इस वर्ष 7 मार्च को राहु-केतु अपना राशि परिवर्तन कर रहे हैं जिसका सभी राशियों के जातक पर शुभ व शुभ प्रभाव निश्चित तौर पर पड़ने वाला है। इस लेख में हम उन राशियों की बात करेंगे जिनके ऊपर राहु-केतु राशि परिवर्तन का नकारात्मक तथा सामान्य प्रभाव पड़ने वाला है।
राहु-केतु को ज्योतिषशास्त्र में छाया ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार राहु-केतु यदि जातक के कुंडली में मजबूत स्थिति में होतो ये जातक को जीवन में मान-सम्मान, सामाजिक स्तर में वृद्धि तथा राजनीतिक सफलताएं प्रदान करते हैं। तो वहीं ये अगर कमजोर स्थिति में हैं तो जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेख में हम पहले ही बता चुके हैं कि 7 मार्च के दिन राहु-केतु राशि बदल रहे हैं जिससे कई राशियों के जातक को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इन राशियों के बारे में....
वृषभ
राहु के मिथुन राशि में प्रवेश करने से वृषभ राशि के जातको का अपने परिजनों के साथ वैचारिक मतभेद बढ़ सकते हैं। वृषभ राशि के लिये धन स्थान में राहू आ रहे हैं जो कि जातको के लिए धन प्राप्ति के योग भी बना रहे हैं लेकिन केतु का अष्टम भाव में शनि के साथ होना आपके लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। खासकर वाहन चलाते समय आपको सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी। तेज गति से वाहन बिल्कुल भी न चलाएं। वाहन चलाते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना आपके लिये लाभकारी साबित हो सकता है।
मिथुन
चूंकि मिथुन राशि में ही राहू प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इस राशि के जातको को इस समय थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है। किसी भी कार्य को करने या निर्णय लेने में जल्दबाजी, हड़बड़ी से बचें। ओवर कॉन्फिडेंस से भी बचकर रहें। एनर्जी लेवल काफी हाई रहने के आसार हैं। वहीं सातवें स्थान में केतु व शनि एक साथ आ रहे हैं इससे आपकी वैवाहिक जीवन में साथी के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं। एक दूसरे पर विश्वास करते हुए प्यार बनाकर रखें तो ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
कन्या
कन्या राशि वालों के लिए कर्मभाव में राहू का आना, जातको को करियर के मामले में जल्दबाजी करने से बचने के लिए संकेत कर रहा है। हालांकि यह कन्या राशि के जातको के लिये शुभ प्रभाव देने वाला है लेकिन इसके लिए इन्हें धैर्य का परिचय देना होगा। नई नौकरी व नया बिजनेस करने के इच्छुक हैं तो सफलता मिल सकती है। वहीं सुख भाव में केतु का शनि के साथ आना माता के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कोई नई चीज़ खरीदने के इच्छुक जातक, थोड़ी समझदारी के साथ खरीददारी करें। अन्यता हानि उठानी पड़ सकती है।
तुला
तुला राशि वालों के लिए राहू का राशि परिवर्तन भाग्य स्थान में हो रहा है। यह आपके भाग्य में कुछ रुकावटें पैदा कर सकता है। इस राशि के जातको की धर्म कर्म में रूचि थोड़ी कम हो सकती है। तुला राशि के जातको के लिए सलाह है कि पूजा पाठ के लिए समय निकालें जिससे आपको राहत मिल सकती है। वहीं आपकी राशि से तीसरे स्थान में केतु शनि के साथ आ रहे हैं जो कि आपके छोटे भाई बहनों के साथ वैचारिक मतभेद बढ़ा सकते हैं। पराक्रम में भी कमी हो सकती है। इस समय जातको को मन में उत्साह रखने की आवश्यकता रहेगी, नेगेटिविटी को मन में न आने दें। शनि, केतु और राहू तीनों ही इस समय आपको परेशान कर रहे हैं। मंगल की पूजा, शनि चालीसा का पाठ करने से लाभ हो सकता है। माता के मंदिर में शुक्रवार के दिन किसी सफेद वस्तु के दान से भी राहत मिल सकती है।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए राहू भाग्य स्थान से आठवें स्थान में आ रहे हैं। अष्टम भाव में क्रूर ग्रह यदि हों तो ज्योतिष में माना जाता है कि व्यक्ति के सामने परेशानियां आती तो हैं लेकिन वह उनका सामना करने में भी सक्षम रहता है। इस समय वृश्चिक राशि के जातको को अपनी हेल्थ का ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। केतु व शनि का एक साथ दूसरे स्थान में आना पेट व कमर संबंधी बिमारियों से जातक को थोड़ा परेशान कर सकते हैं। हालांकि धन के मामले में यह जातको के लिए अच्छे परिणाम लेकर आ सकते हैं। पैतृक संपत्ति से जातको को लाभ मिल सकता है।
कुंभ
कुंभ राशि वालों के लिए राहू पंचम भाव में आ रहे हैं जिससे संतान सुख में कमी आ सकती है। इस समय बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। विद्यार्थियों के लिए भी यह समय सचेत रहने का है। भ्रमित होने, भटकने के खतरे बढ़ सकते हैं। वहीं केतु व शनि की लाभ स्थान में युति करियर के मामले में आपके लिये लाभकारी रहेगी। कुछ करने की सोच रहे हैं तो उसमें भी सफलता मिलेगी।
यह राशिफल सामान्य ज्योतिषीय गणना के आधार पर बनाया गया है। जातक की कुंडली के अनुसार राहू भिन्न परिणाम लेकर आ सकते हैं। राहू-केतु की शांति के लिये आप एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से परामर्श ले सकते हैं। अभी परामर्श करने के लिए क्लिक करें।
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