुर कर सकता है। एस्ट्रोयोगी के एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर ने नरेंद्र मोदी की कुंडली का अध्ययन किया है। ज्योतिषाचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये क्या संकेत कर रहे हैं आइये जानते हैं।