Tulsi Vivah Samagri: तुलसी विवाह के लिए क्या-क्या सामान चाहिए?

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Tulsi Vivah Samagri: तुलसी विवाह के लिए क्या-क्या सामान चाहिए?

Tulsi Vivah Samagri: क्या आपने कभी सोचा है कि तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है और इसका हमारे जीवन से क्या संबंध है? हिंदू धर्म में कार्तिक मास की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह का आयोजन सदियों से होता आ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी और माता तुलसी का पवित्र विवाह संपन्न होता है।

क्या आप जानते हैं कि तुलसी विवाह करवाने से जीवन में शुभता और समृद्धि आती है? ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान से दांपत्य जीवन में प्रेम, स्थिरता और सौभाग्य का संचार होता है। यही कारण है कि हर साल भक्त पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ तुलसी विवाह का आयोजन करते हैं।

क्या आप भी इस साल तुलसी विवाह विधिवत रूप से करना चाहते हैं? इसके लिए कुछ विशेष पूजन सामग्रियों की आवश्यकता होती है। इस लेख में हम तुलसी विवाह सामग्री सूची को विस्तार से जानेंगे ताकि आप इस पवित्र अवसर को सही तरीके से मना सकें और भगवान विष्णु व माता तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

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तुलसी विवाह की सामग्री (Tulsi Vivah Samagri list)

  1. तुलसी का पौधा
  2. भगवान विष्णु या शालीग्राम जी की प्रतिमा
  3. लाल रंग का वस्त्र
  4. कपूर
  5. रोली
  6. गंगाजल
  7. घी
  8. धूप
  9. चंदन
  10. कलश
  11. आम के पत्ते
  12. पूजा की चौकी
  13. सुगाह की सामग्री (बिछुए, सिंदूर, बिंदी, चुनरी, सिंदूर, मेहंदी आदि)
  14. फल (मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, अमरुद आदि)
  15. केले के पत्ते
  16. हल्दी की गांठ
  17. नारियल

तुलसी विवाह सामग्री सूची की विस्तृत जानकारी (Tulsi Vivah Samagri List Detailed Information)

तुलसी विवाह की पूजा सामग्री बहुत ही पवित्र मानी जाती है। नीचे दी गई सूची में तुलसी विवाह में आवश्यक सभी सामग्री का विवरण दिया गया है –

1. पूजन स्थल की तैयारी के लिए सामग्री

  • तुलसी का पौधा (Tulsi Plant): यह पूजन का मुख्य भाग है। तुलसी के पौधे को गमले में रखा जाता है या भूमि में स्थिर किया जाता है।
     
  • मंडप (Mandap): तुलसी जी और शालिग्राम जी के विवाह के लिए एक छोटा मंडप तैयार किया जाता है। इसे आमतौर पर लकड़ी, बांस या सजावटी कपड़े से बनाया जाता है।
     
  • आसन: तुलसी और शालिग्राम को विराजमान करने के लिए दो छोटे आसन रखे जाते हैं।
     
  • कुशा या आसन कपड़ा: पूजारी या घर के लोग पूजा के समय जिस पर बैठें, वह पवित्र आसन।
     
  • कलश: पूजा का प्रतीक, जिसमें जल, आम पत्ते और नारियल रखा जाता है।

2. तुलसी और शालिग्राम की सजावट के लिए सामग्री

  • दुल्हन की तरह सजी तुलसी: तुलसी के पौधे को नए वस्त्रों, लाल या पीले चुनरी, बिंदी और कंगन से सजाया जाता है।
     
  • शालिग्राम जी (Lord Shaligram): भगवान विष्णु का प्रतीक स्वरूप, जिनका तुलसी से विवाह कराया जाता है।
     
  • पीत वस्त्र: शालिग्राम जी के लिए पीले रंग के कपड़े।
     
  • फूलों की माला (Garland): तुलसी और शालिग्राम को पहनाने के लिए दो सुंदर माला।
     
  • सिंदूर और हल्दी: तुलसी विवाह की रस्मों में इनका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है।
     
  • आभूषण: तुलसी के पौधे को सजीव रूप में सजाने के लिए नकली या सस्ते आभूषण।

यह भी पढ़ें: तुलसी विवाह के गीतों से पाएं सुख, समृद्धि और आशीर्वाद

3. पूजा सामग्री (Puja Samagri)

