ज्योतिष शास्त्र से जाने सुखी वैवाहिक जीवन के मूल मंत्र

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ज्योतिष शास्त्र से जाने सुखी वैवाहिक जीवन के मूल मंत्र

हमेशा से व्यक्ति को धन- दौलत, स्वास्थ्य के साथ सुखी वैवाहिक जीवन की सबसे ज्यादा चाह रही है। किसी के पास कितनी भी सुख-सुविधा हो, कितनी भी धन- दौलत हो लेकिन जब तक उसे उत्तम गृहस्थ सुख ना मिले, ये सब बे मतलब है।

हम जानते हैं कि पति- पत्नी दोनों के घरेलू परिवेश भिन्न और दोनों अलग- अलग माहौल में पले- बढ़े होते हैं। ऐसे में जब विवाह होता है तो पति चाहता है कि उसकी पत्नी उसके घरेलू वातावरण को अपना लें जबकि ऐसा व्यावहारिक रूप से संभव नहीं, जबकि पत्नी चाहती है कि उसे मायके जैसा वातावरण मिले और वो भी संभव नहीं। ऐसे में पति- पत्नी दोनों को ही तालमेल बनाकर जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाना पड़ता है। यदि दोनों एक- दूसरे के सम्मान व भावनाओं की कद्र करते हुए वैवाहिक जीवन को बढ़ाये तो काफी हद तक परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए, कुंडली मिलान के समय इन बातों का रखें ध्यान

कुंडली में ऐसे कई दोष होते हैं जिनके कारण व्यक्ति चाहते हुए भी अच्छा वैवाहिक जीवन नहीं जी पाता। इसका प्रथम उपाय तो यह है कि विवाह वर – वधु की कुंडली मिलान के बाद की जाए। विवाह केवल गुण मिलान के आधार पर न की जाए, बल्कि जिससे भी शादी की जा रही है, उसकी कुंडली में उसके स्वास्थ्य, धन, चरित्र, गृहस्थ सुख, संतान सुख व आयु आदि को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। यदि जातक में सभी गुण मिलते हैं तभी विवाह के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

दोष को ऐसे करें दूर

विवाह करवाने का कार्य गुरु ग्रह का है परंतु वैवाहिक जीवन को चलाने का कार्य शुक्र ग्रह के अधीन है। ऐसे में व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो कुंडली में कहीं न कहीं शुक्र दुषित या ग्रह कमजोर है। ऐसे में व्यक्ति को माता लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। क्रीम रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए साथ ही सेंट, परफ्यूम व डिओ आदि का प्रयोग भी करना चाहिए। खासतौर पर वस्त्र के रंग का जातक को ख्याल रखना होगा। वस्त्र कभी भी फटे हुए व मैले-कुचेले न पहनें। गाय की सेवा करें और अपने परोसे गए भोजन में से एक भाग निकालकर गाय को खिलाएं। यदि व्यक्ति की कुंडली अनुमति दे रही है तो शुक्र ग्रह रत्न ओपल जातक धारण कर सकता है।

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पुरुष जातक अपनी पत्नी को डिजाइनर साड़ी भेंट स्वरूप देता रहे। स्त्री जातक को चाहिए कि वह गुरुवार के दिन व्रत रखकर केले के पेड़ की पूजा करें। घर के अंदर शुक्र का प्रभाव अवश्य होना चाहिए। इसके लिए घर में आंगन कच्चा होना अवश्य है। यदि किसी कारण ऐसा संभवन हो तो घर में आलू का पौधा अवश्य लगाना चाहिए या फिर कुछ मुल्तानी मिट्टी घर में लाकर रखनी चाहिए। ध्यान रखें अग्निकोण में टॉयलेट आदि न हो यानी कि ये कोण किसी भी प्रकार से दूषित न हो। व्यक्ति के शयनकक्ष में देवी- देवताओं और पितरों आदि की तस्वीर न हो। कमरे में झूला- झूलते हुए राधाकृष्ण की तस्वीर लगाना पति-पत्नी के वैवाहिक संबंधी के लिए अच्छा माना जाता है।

वैवाहिक जीवन में मंगल ग्रह

सुखी वैवाहिक जीवन में मंगल ग्रह की भी बहुत अहम भूमिका होती है, क्योंकि भवन में सभी मांगलिक कार्यों के कारक मंगलदेव होते हैं। ऐसे में यदि मंगल ग्रह के कारण समस्या खड़ी हो रही है तो मंगल ग्रह से जुड़े दान जैसे लाल कपड़ा, लाल मिठाई आदि का दान करना चाहिए। जातक के कुंडली में अन्य ग्रह भी अपना प्रभाव अपनी स्थिति के अनुसार डालते हैं, परंतु यदि जातक इन उपायों को करता है तो उसे काफी हद तक समस्या से राहत मिल सकती है।

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