सीता नवमी पर करें ये उपाय और लाएं जीवन में सुख समृद्धि।

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सीता नवमी पर करें ये उपाय और लाएं जीवन में सुख समृद्धि।

Sita Navami 2022: सीता नवमी को हिंदू धर्म में पर्व के रूप में जाना जाता है। क्योंकि इस दिन माता सीता प्रकट हुई थीं, तब से इस दिन को माता सीता के जन्‍म उत्‍सव के रूप में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस लेख में हम सीता नवमी 2022 के शुभ समय व मुहूर्त, सीता नवमी की पौराणिक कथा, क्यों रखते हैं इस दिन उपवास, राशि अनुसार सीता नवमी पर किन उपायों को करें। इसके बारे में जानेंगे। जो आपके भाग्य को बढ़ायेगा और जीवन में सुख, समृद्धि लाएगा। 

किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा अर्चना:

  • सीता नवमी मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक 
  • नवमी तिथि का प्रारंभ: 09 मई, 2022 को 6 बजकर 32 मिनट तक
  • नवमी तिथि का समाप्त: 10 मई, 2022 को शाम 07 बजकर 24 मिनट तक

सीता नवमी पर बन रहा यह शुभ संयोग:

  • इस सीता नवमी पर रवि व ध्रुव योग बन रहा है जो शुभ कार्यों को करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। विशेषज्ञ ज्योतिषीयों कहना है कि इस योग में किए गए कार्यों से जातक को अपार सफलता मिलती है। जातक सूर्य की तरह अपने क्षेत्र में चमकेगा तथा ध्रुव की तरह जातक की ख्याती मिलती है।

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सीता नवमी की क्या है पौराणिक कथा:

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में माता सीता प्राकट्य हुई थीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार सीता जी का जन्म जनकपुर में हुआ और जनकपुर का प्राचीन नाम मिथिला तथा विदेहनगरी था। कथा अनुसार, जब मिथिला के राजा जनक यज्ञ करने के लिए भूमि की जुताई कर रहे थे। तो उन्हें उस जगह से स्वर्ण घड़े में एक सुंदर सी कन्या मिली। जिसे देख राजा जनक बहुत प्रसन्न और आश्चर्यचकित हुए। क्यूंकि उनकी कोई संतान नहीं थी, तो उन्होंने उस छोटी सी बच्ची को अपनी गोद में ले लिया और उस पुत्री का नाम सीता रखा। माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है। 

क्यों रखते हैं इस दिन उपवास?

हिन्दू धर्म में जिस तरह चैत्र मास की शुक्ल पक्ष को रामनवमी को  बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, उसी तरह वैशाख शुक्ल नवमी को हम सीता नवमी (Sita Navami) मनाते हैं। मान्‍यता है कि सीता नवमी बहुत ही फलदायी है, कहते हैं कि इस नवमी के दिन सीता माता धरती पर अवतरित हुई इस कारण इस सौभाग्यशाली दिन जो भी माता सीता की पूजा विधि पूर्वक प्रभु श्री राम के साथ करता है उन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। सीता माता को धैर्य और समर्पण की देवी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्‍याएं मनोवांछित वर को प्राप्त करने के लिए यह व्रत रखती हैं। 

सीता नवमी की कैसे करें पूजा, क्या है पूजा विधि?

  • सूर्योदय से पहले उठकर, स्नान करने के बाद माता सीता का पूजन करें। 
  • घर में किसी साफ से जगह पर गंगाजल आदि छिड़ककर भूमि को पवित्र करें।
  • इसके बाद उस स्थान पर एक सुंदर सा मंडप सजाएं और सीता माता की मूर्ति को रखें। 
  • मां सीता की मूर्ति के सामने एक कलश स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें। 
  • अब रोली, अक्षत, कलावा, श्रृंगार का सामान, लाल फूलों की माला चढ़ाकर भोग लगाएं और घी या तिल का दीपक जलाकर आरती करें।
  • पूजा समाप्त होने के बाद दशमी के दिन विधि विधान से मंडप का विसर्जन करें। 

सीता नवमी पर राशिनुसार करें ये उपाय, होंगी सभी मुरादें पूरी:

यहां हम आपको आपकी राशि के अनुसार कुछ उपाय बता रहे हैं जो आपको आपके भाग्य बढ़ाने व सभी कार्यों को पूर्ण करने में मदद करेगा।

  1. मेष राशि- सीता नवमी (Sita Navami) के शुभ अवसर पर मेष राशि के लोग माता सीता को सिंदूर अर्पित करें। इससे आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी।
  2. वृष राशि- वृषभ राशि जातकों को सीता नवमी के दिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करने से जाततों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। 
  3. मिथुन राशि- सीता नवमी पर मिथुन जातकों को मां सीता को श्रृंगार सामग्री अर्पित करना इससे मां सीता का आर्शीवाद प्राप्त होगा।
  4. कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों को सीता नवमी पर मां जानकी को खीर का भोग लगाना चाहिए। जिससे जीवन में मिठास बढ़ेगा।
  5. सिंह राशि- सीता नवमी पर सिंह राशि के जातकों को भगवान श्रीराम व मां जानकी के विवाह प्रसंग को पढ़ना या सुनना चाहिए। संबंधों में आएगी मधुरता।
  6. कन्या राशि- कन्या जातक सीता नवमी (Sita Navami 2022) पर भगवान श्रीराम व माता सीता को लाल पुष्प अर्पित करें। इससे प्रेम जीवन में स्थिरता आएगी।
  7. तुला राशि- सीता नवमी पर तुला राशि के जातकों को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस उपाय से भगवान श्रीराम व माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
  8. वृश्चिक राशि- आपको सीता नवमी के पावन दिन पर अन्न दान करना चाहिए। इससे जीवन में समस्याएं कम होंगी। 
  9. धनु राशि- धनु राशि के जातक सीता नवमी के दिन वृद्ध लोगों को जरूरी चीजें भेंट स्वरूप दें। करियर में आ रहीं बाधाएं दूर होंगी।
  10. मकर राशि- सीता नवमी (Sita Navami) पर मकर जातक मां सीता व भगवान श्रीराम को मिश्री युक्त दुध का भोग लगाएं। इससे पारिवारिक संबंधों में सुधार होगा।
  11. कुंभ राशि- इस पावन दिन पर कुंभ जातकों को सुंदरकांड की पुस्तकें भेंट स्वरूप देना चाहिए। इससे आप पर माता जानकी की कृपा होगी।
  12. मीन राशि- भगवान श्रीराम व माता सीता के नाम का उच्चारण करना चाहिए। इससे मीन राशि के जातकों को अपने मन पर नियंत्रण रखने में आसानी होगी। 

आशा है इन उपायों से आपको लाभ होगा। सीता नवमी पर राशि अनुसार पूजा विधि जानने के लिए देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से परामर्श करें। अभी परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें

✍️ By- एस्ट्रोयोगी टीम

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