  • पान, सुपारी, लौंग, इलायची: मंगल कार्यों में शुभ मानी जाने वाली वस्तुएं।
     
  • रोली, चावल (अक्षत): पूजा में तिलक और आहुति के लिए।
     
  • दीपक और घी: तुलसी विवाह के दौरान दीपक प्रज्वलित करना शुभ होता है।
     
  • अगरबत्ती और धूप: वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए।
     
  • फूल: लाल, पीले और सफेद फूलों का प्रयोग किया जाता है।
     
  • नारियल: शुभता और संकल्प का प्रतीक।
     
  • मिष्ठान और फल: तुलसी विवाह के बाद भगवान को भोग लगाने के लिए।
     
  • गंगाजल: पवित्रता के लिए हर विधि में उपयोग किया जाता है।
     
  • दक्षिणा: ब्राह्मण को पूजा पूर्ण होने के बाद दी जाती है।

4. विवाह के लिए विशेष वस्तुएं

  • मंगलसूत्र और बिंदी: तुलसी को दुल्हन के रूप में सजाने के लिए।
     
  • कुमकुम, हल्दी, मेहंदी: सौभाग्य का प्रतीक, तुलसी माता को सजाने के लिए।
     
  • दुल्हा-दुल्हन की मूर्ति: कई घरों में तुलसी और शालिग्राम की जगह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्तियों का विवाह किया जाता है।
     
  • विवाह सूत्र या पवित्र धागा: तुलसी और शालिग्राम के मिलन के समय बांधा जाता है।
     
  • मिठाई और पंचामृत: विवाह के अंत में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

5. भोग और प्रसाद सामग्री

  • पंचामृत: दूध, दही, शहद, घी और शक्कर मिलाकर बनाया जाता है।
     
  • मिष्ठान (Sweet): तुलसी विवाह के बाद भोग के लिए लड्डू, पेड़े या गुड़ से बनी मिठाई चढ़ाई जाती है।
     
  • फल: मौसमी फल जैसे केला, नारंगी, सेब, अनार आदि।
     
  • सूखा मेवा: बादाम, काजू, किशमिश आदि, जो भोग में डाले जाते हैं।
     
  • पान सुपारी: ऐसे पूजा पूर्ण होने के बाद ब्राह्मण को दी जाती है।

यह भी पढ़ें: देवी तुलसी और भगवान विष्णु के दिव्य मिलन की पौराणिक कथा

तुलसी विवाह विधि (Tulsi Vivah Puja Vidhi)

सामग्री जुटाने के बाद तुलसी विवाह की विधि इस प्रकार होती है –

  1. स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले सभी को स्नान करना चाहिए और शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए।
     
  2. मंडप सजाना: तुलसी जी के चारों ओर सुंदर मंडप बनाकर फूलों और दीपों से सजाया जाता है।
     
  3. कलश स्थापना: कलश में जल, आम के पत्ते और नारियल रखकर स्थापना की जाती है।
     
  4. आवाहन: भगवान गणेश और भगवान विष्णु का आह्वान कर पूजा प्रारंभ की जाती है।
     
  5. तुलसी और शालिग्राम की सजावट: तुलसी माता को दुल्हन की तरह और शालिग्राम जी को दूल्हे की तरह सजाया जाता है।
     
  6. विवाह मंत्रोच्चारण: पंडित या घर का सबसे बड़ा सदस्य विवाह मंत्रों के साथ तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराता है।
     
  7. माला बदलना: तुलसी और शालिग्राम को फूलों की माला पहनाई जाती है।
     
  8. फेरे और मंगलसूत्र बांधना: प्रतीकात्मक रूप से विवाह की रस्म पूरी की जाती है।
     
  9. आरती और प्रसाद वितरण: विवाह के बाद आरती की जाती है और प्रसाद बांटा जाता है।

तुलसी विवाह के लाभ (Tulsi Vivah Ke Labh)

  • वैवाहिक जीवन में सुख: जो व्यक्ति तुलसी विवाह का आयोजन करता है, उसके दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
     
  • धन और समृद्धि की प्राप्ति: भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलने से घर में आर्थिक स्थिरता आती है।
     
  • पुण्य और मोक्ष प्राप्ति: तुलसी विवाह करवाने से व्यक्ति को वही फल मिलता है जो कन्यादान से मिलता है।
     
  • कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष फलदायक: जो कन्या इस दिन तुलसी विवाह का व्रत रखती है, उसे उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

तुलसी विवाह के दिन क्या न करें (Tulsi Vivah Ke Din kya n Karen)

  • इस दिन किसी का अपमान या झूठ बोलना अशुभ माना जाता है।
     
  • तुलसी के पौधे को छूने से पहले स्नान जरूर करें।
     
  • इस दिन मांसाहार, शराब या तामसिक भोजन से परहेज करें।
     
  • तुलसी के पत्ते शाम के समय नहीं तोड़ने चाहिए।

तुलसी विवाह हिंदू परंपरा का एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है। इस दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु के मिलन का उत्सव पूरे श्रद्धा और आनंद से मनाया जाता है। अगर आप तुलसी विवाह का आयोजन कर रहे हैं, तो ऊपर दी गई तुलसी विवाह की सामग्री आपके लिए एक पूर्ण मार्गदर्शक है। इन वस्तुओं को पहले से तैयार रखकर आप विधिवत पूजा कर सकते हैं और अपने घर में भगवान विष्णु और तुलसी माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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