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लोकसाभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो चुका है और ऐसे में भारतीय राजनीति के धुरंधर अमित शाह की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। विरोधियों को लोहे के चने चबाने के लिए मजबूर करने वाले अमित शाह को राजनीति के जानकार चाणक्य के नाम से संबोधित कर चुके हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में शाह की रणनीति के चलते भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में सफल हुई। शाह की इसी उपलब्धि के कारण उन्हें दोबारा भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। इससे पहले अमित शाह गुजरात राज्य के गृहमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं। अमित शाह के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वे अब तक छोटे–बड़े चुनावों को मिलाकर 42 चुनाव लड़ चुके हैं और सभी में विजयी रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2014 की रणनीति तैयार करने से पूर्व शाह 1991 में लाल कृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल चुके हैं और 1996 में जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ने का फैसला किया। तब भी शाह ने ही चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला था। जब से अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष बने हैं तब से भाजपा की राजनीतिक स्थिति इतनी मजबूत हुई है कि सारा विपक्ष एक जुट होने के लिए विवश हो गया है। अमित शाह की कुटनीति का लोहा तब सब ने माना जब मणिपुर और गोवा में अधिक सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम हो गई। शाह की रणनीति से बीजेपी धीरे-धीरे कई राज्यों से कांग्रेस का सुपड़ा साफ करने में सफल हुई। परंतु 2018 में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। 2019 के लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, ऐसे में शाह के सितारे उनका कितना साथ देंगे और क्या शाह अपनी रणनीतियों से विरोधियों को रोकने में सफल होंगे? आइए जानते हैं अमित शाह की कुंडली का आकलन कर एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर क्या संकेत कर रहे हैं?